मंडावा (झुंझुनूं). मंडावा विधानसभा उप चुनाव में जहां कांग्रेस ने अपने परम्परागत चेहरे और पूर्व विधायक रीटा चौधरी को चुनावी रण में उतारा है तो वहीं रीटा चौधरी का मुकाबला कांग्रेस से बीजेपी में आई सुशीला सिंगड़ा से है. ऐसे में मंडावा विधानसभा की जनता के मन में विधानसभा उप चुनाव को लेकर क्या चल रहा है इसके लिए लोगों से बात कर नब्ज टटोलने की कोशिश की गई.
दरअसल, बाजार की जो चर्चा होती है वह हमेशा राजनीति का केंद्र होती है और यदि आप वहां थोड़ी देर बैठे तो हवा का ठीक-ठाक अंदाजा हो जाता है. मंडावा अपने आप एक उनिंदा सा शहर है. जहां की बड़ी संख्या में सेठ, साहूकार अपने मूल स्थानों को छोड़कर महानगरों में कमाने खाने चले गए, लेकिन मंडावा के पुराने बाजार लोगों के बैठने के अड्डे हैं, जहां राजनीति की चर्चा होती रहती है.
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ऐसे में मंडावा विधानसभा उप चुनाव होने वाला है. लेकिन जब आप यहां चर्चा शुरू करते हैं तो लोग सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम गिनाते हैं, सीधे अशोक गहलोत की प्रशंसा या निशाना साधते हैं. व्यापारी है वो मंदी की बात करते हैं. मंडावा के बाजार में खड़े होकर जब ईटीवी भारत ने स्थानीय लोगों से बात करना शुरू किया तो लोग यहां तक कहते हैं कि रौनक कहां से आ सकती है बाजार के हालात तो यहां तक है कि खड़े होकर क्रिकेट खेल सकते हैं. जब बाजार में रौनक नहीं तो चुनाव भी तो फिके ही नजर आएंगे.
समर्थक करते हैं जीत का दावा
वहीं लोग अनुच्छेद 370 की तो बात करते हैं. मंदी की बात करते करते हुए भी अपनी-अपनी पार्टी की जीत का भी दावा करते हैं. कई समर्थक तो यह कह देते हैं की टक्कर ही नहीं है. लोगों को यह भी उम्मीद है कि केवल दो ही जगह उपचुनाव होने की वजह से कई स्टार प्रचारकों को भी सुनने का मौका मिलेगा. हालांकि समय बचे होने की वजह से कुछ माहौल फीका जरूर नजर आता है, लेकिन जैसे-जैसे समय नजदीक आएगा माहौल भी बनता जाएगा.