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टिकट मिलने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी ने कहा- कथित कैडर बेस पार्टी भाजपा को टिकट देने के लिए योग्य कार्यकर्ता नहीं मिला

झुंझुनू जिले की मंडावा विधानसभा से कांग्रेस ने एक बार फिर पूर्व विधायक रीटा चौधरी पर ही भरोसा जताया है. रीटा चौधरी कद्दावर जाट नेता स्व. रामनारायण चौधरी की पुत्री है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र का विकास ही उनका मुख्य मुद्दा रहेगा.

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Published : Sep 29, 2019, 7:08 PM IST

झुंझुनू. मंडावा विधानसभा से कांग्रेस पार्टी ने पूर्व विधायक रीटा चौधरी को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. टिकट मिलने के साथ ही ना केवल उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जुबानी हमला बोला है, बल्कि चुनाव भी निश्चित रूप से जीतने का दावा किया है. कैलिफोर्निया से एमबीए पास आउट रीटा चौधरी ने कहा है कि एक तरफ तो भाजपा कहती है कि उनकी पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है, कैडर बेस्ट पार्टी है और दूसरी तरफ कांग्रेस से निष्कासित प्रधान को अपना प्रत्याशी बनाया है.

टिकट मिलने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी का बयान

वहीं, उन्होंने कहा कि गत बार हम अति आत्मविश्वास में रह गए थे, लेकिन इस बार गत बार वाली गलतियां नहीं दोहराएंगे. साथ ही उन्होंने गत विधानसभा चुनाव को लेकर तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी पर भी कुछ गंभीर आरोप भी लगाए.

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष की पुत्री है रीटा

रीटा 2008 में मंडावा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं और वे कांग्रेस के कद्दावर जाट नेता पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामनारायण चौधरी की पुत्री है. हालांकि वर्ष 2013 के चुनाव में उनका टिकट कट गया था. यहां से तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान को टिकट मिला. हालांकि उनकी जमानत जब्त हो गई थी. वहीं रीटा चौधरी ने बागी होकर चुनाव लड़ा था और दूसरे स्थान पर रहीं. बाद में उन्होंने जल्दी वापस कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. वर्ष 2018 के चुनाव में उनको कांग्रेस का टिकट मिला, लेकिन उन्हें बेहद नजदीकी मुकाबले में 2346 मतों से हार का सामना करना पड़ा था. अब उप चुनाव में उनको एक बार फिर टिकट मिला है.

झुंझुनू. मंडावा विधानसभा से कांग्रेस पार्टी ने पूर्व विधायक रीटा चौधरी को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. टिकट मिलने के साथ ही ना केवल उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जुबानी हमला बोला है, बल्कि चुनाव भी निश्चित रूप से जीतने का दावा किया है. कैलिफोर्निया से एमबीए पास आउट रीटा चौधरी ने कहा है कि एक तरफ तो भाजपा कहती है कि उनकी पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है, कैडर बेस्ट पार्टी है और दूसरी तरफ कांग्रेस से निष्कासित प्रधान को अपना प्रत्याशी बनाया है.

टिकट मिलने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी का बयान

वहीं, उन्होंने कहा कि गत बार हम अति आत्मविश्वास में रह गए थे, लेकिन इस बार गत बार वाली गलतियां नहीं दोहराएंगे. साथ ही उन्होंने गत विधानसभा चुनाव को लेकर तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी पर भी कुछ गंभीर आरोप भी लगाए.

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष की पुत्री है रीटा

रीटा 2008 में मंडावा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं और वे कांग्रेस के कद्दावर जाट नेता पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामनारायण चौधरी की पुत्री है. हालांकि वर्ष 2013 के चुनाव में उनका टिकट कट गया था. यहां से तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान को टिकट मिला. हालांकि उनकी जमानत जब्त हो गई थी. वहीं रीटा चौधरी ने बागी होकर चुनाव लड़ा था और दूसरे स्थान पर रहीं. बाद में उन्होंने जल्दी वापस कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. वर्ष 2018 के चुनाव में उनको कांग्रेस का टिकट मिला, लेकिन उन्हें बेहद नजदीकी मुकाबले में 2346 मतों से हार का सामना करना पड़ा था. अब उप चुनाव में उनको एक बार फिर टिकट मिला है.

Intro:मंडावा विधानसभा से कांग्रेस ने एक बार वापस पूर्व विधायक रीटा चौधरी पर ही विश्वास जताया है रीटा चौधरी कद्दावर जाट नेता स्व. रामनारायण चौधरी की पुत्री है। पार्टी ने उपचुनाव के चलते उनके क्षेत्र में रीटा की काफी हद तक विकास कार्य करवाए हैं।


Body:झुंझुनू। मंडावा विधानसभा से कांग्रेस पार्टी ने पूर्व विधायक रीटा चौधरी को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है टिकट मिलने के साथ ही ना केवल उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है बल्कि चुनाव भी निश्चित रूप से जीतने की बात कही है। कैलिफोर्निया से एमबीए पास आउट रीटा चौधरी ने कहा है कि एक तरफ तो भाजपा कहती है कि उनकी पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है, कैडर बेस्ट पार्टी है और दूसरी तरफ कांग्रेस से निष्कासित प्रधान को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं उन्होंने कहा है कि गत बार हम अति आत्मविश्वास में रह गए थे लेकिन इस बार गत बार वाली गलतियां नहीं दोहराएंगे।

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष की पुत्री है रीटा
रीटा 2008 में मंडावा विधानसभा से विधायक रही है और वे कांग्रेस के कद्दावर जाट नेता पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रामनारायण चौधरी की पुत्री है। हालांकि वर्ष 2013 के चुनाव में पार्टी ने जीती हुई विधायक होने बावजूद टिकट कट गया था यहां से तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष डॉ चंद्रभान को टिकट मिला। हालांकि उनकी जमानत जप्त हो गई थी वहीं रीटा चौधरी ने बागी होकर चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रही बाद में उन्होंने जल्दी वापस कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। वर्ष 2018 के चुनाव में उनको कांग्रेस का टिकट मिला लेकिन उन्हें बेहद नजदीकी मुकाबले में 2346 मतों से हार का सामना करना पड़ा था। उनको एक बार वापस टिकट मिला है।


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