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CEERI पिलानी हो गया है 67 वर्ष का, खाते में दर्ज हैं कई ईनोवेशन - ceeri pilani

पिलानी में सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (CEERI) स्थित है. CEERI की स्थापना को 67 साल हो गए हैं. पिलानी 67 वर्ष का हो गया है. 22 सितंबर को सिरी ने 68वां स्थापना दिवस मनाया था. इतनी लम्बी यात्रा में उसके नाम कई ईनोवशन और रक्षा के क्षेत्र में कई आविष्कार हैं.

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CEERI पिलानी हो गया है 67 वर्ष का, खाते में दर्ज हैं कई ईनोवेशन
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Published : Oct 10, 2020, 1:41 AM IST

झुंझुनू. जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर पिलानी में सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (CEERI) स्थित है. CEERI की स्थापना को 67 साल हो गए हैं. पिलानी 67 वर्ष का हो गया है. 22 सितंबर को सिरी ने 68वां स्थापना दिवस मनाया था. इतनी लम्बी यात्रा में उसके नाम कई ईनोवशन और रक्षा के क्षेत्र में कई आविष्कार हैं. CEERI अपने सभी आविष्कारों का खुलासा नहीं करते हैं क्योंकि इन्हें सेना को तकनीक ट्रांसफर करनी होती है.

68वें स्थापना दिवस पर शिल्प के नाम से एक क्रार्यक्रम शुरू किया गया है

CEERI का मूल ध्येय ही है इलेक्ट्रॉनिक्स और संबद्ध विज्ञान में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रौद्योगिकियों का स्रोत, भारत को अनुसंधान में नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए सक्षम बनाना, अभिनव उत्पाद विकास के लिए उद्योगों के साथ सहयोग करना, सामरिक और औद्योगिक आवश्यकताओं के लिए प्रौद्योगिकी वितरण, प्रतिभा और जनशक्ति विकास को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक व वैज्ञानिक प्रयास करना है.

पढ़ें: चूरू : सादुलपुर के सादपुरा में पुलिस गाड़ी पर पथराव, कांस्टेबल जख्मी...जानें पूरा मामला

कई महत्वपूर्ण इनोवेशन हैं सिरी के नाम

CEERI का स्थापना दिवस समारोह 21 से 28 सितंबर तक मनाया गया. CEERI ने अब तक कई महत्वपूर्ण इनोवेशन किए हैं. जिनमें से कैंसर के रोगियों में कैंसर के कण का पता लगाने की मशीन, ई-पटाखे, दूध में पानी व अन्य मिलावट पता करने का स्वदेशी उपकरण, एक्‍स-रेइमेजिंग आधारित आम छंटाई प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक वजनी आधारित फल छंटाई प्रणाली, पॉलीइथिलीन टेराप्‍थेलेट (पीईटी) सामग्री के पुनर्चक्रण के लिए प्लास्टिक अपशिष्ट छंटाई प्रणाली, पांच प्रकार के प्लास्टिक के लिए प्लास्टिक अपशिष्ट छंटाई प्रणाली, शरीर के क्रियात्‍मक मापदंडों का उपयोग करके मानव थकान का पता लगाने के लिए गणितीय मॉडल, सामग्री विभेदन के लिए दोहरी ऊर्जा एक्‍स-रे इमेज विश्‍लेषण तकनीक, फलों के श्रेणीकरण और छँटाई के लिए स्‍मार्ट सिस्‍टम, बिस्‍कुट की छंटाई के लिए स्‍मार्ट-कैमरा आधारित मशीन विजन सिस्‍टम, खाद्य तेल में मुक्‍त वसीय अम्‍ल (FFA) की NIRS आधारित ऑन-लाइन मॉनीटरिंग, विदेशी वस्‍तुओं का ऑन-लाइन निरीक्षण और पता लगाने के लिए एक्‍स-रे इमेजिंग प्रणाली के साथ कई सहित कई इलेक्ट्रोनिक गैजेट बनाना सीरी के खाते में है.

