झुंझुनू. जिले के 533 सरकारी स्कूलों में मनाए गए वार्षिकोत्सव और पूर्व विद्यार्थी सम्मेलन में इस सत्र में भामाशाहों और अभिभावकों ने 5.88 करोड़ दिए हैं. जिससे अब स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए संसाधन मुहैया कराए जाएंगे. भामाशाहों से सहयोग लेने के मामले में बुड़ाना के सरकारी स्कूल पूरे जिले में टॉप पर रहे हैं. इस विद्यालय को भामाशाहों ने 40 लाख रुपए का सहयोग दिया है.
भामाशाह के माध्यम से जुटाया जाता है पैसा
जिले के सरकारी स्कूलों में हुए इन कार्यक्रमों में करीब 71 हजार अभिभावकों और भामाशाहों ने भाग लिया. समसा की ओर से जिले की 222 उत्कृष्ट और 311 आदर्श विद्यालय में संसाधन जुटाने के लिए निजी स्कूलों की तरह वार्षिकोत्सव और सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किए गया. इनमें फरवरी के पहले पखवाड़े में उत्कृष्ट और दूसरे पखवाड़े में आदर्श विद्यालय में ये कार्यक्रम आयोजित हुए. पूरे जिले में 5 करोड़ 88 लाख 99 हजार 447 रुपए का सहयोग मिला. इनमें पूर्व छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और भामाशाहों ने मिलकर योगदान दिया.
8 ब्लॉकों में खेतड़ी को मिले सर्वाधिक 1.65 करोड़
जिले के 8 ब्लॉक के विद्यालय में हुए कार्यक्रमों में खेतड़ी के विद्यालयों को सर्वाधिक सहयोग मिला. इन स्कूलों को करीब1.65 करोड़ मिले हैं. इनमें दूसरे नंबर पर 1.12 करोड़ के झुंझुनू, तीसरे नंबर पर 75.54 लाख के साथ अलसीसर रहा. इसके बाद चिड़ावा को 66.01 लाख, उदयपुरवाटी को 51.23 लाख, नवलगढ़ को 41.95 लाख, बुहाना को 40.62 लाख और सबसे कम सूरजगढ़ में 35.20 लाख का सहयोग जुटाया गया. इन कार्यक्रमों में आदर्श स्कूलों को 5.20 करोड़ रुपए सुविधाएं जुटाने के लिए मिले तो वहीं उत्कृष्ट विद्यालयों को 68.68 लाख रुपए ही मिल सके.
बुड़ाना अव्वल तो जेपी जानू दूसरे नंबर पर और सोलाना स्कूल तीसरे पर रहा
जिले में हुए कार्यक्रम में बुड़ाना का राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 40 लाख रुपए के साथ जिले में पहले स्थान पर रहा. वहीं जेपी जानू राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय को 24.90 लाख रुपए मिले. सोलाना के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 22.42 लाख के साथ तीसरे स्थान पर रहा. उत्कृष्ट विद्यालयों में फ्रांस का बास राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय 1.40 लाख रुपए का सहयोग जुटा पहले नंबर पर रहा. विद्यालयों को अभिभावक और भामाशाहों से 48.45 लाख रुपए का नगद सहयोग दिया गया. वहीं, संसाधन फर्नीचर और कक्षाओं के निर्माण के लिए 5.02 करोड़ रुपए की घोषणा हुई है.
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शाला विकास समिति की देखरेख में खर्च होगी राशि
जिले के विद्यालयों को मिली सहयोग राशि शाला प्रबंधन विकास समिति के माध्यम से खर्च होगी. समिति के निर्णय के बाद ही संस्था प्रधान इनसे विकास के कार्य करवा सकेंगे. विभागीय निर्णय के अनुसार ये राशि एसडीएमसी के खाते में जमा कराई जाएगी. जिसके बाद बैठक कर सुविधाएं जुटाने का निर्णय होगा. इसके अलावा भामाशाह की ओर से की गई घोषणाओं को समय पर पूरा कराने को लेकर संस्था प्रधानों को निर्देशित किया गया है.