झुंझुनू. ग्राम पंचायतों के सरपंच और प्रशासकों द्वारा केवल अपने चहेते लोगों को ही पंचायत के कार्यों और सामग्री खरीद का ठेका देने के प्रयासों पर जिला परिषद के आदेशों से ब्रेक लग गया है. विभागीय निर्देशानुसार चालू वितीय वर्ष के लिए पंचायतीराज संस्थाओं द्वारा खरीदी जाने वाली सामग्री और सेवाओं के लिए ठेके की कार्रवाई गत मार्च के अंत तक पूर्ण करनी थी, लेकिन कोरोना संकट के कारण यह कार्रवाई सम्भव नहीं हो पाई थी. वहीं, अब आनन-फानन में काम करना चाहते हैं.
गुपचुप तरीके से करना चाहते हैं काम...
जब लॉक डाउन में छूट मिली तो कुछ ग्राम पंचायतों ने गुपचुप तरीके से ग्राम पंचायत कार्यालयों में ठेके फाइनल करने के प्रयास किए थे. गत दिनों नवलगढ़ ब्लॉक की बिरोल पंचायत के सरपंच तथा सचिव द्वारा टेंडर कॉपी नहीं लेने और फाड़ देने पर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हुआ था.
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इस प्रकार की संभावित गड़बड़ियों की संभावना के चलते जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट द्वारा सभी विकास अधिकारियों को पाबन्द किया गया है कि ग्राम पंचायतों के द्वारा की जाने वाली टेंडर कार्रवाई का व्यापक प्रचार प्रसार करने और जून के अंत तक सभी पंचायतों में यह कार्रवाई पूर्ण कर लेने के आदेश दिए हैं.
अब टेंडर की करनी होगी वीडियोग्राफी...
टेंडर कार्रवाई पंचायत समिति के लेखाधिकारी और अभियंता की मौजूदगी में करने और सम्पूर्ण कार्रवाई की वीडियोग्राफी करवाने के निर्देश दिए गए हैं. इससे ना केवल पारदर्शिता रहेगी, बल्कि भविष्य में किसी भी तरह का विवाद उठने पर सबूत के तौर पर भी पेश किया जा सकेगा.