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कांग्रेस ने बड़े नेताओं के बजाए सहयोगी संगठनों को दी जिम्मेदारी

मंडावा विधानसभा उपचुनाव की लड़ाई अंतिम दौर में पहुंच गई है और दोनों पार्टियों ने अब पूरा जोर लगा दिया है. कांग्रेस अपने सहयोगी संगठन एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस और सेवादल से जुड़े लोगों को पंचायतों तक की जिम्मेदारी देकर भाजपा के बूथ की तरह चुनाव जीतने की योजना में है.

मंडावा विधानसभा उपचुनाव, Mandawa Assembly by-election, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा,
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Published : Oct 17, 2019, 11:01 PM IST

झुंझुनू. मंडावा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस एक अलग रणनीति के तहत काम कर रही है. यहां भाजपा ने अपने सभी कद्दावर सहित नेताओं की फौज उतार रखी है, तो कांग्रेस यहां बड़े नेताओं को उतारने से परहेज कर रही है. इसके बजाय सहयोग संगठनों को पंचायत स्तर और इसके बाद गांव तक जिम्मेदारी दी है.

कांग्रेस ने बड़े नेताओं के बजाए सहयोगी संगठनों को दी जिम्मेदारी

इसी के लिए बाकायदा शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने बैठक ली और बाकायदा सूची बनाकर इनको जिम्मेदारी दी गई. इसके लिए स्थान भी मंडावा विधानसभा का नहीं चुना गया बल्कि झुंझुनू स्थित विद्यार्थी भवन यानी जाट बोर्डिंग में यह बैठक रखी गई.

यह भी पढ़ें : कोटा: पॉश कॉलोनी में दिनदहाड़े 17 लाख की चोरी, वारदात CCTV में कैद

संगठनात्मक जिम्मेदारी संभाली डोटासरा ने

पार्टी की तरफ से भले ही अधिकृत रूप से डोटासरा को यहां का प्रभारी नहीं बनाया गया है, लेकिन संगठनात्मक स्तर पर मंडावा विधानसभा की पूरी कमान डोटासरा ने ही संभाल रखी है. वहीं प्रचार की कमान प्रत्याशी स्वयं रीटा चौधरी के पास ही है. नेताओं के दौरे, उनके रुकने की व्यवस्था, प्रचार की जगह सभी डोटासरा ही तय कर रहे हैं.

झुंझुनू. मंडावा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस एक अलग रणनीति के तहत काम कर रही है. यहां भाजपा ने अपने सभी कद्दावर सहित नेताओं की फौज उतार रखी है, तो कांग्रेस यहां बड़े नेताओं को उतारने से परहेज कर रही है. इसके बजाय सहयोग संगठनों को पंचायत स्तर और इसके बाद गांव तक जिम्मेदारी दी है.

कांग्रेस ने बड़े नेताओं के बजाए सहयोगी संगठनों को दी जिम्मेदारी

इसी के लिए बाकायदा शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने बैठक ली और बाकायदा सूची बनाकर इनको जिम्मेदारी दी गई. इसके लिए स्थान भी मंडावा विधानसभा का नहीं चुना गया बल्कि झुंझुनू स्थित विद्यार्थी भवन यानी जाट बोर्डिंग में यह बैठक रखी गई.

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संगठनात्मक जिम्मेदारी संभाली डोटासरा ने

पार्टी की तरफ से भले ही अधिकृत रूप से डोटासरा को यहां का प्रभारी नहीं बनाया गया है, लेकिन संगठनात्मक स्तर पर मंडावा विधानसभा की पूरी कमान डोटासरा ने ही संभाल रखी है. वहीं प्रचार की कमान प्रत्याशी स्वयं रीटा चौधरी के पास ही है. नेताओं के दौरे, उनके रुकने की व्यवस्था, प्रचार की जगह सभी डोटासरा ही तय कर रहे हैं.

Intro:मंडावा विधानसभा उपचुनाव की लड़ाई अंतिम दौर में पहुंच गई है और दोनों पार्टियों ने अब पूरा जोर लगा दिया है। कांग्रेस अपने सहयोगी संगठन एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस व सेवादल से जुड़े लोगों को पंचायतों तक की जिम्मेदारी देकर भाजपा के बूथ की तरह चुनाव जीतने की योजना में है।


Body:झुंझुनू। मंडावा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस एक अलग रणनीति के तहत काम कर रही है यहां भाजपा ने अपने सभी कद्दावर सहित नेताओं की फौज उतार रखी है। तो कांग्रेस यहां बड़े नेताओं को उतारने से परहेज कर रही है इसकी बजाय सहयोग संगठनों को पंचायत स्तर और इसके बाद गांव तक जिम्मेदारी दी है। इसके लिए बाकायदा शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने बैठक ली और बाकायदा सूची बनाकर इनको जिम्मेदारी दी गई। इसके लिए स्थान भी मंडावा विधानसभा का नहीं चुना गया बल्कि झुंझुनू स्थित विद्यार्थी भवन यानी जाट बोर्डिंग में यह बैठक रखी गई।


संगठनात्मक जिम्मेदारी संभाली डोटासरा ने
पार्टी की तरफ से भले ही अधिकृत रूप से डोटासरा को यहां का प्रभारी नहीं बनाया गया है लेकिन संगठनात्मक स्तर पर मंडावा विधानसभा की पूरी कमान डोटासरा ने ही संभाल रखी है। वही प्रचार की कमान प्रत्याशी स्वयं रीटा चौधरी स्वयं के पास ही है नेताओं के दौरे, उनके रुकने की व्यवस्था, प्रचार की जगह सभी डोटासरा ही तय कर रहे हैं।


वाइट गोविंद सिंह डोटासरा शिक्षा मंत्री


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