झुंझुनू/खेतड़ी. वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर जिला जेल में आंदोलन किया जा रहा है. आंदोलन के तहत अनशन (Jail Policemen on Hunger Strike) पर बैठे कर्मचारियों में से एक महिला कॉन्स्टेबल की शनिवार देर रात तबीयत बिगड़ गई. जिसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया. महिला कर्मचारी का खेतड़ी के राजकीय अजीत अस्पताल में इलाज चल रहा है. जानकारी के अनुसार, अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के आह्वान पर दो दिन पहले जेल के कर्मचारियों ने वेतन विसंगति के संबंध में पूर्व में हुए समझौते की पालना नहीं होने को लेकर नारेबाजी कर विरोध जताया था. साथ ही अन्न-त्याग आंदोलन शुरू किया था.
अपनी मांगों को लेकर अनशन पर जेल प्रहरी: महिला जेल प्रहरी सुलोचना भी अपने साथी कर्मचारियों के साथ अनशन पर थी. शनिवार को शाम छह बजे से रात दस बजे तक उसकी क्वार्टर गार्ड में ड्यूटी थी. इस दौरान अचानक उसकी तबियत खराब हो गई और वह बेहोश हो गई. बेहोशी की हालत में महिला प्रहरी को खेतड़ी के राजकीय अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसका उपचार किया. जेल के कर्मचारियों ने बताया कि जेल में वर्तमान में 13 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से एक कर्मचारी के छुट्टी पर होने के कारण 12 कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनशन पर हैं. इस संबंध में डॉ. हर्ष सौभरी ने बताया कि एक महिला प्रहरी को बेहोशी की हालत में अस्पताल लेकर आए थे, जिसको ड्रिप और अन्य दवाइयां दी गई है, जिससे उसकी हालत में अभी सुधार है.
वेतन विसंगति और समझौते की पालना की मांग: वेतन विसंगति और समझौते की पालना को लेकर विरोध कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि राज्य सरकार और विभाग के अधिकारियों के बीच वेतन समझौते संबंधी मामले में 2017 में समझौता हुआ था, लेकिन इसको बावजूद सरकार ने आज तक उसे लागू नहीं किया. कर्मचारियों ने सरकार को बार-बार ज्ञापन और व्यक्तिगत रूप से मिलकर भी अवगत करवाया. वहीं, कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर सरकार गंभीर नहीं होने से अब कर्मचारियों में रोष उत्पन्न हो गया है.
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काली पट्टी बांधकर भी जाता चुके हैं विरोध: इससे पहले भी जेल के कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर सरकार का विरोध किया था. साथ ही सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक दिन का विरोध प्रदर्शन भी किया था. इस दौरान कर्मचारियों ने जल्द ही उनके समझौते लागू नहीं किए जाने पर अनिश्चितकाल के लिए अन्न-त्याग आंदोलन करने की चेतावनी दी थी. इसी के तहत ड्यूटी करते हुए अन्न-त्याग आंदोलन करने का निर्णय लिया है. खेतड़ी जेल में आंदोलन के तहत मैस का संचालन नहीं किया गया और कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनशन पर बैठ गए हैं.