झुंझुनू. राजस्थान के कद्दावर राजनीतिक घरानों में शामिल ओला परिवार की तीसरी पीढ़ी के रूप में राजनीतिक विरासत संभालने के नए मायने तय हो गए हैं. ओला परिवार की तीसरी पीढ़ी से शीशराम ओला की पौत्र वधू आकांक्षा ओला का दिल्ली के मॉडल टाउन से कांग्रेस उम्मीदवार बनाने के साथ ही अब यह तय हो गया कि झुंझुनू की विरासत में अमित ओला का दखल बढ़ेगा.
लोकसभा चुनाव 2014 से पहले शीशराम ओला की मौत के बाद कहीं ना कहीं राजनीतिक कमजोरी सह रहे परिवार का स्वर्ण काल अब वापस लौट रहा है. इसके साथ ही कहीं ना कहीं ओला परिवार की राजनीतिक विरासत भी अब अगली पीढ़ी को देने की तैयारी की जा रही है. शीशराम ओला के पुत्र बृजेंद्र ओला अभी झुंझुनू से विधायक हैं, लेकिन अगली बार विधानसभा चुनाव आते ही, उनकी उम्र 72 साल हो जाएगी. ऐसे में उम्र के हिसाब से हो सकता है कि अगले विधानसभा चुनाव में झुंझुनू में तीसरी पीढ़ी से अमित ओला को मौका मिले.
पहले भी हो चुकी है तैयारी
दरअसल, बृजेंद्र ओला के विधायक के शुरुआती दोनों में चुनाव हारने के बाद एक बार कि यह लगने लग गया था कि शीशराम ओला अब अपनी राजनीतिक विरासत अपने पौत्र अमित ओला को सौंपेंगे. इसकी तैयारी की जाने लगी थी, लेकिन उसके बाद झुंझुनू के राजनीतिक समीकरण ऐसे बने कि बृजेंद्र ओला को चुनाव हराने वाले सुमित्रा सिंह यहां से छोड़कर 2008 मंडावा विधानसभा में चली गई और बृजेंद्र ओला यहां पहली बार विधायक बने.
आकांक्षा की भी है राजनीतिक महत्वाकांक्षा
इस बीच जहां अमित ओला राजनीतिक विरासत संभालने की तैयारी कर रहे थे, तो उनकी पत्नी आकांक्षा ओला भी राजनीतिक घराने से जुड़ी होने के कारण वह भी दावेदारी कर रही थी. ऐसे में परिवार को यह समझ नहीं आ रहा था कि किसके ऊपर दांव खेला जाए.
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वहीं अब आकांक्षा को दिल्ली के मॉडल टाउन से टिकट मिलने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि आकांक्षा अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालेगी तो झुंझुनू में ओला परिवार की राजनीतिक विरासत शीशराम ओला के पौत्र अमित ओला को मिलने वाली है. आकांक्षा ओला को चुनाव जिताने के लिए विधायक बृजेंद्र ओला, उनकी पत्नी और पूर्व जिला प्रमुख राजबाला ओला सहित उनके समर्थक कांग्रेस के कई नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है.