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झुंझुनू : एक अध्यापक की जिद और जुनून की कहानी...गरीब प्रतिभावान बच्चों के लिए खोले सफलता के द्वार - Jhunjhunu Pawan Kumar Aladia Aftras Association

चिड़ावा उपखंड के छोटे से गांव क्यामसर के शिक्षक पवन कुमार आलडिया के जज्बे और जुनून का हर कोई मुरीद है. उन्होंने झुंझुनू जिले के सैकड़ों कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए सफलता के द्वार खोल दिए हैं. उन बच्चों के सपनों को पंख लगा दिए हैं.

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शिक्षक ने गरीब बच्चों के सपने किए साकार
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Published : Jan 17, 2021, 8:30 PM IST

झुंझुनू. जिले के चिड़ावा उपखंड के छोटे से गांव क्यामसर के शिक्षक पवन कुमार आलडिया ने लगभग 18 महीन पहले गरीब और वंचित वर्ग के प्रतिभावान छात्रों को उच्च शिक्षा में मदद करने का सपना देखा था. उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक ऐसा फंड तैयार करने की योजना बनाई जिससे आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभावान बच्चों को 12वीं के बाद उच्च शिक्षा में मदद मिल सके.

पवन कुमार का विचार था कि 12वीं के बाद अगर बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा जैसे आईआईटी, नीट, रीट, पटवारी, ग्राम सेवक, आर्मी, नेवी एयरफोर्स, आरएएस, आरपीसी, यूपीएससी की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता मिल जाए तो उनका जीवन संवर जाएगा. पवन कुमार के साथी भी उनकी इस योजना के लिए तैयार हो गए. 10 सितंबर 2019 को इसी उद्देश्य से पवन कुमार ने एफट्र्स संस्था का गठन किया.

पढ़ें- Special: 2 साल के सिद्धार्थ के आगे बड़े-बड़े धुरंधर भी फेल, लगातार 1 KM स्केटिंग कर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

इस संस्था के लिए पहली बार 6 फरवरी 2020 को तत्कालीन जिला कलेक्टर रवि जैन ने 14 बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए मदद की. 13 सितंबर 2020 को 14 बच्चों की अंबेडकर भवन में मदद की गई. इस प्रकार अब तक लगभग 40 बच्चों की 3 लाख से ज्यादा की सहायता एफट्र्स संस्था कर चुकी है.

गुढ़ा के नंगली निर्माणों के लोकेश वर्मा को एफट्र्स की ओर से प्रथम बार हैल्प मिली और उस छात्र ने आईआईटी और एनडीए में एक साथ सेलेक्ट होकर दिखा दिया कि अगर बच्चों को थोड़ा सा हौसला और थोड़ी सी मदद मिल जाए तो वह क्या कर सकते हैं. लाखों रुपए अभी बच्चों के लिए सहायता के संस्था के पास हैं. संस्था में कोई भी व्यक्ति अपने जन्मदिन, सालगिरह, सेवानिवृत्ति आदि के अवसर पर अपनी इच्छा अनुसार सहयोग दे सकते हैं. बच्चों की मदद उनकी आर्थिक स्थिति और प्रतिभा के आधार पर की जाती है. संस्था के इस कार्य को लेकर धीरे-धीरे चूरू, सीकर और राजस्थान के अन्य जिलों में भी युवा इस मुहिम को संचालित करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं.

झुंझुनू. जिले के चिड़ावा उपखंड के छोटे से गांव क्यामसर के शिक्षक पवन कुमार आलडिया ने लगभग 18 महीन पहले गरीब और वंचित वर्ग के प्रतिभावान छात्रों को उच्च शिक्षा में मदद करने का सपना देखा था. उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक ऐसा फंड तैयार करने की योजना बनाई जिससे आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभावान बच्चों को 12वीं के बाद उच्च शिक्षा में मदद मिल सके.

पवन कुमार का विचार था कि 12वीं के बाद अगर बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा जैसे आईआईटी, नीट, रीट, पटवारी, ग्राम सेवक, आर्मी, नेवी एयरफोर्स, आरएएस, आरपीसी, यूपीएससी की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता मिल जाए तो उनका जीवन संवर जाएगा. पवन कुमार के साथी भी उनकी इस योजना के लिए तैयार हो गए. 10 सितंबर 2019 को इसी उद्देश्य से पवन कुमार ने एफट्र्स संस्था का गठन किया.

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इस संस्था के लिए पहली बार 6 फरवरी 2020 को तत्कालीन जिला कलेक्टर रवि जैन ने 14 बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए मदद की. 13 सितंबर 2020 को 14 बच्चों की अंबेडकर भवन में मदद की गई. इस प्रकार अब तक लगभग 40 बच्चों की 3 लाख से ज्यादा की सहायता एफट्र्स संस्था कर चुकी है.

गुढ़ा के नंगली निर्माणों के लोकेश वर्मा को एफट्र्स की ओर से प्रथम बार हैल्प मिली और उस छात्र ने आईआईटी और एनडीए में एक साथ सेलेक्ट होकर दिखा दिया कि अगर बच्चों को थोड़ा सा हौसला और थोड़ी सी मदद मिल जाए तो वह क्या कर सकते हैं. लाखों रुपए अभी बच्चों के लिए सहायता के संस्था के पास हैं. संस्था में कोई भी व्यक्ति अपने जन्मदिन, सालगिरह, सेवानिवृत्ति आदि के अवसर पर अपनी इच्छा अनुसार सहयोग दे सकते हैं. बच्चों की मदद उनकी आर्थिक स्थिति और प्रतिभा के आधार पर की जाती है. संस्था के इस कार्य को लेकर धीरे-धीरे चूरू, सीकर और राजस्थान के अन्य जिलों में भी युवा इस मुहिम को संचालित करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं.

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