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नाबालिगों को अनूठी सजा: दो साल तक अस्पताल में करना होगा झाड़ू-पोछा, हफ्ते में 30 घंटे करना होगा काम - MINORS PUNISHED

झुंझुनू कोर्ट ने 5 साल पुराने एक मामले में दो नाबालिगों को अनोखी सजा सुनाई है. पढ़िए पूरी खबर...

नाबालिगों को अनूठी सजा
नाबालिगों को अनूठी सजा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 30, 2025, 12:00 PM IST

Updated : Jan 30, 2025, 12:12 PM IST

झुंझुनू : प्रतापपुरा-मठ स्थित शराब की दुकान में तोड़फोड़ और फायरिंग कर डेढ़ लाख रुपए लूटने के पांच साल पुराने मामले में बाल न्यायालय (सेशन न्यायाधीश) ने दो नाबालिगों को अनूठी सजा सुनाई है. न्यायालय ने दोनों नाबालिगों को दो साल तक सरकारी अस्पताल में झाड़ू-पोछा करने और दस-दस हजार रुपए जुर्माना भरने का आदेश दिया है.

बाल न्यायालय (सेशन जज) की न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दोनों नाबालिगों को बिना वेतन सरकारी अस्पताल के वार्डों और किचन में सफाई करनी होगी. उन्हें हर सप्ताह कम से कम 30 घंटे काम करना होगा, जिसकी निगरानी सीएमएचओ करेंगे और हर तीन महीने में रिपोर्ट न्यायालय में पेश करेंगे. दोनों दोषियों को 10 फरवरी को न्यायालय में पेश होना होगा.

भारत भूषण शर्मा, लोक अभियोजक (ETV Bharat Jhunjhunu)

पढ़ें. नाबालिग को बेचने का प्रयास करने और दुष्कर्म में सहयोग करने वाली महिला को आजीवन कारावास

क्या था मामला? : 7 मई 2020 को बगड़ थाना क्षेत्र में संदीप कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि शराब की दुकान पर बिना नंबर की तीन गाड़ियों में सवार होकर आए बदमाशों ने फायरिंग की. दुकान में तोड़फोड़ की और गल्ले से डेढ़ लाख रुपए लूट लिए. इस दौरान एक वैन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया. पुलिस ने मामले में दोनों नाबालिगों को निरुद्ध कर किशोर न्याय बोर्ड, झुंझुनू में चालान पेश किया, जहां से मामला बाल न्यायालय में ट्रांसफर हुआ. राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक भारत भूषण शर्मा ने 25 गवाहों के बयान कराए और 205 दस्तावेज पेश किए. न्यायालय ने डकैती की धारा से दोनों को बरी कर दिया, लेकिन हमला और तोड़फोड़ करने का दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई है.

झुंझुनू : प्रतापपुरा-मठ स्थित शराब की दुकान में तोड़फोड़ और फायरिंग कर डेढ़ लाख रुपए लूटने के पांच साल पुराने मामले में बाल न्यायालय (सेशन न्यायाधीश) ने दो नाबालिगों को अनूठी सजा सुनाई है. न्यायालय ने दोनों नाबालिगों को दो साल तक सरकारी अस्पताल में झाड़ू-पोछा करने और दस-दस हजार रुपए जुर्माना भरने का आदेश दिया है.

बाल न्यायालय (सेशन जज) की न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दोनों नाबालिगों को बिना वेतन सरकारी अस्पताल के वार्डों और किचन में सफाई करनी होगी. उन्हें हर सप्ताह कम से कम 30 घंटे काम करना होगा, जिसकी निगरानी सीएमएचओ करेंगे और हर तीन महीने में रिपोर्ट न्यायालय में पेश करेंगे. दोनों दोषियों को 10 फरवरी को न्यायालय में पेश होना होगा.

भारत भूषण शर्मा, लोक अभियोजक (ETV Bharat Jhunjhunu)

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क्या था मामला? : 7 मई 2020 को बगड़ थाना क्षेत्र में संदीप कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि शराब की दुकान पर बिना नंबर की तीन गाड़ियों में सवार होकर आए बदमाशों ने फायरिंग की. दुकान में तोड़फोड़ की और गल्ले से डेढ़ लाख रुपए लूट लिए. इस दौरान एक वैन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया. पुलिस ने मामले में दोनों नाबालिगों को निरुद्ध कर किशोर न्याय बोर्ड, झुंझुनू में चालान पेश किया, जहां से मामला बाल न्यायालय में ट्रांसफर हुआ. राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक भारत भूषण शर्मा ने 25 गवाहों के बयान कराए और 205 दस्तावेज पेश किए. न्यायालय ने डकैती की धारा से दोनों को बरी कर दिया, लेकिन हमला और तोड़फोड़ करने का दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई है.

Last Updated : Jan 30, 2025, 12:12 PM IST
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