झुंझुनू. प्रदेश सहित पूरे देश के राजमार्गों पर टोल वसूलना रोजमर्रा की बात है. सड़कों की देखरेख के लिए ये टोल किया जाता है. लेकिन इस टोल वसूली में वो ग्रामीण पिसते है, जिनको रोजाना उस टोल से गुजरना होता है और हर बार टोल की पर्ची कटानी पड़ती है. ऐसी ही कुछ परेशानी से इन दिनों झुंझुनू जिले के ढिगाल और देवगांव (नुआ) के लोग जूझ रहे हैं. इसके चलते ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर टोल को हटाने या फिर उनका टोल माफ करने की मांग की हैं.
क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि क्षेत्र की दूरी टोल प्लाजा से 5 किलोमीटर की हैं, उक्त पंचायतों में लगभग 8 गांव आते हैं, जिनमें ज्यादातर लोग कृषक हैं. इन लोगों को अपने कऋषि कार्य हेतु उस रास्ते से गुजरना पड़ता हैं. इसके अलावा उक्त पंचायत के लोग अपने निजी और व्यवसायिक कार्यों के लिए आते-जाते रहते हैं.
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नाजायज रूप से होती है टोल की वसूली
इस टोल से गुजरने वाले प्रत्येक ग्रामीणों से नाजायज रूप से टोल की वसूली की जाती है, जबकि उक्त अस्थाई टोल प्लाजा पंचायत से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर ही हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इस अस्थाई टोल प्लाजा को जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया जाए, जिससे उक्त पंचायत के लोगों को वसूली की जा रही गलत टोल राशि से छुटकारा मिल सकें.