जयपुर : 16वीं राजस्थान विधानसभा के तृतीय सत्र 40 दिन चलाए जाने का लक्ष्य है. सदन शांति पूर्ण चले और इसमें सभी विधानसभा सदस्यों का सहयोग रहे, इसको लेकर अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक होगी. बैठक में सत्र के सुचारू संचालन के लिए सभी दलों के जनप्रतिनिधिगण से चर्चा की जाएगी.
विधानसभा 40 दिन चलाने का लक्ष्य : राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि 16वीं राजस्थान विधानसभा के तृतीय सत्र को 40 दिन चलाए जाने का लक्ष्य तय किया है. उन्होंने कहा है कि इसके लिए पूरे प्रयास किए जाएंगे. यह सत्र कागज रहित और कागज सहित दोनों तरह से चलाया जाएगा. राजस्थान विधानसभा के सदस्यगण को पेपरलेस प्रकिया का सामूहिक और व्यक्तिगत दोनों ही तरह से प्रशिक्षण दे दिया गया है. वन नेशन-वन एप्लीकेशन के तहत नेवा के अधिकारियों की ओर से सदन में भी सदस्यों को ऑनलाइन प्रक्रिया में मदद प्रदान की जाएगी.
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सर्वदलीय बैठक : देवनानी ने बताया है कि तृतीय सत्र के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है. इसमें सत्र के सुचारू संचालन के लिए सभी दलों के जनप्रतिनिधियों से चर्चा की जाएगी. बता दें कि 16 विधानसभा के दूसरे सत्र में विपक्ष के विधायकों की ओर से सदन में किए गए हंगामे के बीच कार्यवाही को कई बार स्थगित करना पड़ा था. इतना ही नहीं कांग्रेस के एक विधायक मुकेश भाकर को तो सदन की कार्यवाही में भाग लेने से भी मना कर दिया गया था. सदन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को भी सदन में अपशब्द बोलने के चलते माफी मांगनी पड़ी थी. लिहाजा पूर्व की भांति इस बार भी सदन में हंगामा या ऐसा माहौल नहीं बने, जिससे कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से संचालन में कोई दिक्कत आए, इसको लेकर सर्वदलीय बैठक में चर्चा होगी.
प्रश्नों के जवाब आने में हुई प्रगति : वासुदेव देवनानी ने बताया है कि 16वीं विधानसभा में पूछे गए प्रश्नों में से 88 प्रतिशत के जवाब विधानसभा को प्राप्त हो गए हैं. 16वीं विधानसभा में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को 10049 प्रश्न भिजवाए गए थे. अब इसमें से 1246 प्रश्नों के जवाब आने शेष हैं. 15वीं विधानसभा के भी बकाया 5 हजार प्रश्नों में से 70 प्रतिशत प्रश्नों के जवाब विधानसभा को प्राप्त हो गए हैं. इसके लिए उनके स्तर पर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की दो बार विधानसभा में बैठक बुलाई गई और मुख्य सचिव को भी इस संबंध में पत्र भेजा गया. शेष प्रश्नों के जवाब भी सत्र आरम्भ होने से पहले विधानसभा को मिल जाएंगे. उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान प्रश्नकाल और शून्यकाल में राज्य सरकार के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों को अधिकारी दीर्घा में मौजूद रहने के लिए भी राज्य सरकार को कहा गया है.