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झुंझुनूं में सबसे ज्यादा हैं सर्विस वोटर, निभाते हैं निर्णायक भूमिका - वोट पोल

जहां एक तरफ सबसे ज्यादा सर्विस वोटर झुंझुनूं जिले में हैं. वहीं दूसरी तरफ ये वोटर प्रत्याशियों की हार-जीत का फैसला करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं. अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात की जाए तो इस बार करीब 18500 वोट पोल होकर प्रशासन के पास पहुंच चुके हैं.

झुंझुनू में सबसे ज्यादा हैं सर्विस वोटर
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Published : May 21, 2019, 9:16 PM IST

झुंझुनूं. राजस्थान में सबसे ज्यादा सर्विस वोटर झुंझनूं जिले में हैं. इसका कारण यह है कि सबसे ज्यादा सैनिक भी इसी जिले में हैं. इन सर्विस वोटरों की संख्या 25327 है. इनमें से करीब 18500 पोल होकर सीलबंद लिफाफे वापस प्रशासन के पास पहुंच चुके हैं. इन मतों को ETPBS (Electronically Transmitted Postal Ballot System) के नाम से जाना जाता है.

अब ये वोट हार जीत को तय करने में बडी भूमिका निभा सकते हैं. क्योंकि इस बार के लोकसभा चुनाव में उनका वोट कास्ट करवाने के लिए बड़ा हिस्सा ऑनलाइन ही हुआ है.

झुंझुनू में अब तक 18500 सर्विस वोटर हो चुके हैं पोल
जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से सैनिकों की यूनिट को ऑनलाइन वोट भेजा गया था. जहां उन्होंने बार कोड स्कैन करने पर प्रिंट निकाला. इसके बाद सैनिकों ने वोट कर लिफाफे में जिला निर्वाचन अधिकारी के पास भेज दिया है. इसके अलावा कर्मचारियों के भी 5 हजार पोस्टल बैलेट भी जिला निर्वाचन विभाग को मिले हैं.

सैनिक सर्विस वोटों ने हार को जीत में बदला
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में सैनिक सर्विस वोटरों ने हार जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी. खेतड़ी विधानसभा में तो पूर्व मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ईवीएम काउंटिंग में काफी पीछे रह गए थे. इसके बाद सैनिक सर्विस वोटों ने ही हार को जीत में तब्दील कर दिया था. जितेंद्र सिंह नजदीकी मुकाबले में केवल 957 वोटों से जीतने में सफल रहे थे.

झुंझुनूं. राजस्थान में सबसे ज्यादा सर्विस वोटर झुंझनूं जिले में हैं. इसका कारण यह है कि सबसे ज्यादा सैनिक भी इसी जिले में हैं. इन सर्विस वोटरों की संख्या 25327 है. इनमें से करीब 18500 पोल होकर सीलबंद लिफाफे वापस प्रशासन के पास पहुंच चुके हैं. इन मतों को ETPBS (Electronically Transmitted Postal Ballot System) के नाम से जाना जाता है.

अब ये वोट हार जीत को तय करने में बडी भूमिका निभा सकते हैं. क्योंकि इस बार के लोकसभा चुनाव में उनका वोट कास्ट करवाने के लिए बड़ा हिस्सा ऑनलाइन ही हुआ है.

झुंझुनू में अब तक 18500 सर्विस वोटर हो चुके हैं पोल
जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से सैनिकों की यूनिट को ऑनलाइन वोट भेजा गया था. जहां उन्होंने बार कोड स्कैन करने पर प्रिंट निकाला. इसके बाद सैनिकों ने वोट कर लिफाफे में जिला निर्वाचन अधिकारी के पास भेज दिया है. इसके अलावा कर्मचारियों के भी 5 हजार पोस्टल बैलेट भी जिला निर्वाचन विभाग को मिले हैं.

सैनिक सर्विस वोटों ने हार को जीत में बदला
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में सैनिक सर्विस वोटरों ने हार जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी. खेतड़ी विधानसभा में तो पूर्व मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ईवीएम काउंटिंग में काफी पीछे रह गए थे. इसके बाद सैनिक सर्विस वोटों ने ही हार को जीत में तब्दील कर दिया था. जितेंद्र सिंह नजदीकी मुकाबले में केवल 957 वोटों से जीतने में सफल रहे थे.

Intro:झुन्झुनूं। राजस्थान में सबसे ज्यादा सर्विस वोटर झुन्झुनूं जिले में है। इसका कारण यह है कि सबसे ज्यादा सैनिक भी इसी जिले में है। इन सर्विस वोटरों की संख्या 25327 है। इनमें से करीब 18500 पोल होकर सीलबंद लिफाफे वापस प्रशासन के पास पहुंच चुके हैं। इन मतों ईटीपीबीएस कहा जाता है, यानि Electronically Transmitted Postal Ballot System (ETPBS)
अब ये वोट हार जीत को तय करने में बडी भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि इस बार के लोकसभा चुनाव में उनका वोट कास्ट करवाने के लिए बडा हिस्सा आनलाइन ही हुआ है। जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से सैनिकों की यूनिट को आनलाइन वोट भेजा गया था। जहां उन्होंने बार कोड स्कैन करने पर प्रिंट निकाला। इसके बाद सैनिकों ने वोट जरूर लिफाफे में जिला निर्वाचन अधिकारी के पास भेज दिया है। इसके अलावा कर्मचारियों के भी 5000 पोस्टल बैलेट भी जिला निर्वाचन विभाग को मिले हैं। 











Body:सैनिक सर्विस वोटों ने हार को जीत में बदला
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में सैनिक सर्विस वोटरों ने हार जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी। खेतड़ी विधानसभा में तो पूर्व मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ईवीएम काउंटिंग में काफी पीछे रह गए थे। इसके बाद सैनिक सर्विस वोटों ने ही हार को जीत में तब्दील कर दिया था। जितेंद्र सिंह नजदीकी मुकाबले में केवल 957 वोटों से जीतने में सफल रहे थे



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