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स्पेशल स्टोरी: भक्तों के लिए 24 घंटे खुले रहते हैं भगवान शिव के इस मंदिर के दरवाजे

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Published : Feb 21, 2020, 5:42 PM IST

झुंझुनू के बावलिया बगीची स्थित शिवलिंग शहर के लोगों की आस्था का केंद्र है. ये शिवलिंग शहर के सबसे पुराने शिवलिंग में से है. करीब 250 साल पुराने इस शिवलिंग के दर्शन के लिए रोजाना एक हजार से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं. बावलिया बगीची के दरवाजे 24 घंटे खुले रहते हैं.

महाशिवरात्रि स्पेशल, Lord Shiva Temple,  स्पेशल स्टोरी
झुंझुनू में भगवान शिव का 250 साल पुराना मंदिर

झुंझुनू. महाशिवरात्रि के मौके पर पूरे देश में माहौल भक्तिमय है और कहा जाता है कि जिस पर भोले की कृपा हो जाए, उसका बेड़ा पार हो जाता है. झुंझुनू में भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर माना जाता है, जहां अगर भोलेनाथ को कृपा बरसानी होती है तो ही वो अपने भक्तों को 40 दिन पूजा करने की स्वीकृति देते हैं. स्वीकृति नहीं मिलने पर कोई ना कोई संकट ऐसा आज जाता है कि 40 दिन की नियमित पूजा में कोई ना कोई अंतराल पैदा हो जाता है.

इस मंदिर के दरवाजे 24 घंटे खुले रहते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि यहां माना जाता है कि भगवान के दरवाजे भक्तों के लिए हमेशा खुले रहते हैं. लेकिन, इंसान ही भगवान के घर मंदिर के दरवाजे लगाकर उन्हें बंद कर देता है. करीब 250 साल पुराने इस शिवलिंग के दर्शन के लिए रोजाना एक हजार से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं. यहां शिवलिंग शहर के सबसे पुराने शिवलिंग में से है.

झुंझुनू में भगवान शिव का 250 साल पुराना मंदिर

पढ़ें: आज है महाशिवरात्रि, भोलेनाथ के मंदिरों में उमड़े भक्त

स्थानीय लोगों की मान्यता है कि जो श्रद्धालु बावलिया बगीची में स्थापित शिवलिंग की जो भी नियमित पूजा करता है, उसके संकट भोलेनाथ दूर करते हैं. शिवलिंग के दर्शन के लिए सुबह से लेकर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. मंदिर के दरवाजे रात को भी खुले होने के चलते कई श्रद्धालु रात के वक्त भी पूजा करने आते हैं. यहां के दुकानदार शिवलिंग का अभिषेक करके ही अपनी दुकानों पर जाते हैं.

ये है विशेष मान्यता

माना जाता है कि बावलिया बगीची स्थित शिवलिंग की नियमित रूप से 40 दिन तक पूजा और दर्शन करने से कोई आपदा नहीं आती है. लोगों की मान्यता है कि जिस पर भोलेनाथ की कृपा नहीं होती है, उनके नियमित पूजा में कुछ ना कुछ व्यवधान आ जाता है. इससे वो श्रद्धालु नियमित पूजा नहीं कर पाता है.

झुंझुनू. महाशिवरात्रि के मौके पर पूरे देश में माहौल भक्तिमय है और कहा जाता है कि जिस पर भोले की कृपा हो जाए, उसका बेड़ा पार हो जाता है. झुंझुनू में भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर माना जाता है, जहां अगर भोलेनाथ को कृपा बरसानी होती है तो ही वो अपने भक्तों को 40 दिन पूजा करने की स्वीकृति देते हैं. स्वीकृति नहीं मिलने पर कोई ना कोई संकट ऐसा आज जाता है कि 40 दिन की नियमित पूजा में कोई ना कोई अंतराल पैदा हो जाता है.

इस मंदिर के दरवाजे 24 घंटे खुले रहते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि यहां माना जाता है कि भगवान के दरवाजे भक्तों के लिए हमेशा खुले रहते हैं. लेकिन, इंसान ही भगवान के घर मंदिर के दरवाजे लगाकर उन्हें बंद कर देता है. करीब 250 साल पुराने इस शिवलिंग के दर्शन के लिए रोजाना एक हजार से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं. यहां शिवलिंग शहर के सबसे पुराने शिवलिंग में से है.

झुंझुनू में भगवान शिव का 250 साल पुराना मंदिर

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स्थानीय लोगों की मान्यता है कि जो श्रद्धालु बावलिया बगीची में स्थापित शिवलिंग की जो भी नियमित पूजा करता है, उसके संकट भोलेनाथ दूर करते हैं. शिवलिंग के दर्शन के लिए सुबह से लेकर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. मंदिर के दरवाजे रात को भी खुले होने के चलते कई श्रद्धालु रात के वक्त भी पूजा करने आते हैं. यहां के दुकानदार शिवलिंग का अभिषेक करके ही अपनी दुकानों पर जाते हैं.

ये है विशेष मान्यता

माना जाता है कि बावलिया बगीची स्थित शिवलिंग की नियमित रूप से 40 दिन तक पूजा और दर्शन करने से कोई आपदा नहीं आती है. लोगों की मान्यता है कि जिस पर भोलेनाथ की कृपा नहीं होती है, उनके नियमित पूजा में कुछ ना कुछ व्यवधान आ जाता है. इससे वो श्रद्धालु नियमित पूजा नहीं कर पाता है.

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