झुंझुनू. कोरोना महामारी के इस दौर में हर देश इसकी वैक्सीन खोजने का प्रयास कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर कोरोना से बचाव के लिए लोग घरों में ढेरों उपाय अपना रहे हैं. ऐसे में जब तक वैक्सीन नहीं बन जाती, तब तक इम्यूनिटी बढ़ाने में औषधीय पौधे कारगार साबित हो रहे है.
जिसको देखते हुए वन विभाग ने औषधीय वाटिका में 50 हजार से ज्यादा पौधे तैयार किया है, जो किसानों और स्थानीय लोगों को दिए जाएंगे. जिसका काढ़ा बनाकर वह पी सकेंगे और अपनी इम्यूनिटी बढ़ा सकेंगे.
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पहले से ही चल रही है मांग
बताया गया है कि विभाग के पास मार्च में ही नीम, गिलोय और इसी तरह के अन्य औषधीय पौधों की मांग की गई थी. जिस वजह से औषधीय वन वाटिका में गिलोय का पौधरोपण शुरू कर दिया था. इससे लोगों को कोरोना से बचाव में काफी मदद मिलेगी. यह पौधे विभाग की ओर से उपलब्ध करवाना शुरू कर दिए गए हैं.
नीम और गिलोय पर विशेष जोर
दरअसल, नीम तो अपने आप में औषधीय पौधा है ही, इसके अलावा गिलोय में कैल्शियम, प्रोटीन और फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो हमारे इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं. इससे हमें इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है. कोरोना से बचाव के लिए इम्युनिटी सिस्टम का मजबूत होना बेहद जरूरी है.
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विशेषज्ञों के अनुसार इसकी पत्ती को चार अंगुल में तोड़कर एक कप काढ़ा बनाकर रोजाना पीना चाहिए. गिलोय के साथ ही इसमें दालचीनी, कालीमिर्च, सोंठ और तुलसी मिला ले, तो यह और भी फायदा करता है. काढ़े की क्वॉन्टिटी 20 से 40 एमएल तक ही होनी चाहिए. वन विभाग तुलसी जैसे पौधे भी साथ में तैयार कर रहा है.