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अर्बन सर्कुलर फॉरेस्ट का लोकार्पण: केंद्रीय जीएसटी विभाग के सहयोग से लगाए 100 से ज्यादा प्रजाति के 11 हजार पौधे - Urban Circular Forest

कुचामनसिटी में अर्बन सर्कुलर फॉरेस्ट के लोकार्पण कार्यक्रम में 100 से ज्यादा प्रजाति के 11 हजार पौधे लगाए गए.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

Urban Circular Forest in Kuchaman City
अर्बन सर्कुलर फॉरेस्ट का लोकार्पण (ETV Bharat Kuchaman City)

कुचामनसिटी: अगर किसी को जीना है, तो पौधे लगाना सीख लीजिए. ये कहना है केंद्रीय जीएसटी विभाग के मुख्य आयुक्त महेंद्र रंगा का जो कुचामनसिटी में 11 हजार पौधे लगाकर विकसित किए जा रहे अर्बन सर्कुलर फॉरेस्ट के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

100 से ज्यादा प्रजाति के 11 हजार पौधे (ETV Bharat Kuchaman City)

जीएसटी निरीक्षक राजेश कुमावत ने बताया कि कुचामनसिटी में सीजीएसटी विभाग के मुख्य आयुक्त महेंद्र रंगा ने अर्बन सर्कुलर फॉरेस्ट का लोकार्पण किया. इस अवसर पर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन संवर्धन परिषद के राष्ट्रीय निदेशक डॉक्टर सोहन चौधरी, पदमश्री और प्रदेश में पर्यावरण के ब्रांड एंबेसेडर हिम्मताराम भांभू, पदमश्री सुंडाराम, श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामरतन विश्नोई भी मौजूद रहे.

पढ़ें: विश्व पर्यावरण दिवस 2021: पर्यावरण के सच्चे पहरेदार हैं हनुमानगढ़ के लाधुसिंह भाटी

कुचामनसिटी के नए खेल स्टेडियम के पास सेंट्रल जीएसटी विभाग, जोधपुर के सहयोग से बरगद संरक्षण फाउंडेशन की ओर से किए जा रहे वनीकरण अभियान की खास बात ये है कि पौधे लगाने में वेस्ट पदार्थों का प्रयोग कर वनीकरण किया गया है. ये नवाचार स्वदेशी विधि पर आधारित है. ये वनीकरण स्थानीय शहरी समस्याओं के समाधान का माध्यम है जिसमें वेस्ट मटेरियल के साथ वेस्ट वाटर को रीसाइकलिंग कर प्रयोग में लिया जा रहा है. इसमें 11000 पौधों का रोपण किया गया है, जिसमें डीडवाना—कुचामन और नागौर जिले की 100 से ज्यादा प्रजातियां शामिल हैं.

पढ़ें: क्या आपने देखा है प्रोसोपिस जूलीफ्लोरा के पेड़ों का ऐसा मनोरम दृश्य

कुचामन शहर के ऑर्गेनिक वेस्ट मटेरियल का ज्यादा से ज्यादा उपभोग करके पौधारोपण करना और पर्यावरणीय जागरुकता का प्रसार करना ही अर्बन सर्कुलर फॉरेस्ट विकसित करने का मकसद है. अर्बन सर्कुलर फॉरेस्ट में पौधे लगाने में नारियल के छिलकों, खरपतवार, किचन वेस्ट, प्रतिभोज के वेस्ट, कृषि अवशेष, सब्जी मंडी वेस्ट, पेड़—पौधों की सूखी पत्तियां आदि को उपयोग में लिया गया है. पौधों के लिए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम भी लगाया गया ताकि पानी की एक एक बूंद उपयोग में ली जा सके.

कुचामनसिटी: अगर किसी को जीना है, तो पौधे लगाना सीख लीजिए. ये कहना है केंद्रीय जीएसटी विभाग के मुख्य आयुक्त महेंद्र रंगा का जो कुचामनसिटी में 11 हजार पौधे लगाकर विकसित किए जा रहे अर्बन सर्कुलर फॉरेस्ट के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.

100 से ज्यादा प्रजाति के 11 हजार पौधे (ETV Bharat Kuchaman City)

जीएसटी निरीक्षक राजेश कुमावत ने बताया कि कुचामनसिटी में सीजीएसटी विभाग के मुख्य आयुक्त महेंद्र रंगा ने अर्बन सर्कुलर फॉरेस्ट का लोकार्पण किया. इस अवसर पर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन संवर्धन परिषद के राष्ट्रीय निदेशक डॉक्टर सोहन चौधरी, पदमश्री और प्रदेश में पर्यावरण के ब्रांड एंबेसेडर हिम्मताराम भांभू, पदमश्री सुंडाराम, श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामरतन विश्नोई भी मौजूद रहे.

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कुचामनसिटी के नए खेल स्टेडियम के पास सेंट्रल जीएसटी विभाग, जोधपुर के सहयोग से बरगद संरक्षण फाउंडेशन की ओर से किए जा रहे वनीकरण अभियान की खास बात ये है कि पौधे लगाने में वेस्ट पदार्थों का प्रयोग कर वनीकरण किया गया है. ये नवाचार स्वदेशी विधि पर आधारित है. ये वनीकरण स्थानीय शहरी समस्याओं के समाधान का माध्यम है जिसमें वेस्ट मटेरियल के साथ वेस्ट वाटर को रीसाइकलिंग कर प्रयोग में लिया जा रहा है. इसमें 11000 पौधों का रोपण किया गया है, जिसमें डीडवाना—कुचामन और नागौर जिले की 100 से ज्यादा प्रजातियां शामिल हैं.

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कुचामन शहर के ऑर्गेनिक वेस्ट मटेरियल का ज्यादा से ज्यादा उपभोग करके पौधारोपण करना और पर्यावरणीय जागरुकता का प्रसार करना ही अर्बन सर्कुलर फॉरेस्ट विकसित करने का मकसद है. अर्बन सर्कुलर फॉरेस्ट में पौधे लगाने में नारियल के छिलकों, खरपतवार, किचन वेस्ट, प्रतिभोज के वेस्ट, कृषि अवशेष, सब्जी मंडी वेस्ट, पेड़—पौधों की सूखी पत्तियां आदि को उपयोग में लिया गया है. पौधों के लिए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम भी लगाया गया ताकि पानी की एक एक बूंद उपयोग में ली जा सके.

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