झुंझुनू. पानी और राजस्थान. दोनों के बीच एक अनकहा रिश्ता है. दोनों एक-दूसरे से दूर होकर भी कभी ना बिछड़ने वाले पहलू हैं. राजस्थान में पानी के संरक्षण के लिए सदियों से काम होते आए हैं. जोहड़, बावड़िया, पोखर खुदवाने और उनके संरक्षण का काम हमेशा से समाज लेता आया है. पाइप और नल के इस दौर में जब आधुनिक पीढी अपने इस दायित्व को भूलने लगी तो ईटीवी भारत ने समाज के साथ इसे पुनर्जीवित करने का जिम्मा उठाया.
प्रदेश में तालाब, जोहड़ और बावड़ियों के संरक्षण और उनकी खुदाई की शुरूआत ईटीवी भारत झुंझुनू जिले से करने जा रहा है. यह एक ऐसा अभियान होगा जो राजस्थान ही नहीं पूरे देश में जन-जन की आवाज बनेगा. झुंझुनू मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर इस बांके की जोहड़ी को पुनर्जीवित करने की बात जब ईटीवी भारत ने स्थानीय सरपंच गिरधारी लाल लाल खिचड़.और प्रधान के समक्ष रखी तो उनका दिल बाग-बाग हो गया. उन्होंने कहा कि हम इसे शिद्दत से करना चाहते थे लेकिन कोई हाथ नहीं मिल रहा था...ईटीवी भारत का अब साथ मिल गया है तो अब जोहड़ी को फिर से जीवित करने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता...और इस अच्छे काम में गांव वालों को स्थानीय हैलेना कौशिक महिला कॉलेज का भी साथ मिल गया.
हमारा रिपोर्टर सही बता रहा है कि पहले जोहड़ी का पानी खेजड़ी के तने तक पहुंच जाता था...आप अंदाजा लगा सकते हैं कि पहले जोहड़ी में कितना पानी भरा रहता होगा.जब इस अभियान के बारे में झुंझुनू जिला कलेक्टर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं सारे कार्यक्रम छोड़कर इसमें शामिल होऊंगा...और देखिए वे आए भी. आज तक जलसंरक्षण, पानी की सफाई आदि के कई कार्यक्रम चलाए गए हैं लेकिन देश में ऐसा पहली बार होगा जब कोई मीडिया ही नहीं नीजि संस्थान तालाबों की खुदाई करने जा रहा है.
इस जन-अभियान में ना सिर्फ पुराने तालाब और जोहड़ियों को पुनर्जीवित किया जाएगा बल्कि प्राकृतिक बहाव क्षेत्र में नए तालाब भी जन-सहयोग से खोदे जाएंगे...और खुद जिला कलेक्टर कह रहे हैं वे ईटीवी भारत की इस मुहिम को भारत सरकार को भेजेंगे. हम आपको बताना चाहते हैं कि यह ईटीवी भारत की मुहिम नहीं है...यह आपकी मुहिम है...आपको इसे सफल बनाना है...ईटीवी भारत तो सिर्फ सेतू है...पानी और आपके बीच में....