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झुंझुनूः भामाशाहों के गोद लिए वार्डों में नहीं पहुंच रहा खाना, पार्षदों ने की कलेक्टर से शिकायत

झुंझुनू में लॉकडाउन के बीच कोई भूखा ना रहे इसके लिए भामाशाहों ने कई वार्ड़ों को गोद ले रखा है. लेकिन, इन वार्डों में समय पर राशन ना पहुंचने के मामले आने पर पार्षदों ने जिला कलेक्टर से शिकायत की है.

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Published : Apr 28, 2020, 7:14 PM IST

झुंझुनू न्यूज, jhunjhunu news
पार्षद पहुंचे जिला कलेक्टर से शिकायत करने

झुंझुनू. लॉकडाउन के चलते गरीब लोगों को राशन की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे में भामाशाह भी आगे आए और उन्होंने नगर परिषद झुंझुनू के कई वार्डों को गोद ले लिया है कि अमुक जगह पर किसी भी तरह के खाद्यान्न सामग्री की जरूरत होने पर भी वितरण करेंगे.

पार्षद पहुंचे जिला कलेक्टर से शिकायत करने

लेकिन, वे सरकारी सूची के अनुसार वितरण नहीं कर पा रहे हैं और ऐसे में पार्षदों को जनता उनके वार्ड में पकड़ रही है. जिला प्रशासन की ओर से भामाशाह को गोद दिए जाने की वजह से नगर परिषद अपने स्तर पर भी वहां राशन का वितरण नहीं कर पा रही है और ऐसे में पार्षद शिकायत लेकर जिला कलेक्टर के पास पहुंचे है.

लगाई लोगों के भूखे होने की शिकायत

वहीं नगर परिषद के करीब 20 वार्डों के पार्षदों ने आरोप लगाया कि इस तरह की व्यवस्था की वजह से वार्डों में लोगों के पास राशन व्यवस्था खत्म हो गई है और भूखे मरने की नौबत आ गई है. ऐसे हालात में लोग शर्म की वजह से ज्यादा कुछ कह नहीं पा रहे हैं और पड़ोसियों से उधार लेकर काम चला रहे हैं.

पढ़ेंः लॉकडाउन में बुझती बीड़ी...यहां करीब 8 हजार मजदूरों पर गहराता जा रहा रोजी-रोटी का संकट

ऐसे मे प्रशासन की ओर से सूची बनाई गई है उन लोगों को तय समय पर राशन दिया जाना चाहिए. पार्षदों ने यह भी आरोप लगाया कि जो भामाशाह बने हुए हैं, वे उनके सामने हारे हुए लोग हैं और इसलिए उनके वार्ड में राजनीतिक आधार पर राशन का वितरण करते हैं.

जितना भामाशाह देते हैं, उससे आगे प्रशासन देगा

ऐसे में यह तय किया गया कि किसी भी भामाशाह को ज्यादा सामग्री देने के लिए विवश नहीं किया जा सकता और यदि भामाशाह सक्षम नहीं है तो वह जितना देते हैं, उतना ठीक है और उससे ज्यादा जरूरत होने पर नगर परिषद अपने स्तर पर भी राशन का वितरण कर सकेगा.

झुंझुनू. लॉकडाउन के चलते गरीब लोगों को राशन की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे में भामाशाह भी आगे आए और उन्होंने नगर परिषद झुंझुनू के कई वार्डों को गोद ले लिया है कि अमुक जगह पर किसी भी तरह के खाद्यान्न सामग्री की जरूरत होने पर भी वितरण करेंगे.

पार्षद पहुंचे जिला कलेक्टर से शिकायत करने

लेकिन, वे सरकारी सूची के अनुसार वितरण नहीं कर पा रहे हैं और ऐसे में पार्षदों को जनता उनके वार्ड में पकड़ रही है. जिला प्रशासन की ओर से भामाशाह को गोद दिए जाने की वजह से नगर परिषद अपने स्तर पर भी वहां राशन का वितरण नहीं कर पा रही है और ऐसे में पार्षद शिकायत लेकर जिला कलेक्टर के पास पहुंचे है.

लगाई लोगों के भूखे होने की शिकायत

वहीं नगर परिषद के करीब 20 वार्डों के पार्षदों ने आरोप लगाया कि इस तरह की व्यवस्था की वजह से वार्डों में लोगों के पास राशन व्यवस्था खत्म हो गई है और भूखे मरने की नौबत आ गई है. ऐसे हालात में लोग शर्म की वजह से ज्यादा कुछ कह नहीं पा रहे हैं और पड़ोसियों से उधार लेकर काम चला रहे हैं.

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ऐसे मे प्रशासन की ओर से सूची बनाई गई है उन लोगों को तय समय पर राशन दिया जाना चाहिए. पार्षदों ने यह भी आरोप लगाया कि जो भामाशाह बने हुए हैं, वे उनके सामने हारे हुए लोग हैं और इसलिए उनके वार्ड में राजनीतिक आधार पर राशन का वितरण करते हैं.

जितना भामाशाह देते हैं, उससे आगे प्रशासन देगा

ऐसे में यह तय किया गया कि किसी भी भामाशाह को ज्यादा सामग्री देने के लिए विवश नहीं किया जा सकता और यदि भामाशाह सक्षम नहीं है तो वह जितना देते हैं, उतना ठीक है और उससे ज्यादा जरूरत होने पर नगर परिषद अपने स्तर पर भी राशन का वितरण कर सकेगा.

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