झुंझुनू. कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में केंद्र सरकार और किसानों के बीच किसी प्रकार की सुलह होने के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं. एक ओर आंदोलन लंबा खींचता देख किसान अब आगे की रणनीति बनाने लगे हैं. वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के हस्तेक्षप के बाद केंद्र सरकार भी इन तीनों कृषि कानून को लेकर पीछे हटने का तैयार नहीं है. झुंझुनू में बुधवार को किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया.
बुधवार को जिला मुख्यालय पर चल रहा किसानों का धरना 29वें दिन नेमीचंद पूनिया की अध्यक्षता में जारी रहा. शहीद भगत सिंह विचार मंच के संयोजक एडवोकेट बजरंगलाल ने बताया कि बुधवार दोपहर को धरना स्थल पर आदेशों की प्रतियां जलाकर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया गया है.
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वहीं, सुमेर बुडानिया और कैप्टन मोहनलाल ने कहा कि भाजपा सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट को दखल देकर काले कानूनों को होल्ड पर रखना पड़ा है. धरने को फूलचंद बुडानिया, सहदेव कस्वा, एडवोकेट विक्रम दूलड़, बाबूलाल थालौर, उम्मेदसिंह पूनिया, त्रिलोक सिंह ने भी संबोधित किया. इसके अलावा धरने में एडवोकेट रणजीत सिंह, एडवोकेट अजीज अली खां, नरेश ढाका, मदन गिल, रणवीर धनखड़, राजेश महला, कैप्टन बीरबलराम, महिपाल सिंह बाबल, रामेश्वर सिंह शेखसरिया, जयसिंह पूनिया, शीशराम सिहाग, अब्दुल जब्बार, बनवारीलाल, सुरेंद्र बुडानिया, मोहम्मद असलम मोगिया और रामोतार सिंह सहित कई किसानों ने हिस्सा लिया.
शाहजहांपुर बॉर्डर तक किसानों के पहुंचने का सिलसिला जारी
झुंझुनू से शाहजहांपुर बॉर्डर तक किसानों के पहुंचने का सिलसिला अभी भी जारी है. किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष फूलचंद ढेवा, बजरंग महला, जगदीश चारावास, मिथलेस, शीशराम गोठवाल, राजेंद्र कुमार समेत कई किसान शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंचे. वहीं, यूथ कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अविनाश महला ने बताया कि कृषि कानूनों के बारे में जनजागृत अभियान चलाया जाएगा.