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झुंझुनू: कोरोना गाइडलाइन के पालन के साथ ऐसे करें बागवानी के कार्य - झुंझुनू में बागवानी खेती

झुंझुनू में कोविड से खेती से संबंधित कार्य प्रभावित नहीं हो, इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानों को कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए बागवानी कार्य से संबंधित सलाह दी है.

Jhunjhunu news, horticulture work
कोरोना गाइडलाइन के पालन के साथ ऐसे करें बागवानी के कार्य
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Published : May 8, 2021, 8:48 PM IST

झुंझुनू. कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान खेती से संबंधित कार्य प्रभावित नहीं हो, इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर द्वारा किसानों को मई माह में कोविड-19 गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए बागवानी कार्य सम्पन्न करने की सलाह दी है. इसी को लेकर केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दयानंद ने बताया कि जिन किसानों को आगामी मानसून के समय फलदार पौधे लगाने हैं, वे रेखांकन कार्य एवं गड्ढा खोदने का कार्य मई माह से लेकर जून के प्रथम सप्ताह तक संपन्न कर सकते हैं. बडे़ फलदार पौधों बेलपत्र, आंवला, खजूर के लिए एक गुणा एक गुणा एक मीटर का गड्ढा तथा छोटे फलदार पौधे जैसे कि अमरूद, अनार, मौसमी, किन्नू आदि के लिए साठ गुणा साठ गुणा साठ सेमी के गड्ढे खोद सकते हैं.

कृषि विज्ञान केंद्र बताए कृषि कार्य करने के विभिन्न तरीके

केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दयानंद ने बताया ने बताया कि नींबू वर्गीय फसलों में नींबू, मौसमी, किन्नू के बाग में 5-6 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें. फलों को गिरने से बचाने के लिए एनएए दवा का छिड़काव करें. इसी प्रकार बेर के वृक्षों की कटाई-छंटाई का कार्य 15-20 मई तक पूरा करें. बेलपत्र के पके हुए फलों की तुड़ाई करने के साथ-साथ हल्की सिंचाई भी करें. उन्होंने बताया कि इस समय टमाटर और भिंडी की फसल में फल छेदक कीट का प्रकोप देखने को मिल रहा है, जिसके नियंत्रण के लिए क्लिनोल्फोस 25 प्रतिशत ईसी एक एमएल प्रति लीटर अथवा फ्लुबेनडिमाइड 20 दवा का 5 ग्राम प्रतिशत 10 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें. साथ ही बैंगन के तैयार मुलायम फलों को तोड़कर बाजार भेजने की व्यवस्था करें.

यह भी पढ़ें- ग्रामीण इलाकों में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर कटारिया ने जताई चिंता, गहलोत सरकार पर लगाया आरोप

तरबूज और खरबूजा का ऐसे बढ़ाये उत्पादन

केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दयानंद ने बताया कि यदि फल तथा तना छेदक का आक्रमण हो तो फ्लुबेनडिमाइड 20 डब्लू पी दवा का 5 ग्राम प्रतिशत 10 लीटर पानी या एमामेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिशत ईएसजी का 4 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी के अनुसार प्रयोग करें. मिर्च, तरबूज और खरबूजा की फसल में उत्पादन बढ़ाने के किए एनपीके का 10-15 किग्रा प्रति के अनुसार प्रयोग करें. प्याज की पछेती फसल की खुदाई की तैयारी करने के साथ-साथ उचित भंडारण की भी व्यवस्था अभी से करें.

झुंझुनू. कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान खेती से संबंधित कार्य प्रभावित नहीं हो, इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर द्वारा किसानों को मई माह में कोविड-19 गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए बागवानी कार्य सम्पन्न करने की सलाह दी है. इसी को लेकर केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दयानंद ने बताया कि जिन किसानों को आगामी मानसून के समय फलदार पौधे लगाने हैं, वे रेखांकन कार्य एवं गड्ढा खोदने का कार्य मई माह से लेकर जून के प्रथम सप्ताह तक संपन्न कर सकते हैं. बडे़ फलदार पौधों बेलपत्र, आंवला, खजूर के लिए एक गुणा एक गुणा एक मीटर का गड्ढा तथा छोटे फलदार पौधे जैसे कि अमरूद, अनार, मौसमी, किन्नू आदि के लिए साठ गुणा साठ गुणा साठ सेमी के गड्ढे खोद सकते हैं.

कृषि विज्ञान केंद्र बताए कृषि कार्य करने के विभिन्न तरीके

केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दयानंद ने बताया ने बताया कि नींबू वर्गीय फसलों में नींबू, मौसमी, किन्नू के बाग में 5-6 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें. फलों को गिरने से बचाने के लिए एनएए दवा का छिड़काव करें. इसी प्रकार बेर के वृक्षों की कटाई-छंटाई का कार्य 15-20 मई तक पूरा करें. बेलपत्र के पके हुए फलों की तुड़ाई करने के साथ-साथ हल्की सिंचाई भी करें. उन्होंने बताया कि इस समय टमाटर और भिंडी की फसल में फल छेदक कीट का प्रकोप देखने को मिल रहा है, जिसके नियंत्रण के लिए क्लिनोल्फोस 25 प्रतिशत ईसी एक एमएल प्रति लीटर अथवा फ्लुबेनडिमाइड 20 दवा का 5 ग्राम प्रतिशत 10 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें. साथ ही बैंगन के तैयार मुलायम फलों को तोड़कर बाजार भेजने की व्यवस्था करें.

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तरबूज और खरबूजा का ऐसे बढ़ाये उत्पादन

केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दयानंद ने बताया कि यदि फल तथा तना छेदक का आक्रमण हो तो फ्लुबेनडिमाइड 20 डब्लू पी दवा का 5 ग्राम प्रतिशत 10 लीटर पानी या एमामेक्टिन बेंजोएट 5 प्रतिशत ईएसजी का 4 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी के अनुसार प्रयोग करें. मिर्च, तरबूज और खरबूजा की फसल में उत्पादन बढ़ाने के किए एनपीके का 10-15 किग्रा प्रति के अनुसार प्रयोग करें. प्याज की पछेती फसल की खुदाई की तैयारी करने के साथ-साथ उचित भंडारण की भी व्यवस्था अभी से करें.

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