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राजस्थान का यह जिला 7 साल से है स्मोक फ्री...अब तक काटे 33 हजार से ज्यादा चालान - राजस्थान

झुंझुनू जिला प्रदेश का पहला धूम्रपान निषेध जिला है. जो 31 मई 2012 को घोषित किया गया था. सिगरेट एंड दर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट 2003 यानी COTPA एक्ट के तहत ऐसा पहला जिला बना था. जहां पर किसी भी स्कूल के बाहर तंबाकू और सिगरेट की दुकान पूरी तरह से प्रतिबंधित है. सभी चिकित्सालय और आंगनबाड़ियों मे पूरी तरह से धूम्रपान निषेध, सभी सरकारी कार्यालयों में तंबाकू उत्पादों पर पूर्णतया प्रतिबंध सहित किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पूर्णतया इन उत्पादों के उपयोग पर प्रतिबंध लागू किया गया था.

झुंझुनूं प्रदेश का पहला धूम्रपान निषेध जिला
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Published : May 31, 2019, 12:45 PM IST

झुंझुनू. जिले को प्रदेश का पहला धूम्रपान निषेध जिला घोषित करवाने में जिला प्रशासन व जिले में कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों का बड़ा योगदान रहा है. जिले में तंबाकू नियंत्रण सेल भी है. 31 मई 2012 झुंझुनूं धूम्रपान निषेध जिला घोषित हो गया था. लेकिन इस बनाए रखना अपने आप में बड़ा काम था. जिसका पूरा श्रय प्रशासन को जाता है. प्रशासन ने सख्ती बनाए रखी और इन 7 सालों में 33 हजार से ज्यादा चालान किए. इसके अलावा जिले के सबसे बड़े भगवान दास खेतान हॉस्पिटल में एक सेल का भी गठन किया गया है जो तंबाकू छुड़वाने के लिए दवाई देने के साथ-साथ काउंसलिंग भी करती है.

झुंझुनूं प्रदेश का पहला धूम्रपान निषेध जिला
जिले में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर शुक्रवार को विभिन्न गतिविधियों के साथ जागरुकता कैंपेन भी चलाए जाएंगे. इसी के तहत रोडवेज बस स्टैंड में बीडीके अस्पताल जैसे सार्वजनिक स्थलों पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा. इसके अलावा जिले के समस्त नर्सिंग स्कूलों की ओर से जागरूकता रैलियां भी आयोजित की जाएंगी. इसके पहले जनवरी महीने में जिले भर में सरकारी कार्यालय में नशा मुक्त जीवन के लिए कर्मचारियों को प्रतिज्ञा भी दिलवाई गई थी. जिसमें अलग-अलग कार्यक्रम कर 35 स्कूलों के विद्यार्थियों को भी तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में अवगत कराया गया था.

झुंझुनू. जिले को प्रदेश का पहला धूम्रपान निषेध जिला घोषित करवाने में जिला प्रशासन व जिले में कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों का बड़ा योगदान रहा है. जिले में तंबाकू नियंत्रण सेल भी है. 31 मई 2012 झुंझुनूं धूम्रपान निषेध जिला घोषित हो गया था. लेकिन इस बनाए रखना अपने आप में बड़ा काम था. जिसका पूरा श्रय प्रशासन को जाता है. प्रशासन ने सख्ती बनाए रखी और इन 7 सालों में 33 हजार से ज्यादा चालान किए. इसके अलावा जिले के सबसे बड़े भगवान दास खेतान हॉस्पिटल में एक सेल का भी गठन किया गया है जो तंबाकू छुड़वाने के लिए दवाई देने के साथ-साथ काउंसलिंग भी करती है.

झुंझुनूं प्रदेश का पहला धूम्रपान निषेध जिला
जिले में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर शुक्रवार को विभिन्न गतिविधियों के साथ जागरुकता कैंपेन भी चलाए जाएंगे. इसी के तहत रोडवेज बस स्टैंड में बीडीके अस्पताल जैसे सार्वजनिक स्थलों पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा. इसके अलावा जिले के समस्त नर्सिंग स्कूलों की ओर से जागरूकता रैलियां भी आयोजित की जाएंगी. इसके पहले जनवरी महीने में जिले भर में सरकारी कार्यालय में नशा मुक्त जीवन के लिए कर्मचारियों को प्रतिज्ञा भी दिलवाई गई थी. जिसमें अलग-अलग कार्यक्रम कर 35 स्कूलों के विद्यार्थियों को भी तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में अवगत कराया गया था.
Intro:झुंझुनू। झुंझुनू जिला प्रदेश का पहला धूम्रपान निषेध जिला है जो 31 मई 2012 को घोषित किया गया था। सिगरेट एंड दर टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट 2003 यानी cotpa एक्ट के तहत ऐसा पहला जिला बना था जहां पर किसी भी स्कूल के बाहर तंबाकू व सिगरेट की दुकान पूरी तरह से प्रतिबंधित, सभी चिकित्सालय व आंगनबाड़ियों मे पूरी तरह से धूम्रपान निषेध, सभी सरकारी कार्यालयों में तंबाकू उत्पादों पर पूर्णतया प्रतिबंध सहित किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पूर्णतया इन उत्पादों के उपयोग पर प्रतिबंध लागू किया गया था।


Body:धुम्रपान निषेध जिला बनाए रखना था बड़ा मुश्किल
जिले को प्रदेश का पहला धूम्रपान निषेध जिला घोषित करवाने में जिला प्रशासन व जिले में कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों का बड़ा योगदान था। इसके बाद से यहां पर तंबाकू नियंत्रण सेल का भी गठन किया गया था। धूम्रपान निषेध जिला घोषित किया जा चुका था लेकिन इसे बनाए रखना अपने आप में बड़ा काम था। इसके चलते प्रशासन ने सख्ती बनाए रखी और इन 7 साल में 33 हजार से ज्यादा चालान किए गए। इसके अलावा जिले के सबसे बड़े भगवान दास खेतान हॉस्पिटल में एक सेल का भी गठन किया गया है जो तंबाकू छुड़वाने के लिए दवाई देने के साथ साथ ही काउंसलिंग भी करती है।


Conclusion:आज होंगे कई कार्यक्रम
जिले में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विभिन्न गतिविधियों के साथ जागरुकता कैंपेन भी चलाए जाएंगे ।इसी के तहत रोडवेज बस स्टैंड में बीडीके अस्पताल जैसे सार्वजनिक स्थलों पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।. इसके अलावा जिले के समस्त नर्सिंग स्कूलों की ओर से जागरूकता रैलियां भी आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा जनवरी माह में जिले भर में सरकारी कार्यालय में नशा मुक्त जीवन के लिए कर्मचारियों को प्रतिज्ञा भी दिलवाई गई थी। अलग-अलग कार्यक्रम कर 35 स्कूलों के विद्यार्थियों को भी तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में अवगत कराया गया था।

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डॉक्टर सुभाष खालिया
सीएमएचओ
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