CEERI की स्थापना

1953 में केन्‍द्रीय इलेक्‍ट्रोनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्‍थान (सिरी) पिलानी, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की एक संघटक प्रयोगशाला है. जिसकी स्थापना सन 1953 में हुई थी. वास्तविक अनुसंधान एवं विकास कार्य वर्ष 1958 के अंत में शुरू हुए थे. यह संस्थान मुख्यत अर्धचालक युक्तियों, इलेक्ट्रोनिक प्रणालियों और इलेक्ट्रोनिक नलिकाओं के क्षेत्र में शोध एवं विकास में कार्यरत है. अनेक परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आरंभ से ही आधारभूत सुविधाएँ, विशिष्‍ट जनशक्ति एवं विशेषज्ञता के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है.

शिल्प के नाम से शुरू हुआ है नया कार्यक्रम

CEERI पिलानी की ओर से अपने 68वें स्थापना दिवस पर शिल्प के नाम से एक क्रार्यक्रम शुरू किया गया है. इस नई पहल के बारे में संस्थान का कहना है कि शिल्प सेमी कंडक्टर हाई स्किल लर्निंग कार्यक्रम है. संस्थान का मानना है कि देश में सेमी कंडक्टर क्रांति अभी आनी बाकी है, हमारे आत्मनिर्भर भारत में यह अभी नहीं है. दुनिया जानती है कि हम सॉफ्टवेयर में दुनिया को लीड करते हैं लेकिन यही जरूरत हार्डवेयर में भी है. उसके लिए फाउंडेशन होना चाहिए, टेक्नोलॉजी होनी चाहिए.

तकनीकी के लिए मैन पावर चाहिए लेकिन सेमी कंडक्ट के लिए हमारे इंजीनियर ग्रेजुएट तभी सफल होंगे, जब वे प्रैक्टिकल सीखेंगे. यह अभी पंद्रह दिन का शुरू किया गया है, डायनेमिक साबित होगा और जरूरत के हिसाब से इसको बदला भी जा सकता है. सीरी का उद्देश्य है कि एक साल में कम से कम 1 हजार ग्रेजुएट इंजीनियरों को सेमी कंडक्ट विधा में पारंगत करें, जिससे की वो जो पढ़ते हैं उसका प्रैक्टिकल कर सकें. bite 1 डॉक्टर पी सी पंचारिया निदेशक सीरी bite 2 रमेश बोहरा प्रवक्ता सीरी बिल्डिंग के शॉट रेप से भेजे गए हैं और उपकरणों की फोटो ईटीवी डेस्क 1 पर व्हाट्सएप किए गए हैं.

झुंझुनू. जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर पिलानी में सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (CEERI) स्थित है. CEERI की स्थापना को 67 साल हो गए हैं. पिलानी 67 वर्ष का हो गया है. 22 सितंबर को सिरी ने 68वां स्थापना दिवस मनाया था. इतनी लम्बी यात्रा में उसके नाम कई ईनोवशन और रक्षा के क्षेत्र में कई आविष्कार हैं. CEERI अपने सभी आविष्कारों का खुलासा नहीं करते हैं क्योंकि इन्हें सेना को तकनीक ट्रांसफर करनी होती है.

68वें स्थापना दिवस पर शिल्प के नाम से एक क्रार्यक्रम शुरू किया गया है

CEERI का मूल ध्येय ही है इलेक्ट्रॉनिक्स और संबद्ध विज्ञान में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रौद्योगिकियों का स्रोत, भारत को अनुसंधान में नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए सक्षम बनाना, अभिनव उत्पाद विकास के लिए उद्योगों के साथ सहयोग करना, सामरिक और औद्योगिक आवश्यकताओं के लिए प्रौद्योगिकी वितरण, प्रतिभा और जनशक्ति विकास को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक व वैज्ञानिक प्रयास करना है.

