झुंझुनू. कोरोना के प्रकोप के चलते हर कोई असहाय होता नजर आ रहा है और हर रोज कोई दुखद कहानी सामने आ रही है. संक्रमण काल में फिर एक ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें एक मां खुद तो कोरोना से जंग हार गई, लेकिन गर्भ में पल रही अपनी संतान को जीवन दे गई.
जानकारी के अनुसार बगड़ के वार्ड नंबर तीन से पार्षद अजय चाहर की पत्नी राधिका चौधरी सात माह की गर्भवती थी. कोरोना संक्रमित होने की वजह से छह दिन से जयपुर में भर्ती थी. जहां इलाज के दौरान डॉक्टर्स ने सलाह दी कि संतान को बचाना है तो समय से पूर्व प्रसव कराना होगा. इसके बाद अपनी संतान के लिए इस मां ने भी पूरी हिम्मत दिखाई और 23 मई को एक बेटी को जन्म दे दिया. जन्म देते ही डॉक्टर्स ने तुरंत ही बच्ची को मां से अलग कर दिया. प्रसव के तीन दिन बाद राधिका का भी निधन हो गया. इसके बाद जयपुर से उनका शव सीधे बगड़ के मोक्षधाम में लाकर अंतिम संस्कार किया गया.
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नवजात पूरी तरह से स्वस्थ
जानकारी के अनुसार राधिक चौधरी को करीब 10 दिन पहले हल्की खांसी व जुकाम की शिकायत हुई थी. जिस पर परिजनों ने उन्हें झुंझुनू एक डॉक्टर को दिखाया था. डॉक्टर ने जांच के बाद यहां सुविधा नहीं होने की बात कहकर जयपुर इलाज के लिए भेज दिया था. महिला को सात माह का गर्भ था. ऐसे में 20 मई को जयपुर के एक अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं होने पर डॉक्टर्स ने समय पूर्व प्रसव जरुरी बताया. 23 मई को उन्होंने बेटी को जन्म दिया. जिस पर डॉक्टर्स ने नवजात बेटी को तुरंत ही दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया. तब से वह वहां पर ही भर्ती है.
प्लाज्मा भी नहीं बचा पाया इस मां को
राधिका चौधरी को बचाने के लिए परिजनों द्वारा प्लाज्मा की भी व्यवस्था की गई, लेकिन गत रात्री तबीयत खराब होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया. डॉक्टरों की काफी कोशिश के बाद सुबह 4 बजे यह मां कोरोना से जिदंगी की जंग हार गई. परिवार के अजीत भांबू ने बताया कि जन्म के बाद नवजात बेटी को तुरंत ही दूसरे अस्पताल ले गए थे. मां उसे एक झलक तक नहीं देख सकी. वहां उसका इलाज चल रहा है. उसकी कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव आई है. डॉक्टर्स ने बताया कि बच्ची अब स्वस्थ है.