पढ़ें: चूरू : सादुलपुर के सादपुरा में पुलिस गाड़ी पर पथराव, कांस्टेबल जख्मी...जानें पूरा मामला

कई महत्वपूर्ण इनोवेशन हैं सिरी के नाम

CEERI का स्थापना दिवस समारोह 21 से 28 सितंबर तक मनाया गया. CEERI ने अब तक कई महत्वपूर्ण इनोवेशन किए हैं. जिनमें से कैंसर के रोगियों में कैंसर के कण का पता लगाने की मशीन, ई-पटाखे, दूध में पानी व अन्य मिलावट पता करने का स्वदेशी उपकरण, एक्‍स-रेइमेजिंग आधारित आम छंटाई प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक वजनी आधारित फल छंटाई प्रणाली, पॉलीइथिलीन टेराप्‍थेलेट (पीईटी) सामग्री के पुनर्चक्रण के लिए प्लास्टिक अपशिष्ट छंटाई प्रणाली, पांच प्रकार के प्लास्टिक के लिए प्लास्टिक अपशिष्ट छंटाई प्रणाली, शरीर के क्रियात्‍मक मापदंडों का उपयोग करके मानव थकान का पता लगाने के लिए गणितीय मॉडल, सामग्री विभेदन के लिए दोहरी ऊर्जा एक्‍स-रे इमेज विश्‍लेषण तकनीक, फलों के श्रेणीकरण और छँटाई के लिए स्‍मार्ट सिस्‍टम, बिस्‍कुट की छंटाई के लिए स्‍मार्ट-कैमरा आधारित मशीन विजन सिस्‍टम, खाद्य तेल में मुक्‍त वसीय अम्‍ल (FFA) की NIRS आधारित ऑन-लाइन मॉनीटरिंग, विदेशी वस्‍तुओं का ऑन-लाइन निरीक्षण और पता लगाने के लिए एक्‍स-रे इमेजिंग प्रणाली के साथ कई सहित कई इलेक्ट्रोनिक गैजेट बनाना सीरी के खाते में है.

CEERI की स्थापना

1953 में केन्‍द्रीय इलेक्‍ट्रोनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्‍थान (सिरी) पिलानी, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की एक संघटक प्रयोगशाला है. जिसकी स्थापना सन 1953 में हुई थी. वास्तविक अनुसंधान एवं विकास कार्य वर्ष 1958 के अंत में शुरू हुए थे. यह संस्थान मुख्यत अर्धचालक युक्तियों, इलेक्ट्रोनिक प्रणालियों और इलेक्ट्रोनिक नलिकाओं के क्षेत्र में शोध एवं विकास में कार्यरत है. अनेक परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आरंभ से ही आधारभूत सुविधाएँ, विशिष्‍ट जनशक्ति एवं विशेषज्ञता के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है.

शिल्प के नाम से शुरू हुआ है नया कार्यक्रम

CEERI पिलानी की ओर से अपने 68वें स्थापना दिवस पर शिल्प के नाम से एक क्रार्यक्रम शुरू किया गया है. इस नई पहल के बारे में संस्थान का कहना है कि शिल्प सेमी कंडक्टर हाई स्किल लर्निंग कार्यक्रम है. संस्थान का मानना है कि देश में सेमी कंडक्टर क्रांति अभी आनी बाकी है, हमारे आत्मनिर्भर भारत में यह अभी नहीं है. दुनिया जानती है कि हम सॉफ्टवेयर में दुनिया को लीड करते हैं लेकिन यही जरूरत हार्डवेयर में भी है. उसके लिए फाउंडेशन होना चाहिए, टेक्नोलॉजी होनी चाहिए.

तकनीकी के लिए मैन पावर चाहिए लेकिन सेमी कंडक्ट के लिए हमारे इंजीनियर ग्रेजुएट तभी सफल होंगे, जब वे प्रैक्टिकल सीखेंगे. यह अभी पंद्रह दिन का शुरू किया गया है, डायनेमिक साबित होगा और जरूरत के हिसाब से इसको बदला भी जा सकता है. सीरी का उद्देश्य है कि एक साल में कम से कम 1 हजार ग्रेजुएट इंजीनियरों को सेमी कंडक्ट विधा में पारंगत करें, जिससे की वो जो पढ़ते हैं उसका प्रैक्टिकल कर सकें. bite 1 डॉक्टर पी सी पंचारिया निदेशक सीरी bite 2 रमेश बोहरा प्रवक्ता सीरी बिल्डिंग के शॉट रेप से भेजे गए हैं और उपकरणों की फोटो ईटीवी डेस्क 1 पर व्हाट्सएप किए गए हैं.

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