झुंझुनू. शहर में पिछले दिनों दिन और रात के समय सूने मकानों में चोरी की वारदातें होना आम बात हो गई है. ये चोरी की वारदातें मकान मालिक किसी कार्य से बाहर जाते ही या प्रवासी लोगों के सूने मकानों में हो रही थी. इन वारदातों की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने इनकी रोकथाम और जल्द खुलासे के लिए वृत्ताधिकारी लोकेंद्र दादरवाल के सुपरविजन और कोतवाली थानाधिकारी मदनलाल कड़वासरा के नेतृत्व में टीम गठित की गई.
जिस पर थानाधिकारी कोतवाली के नेतृत्व में गठित टीम की ओर से चोरी की वारदातों के तरीके से शक जाहिर किया कि यहां रेकी कर सूने मकानों को निशाना बनाया जा रहा है. बता दें कि पहले भी चालानशुदा चोरी के आरोपियों से भी पूछताछ की गई.
दिन में रेकी के साथ रात को बनाया जाता था निशाना
पुलिस जांच में सामने आया है कि झुग्गियों में रहने वाले गुजराती जाति के लोग पुराने कपड़े के बदले बर्तन बेचने का काम करते हैं, जो इस बहाने दिन में मकानों की निगरानी करते हैं और सूना मकान मिलने पर उसे निशाना बनाते हैं. टीम के सदस्य कांस्टेबल नीरज की सूचना पर शातिर नकबजन श्रीराम पुत्र प्रभुराम, अजय पुत्र संपत, कालू पुत्र दलीप, अजय पुत्र रमेश, रोहित पुत्र रमेश को नकबजनी के सामान सरिया, रॉड़ कटर सहित गिरफ्तार कर और एक बाल अपचारी को निरूद्व कर शातिर नकबजन गैंग का खुलासा करते हुए चोरी और नकबजनी के 10 से अधिक मामलों का खुलासा करने में सफलता हासिल की. इसके साथ ही एक आरोपी श्रीराम लुहार के पास धारदार हथियार चाकू भी बरामद हुआ है.
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दस से अधिक वारदातों का हुआ खुलासा
पूछताछ में आरोपियों ने साल भर में झुंझुनूं शहर में अलग-अलग स्थानों पर 10 से अधिक वारदातें करना बताया है. इनकी ओर से सूने मकानों से गहने, नकदी, बर्तन, टीवी, कम्प्यूटर, गैस चूल्हे, मोर्बाइल फोन की चोरियां की गई. ये लोग गैंग बनाकर काम करते हैं. वारदात के लिए पहले बर्तन बेचने के बहाने घूमकर सूने मकान ढूंढते हैं. उसके बाद गैंग के सदस्य चोरी करते हैं और इन्हीं के साथी कपड़े और गहने दिल्ली में ले जाकर बेचते हैं, ताकि किसी पर शक ना हो.
वारदात में चोरी किए गए सामान को ठिकाने लगाने का काम इनके घर के सदस्य भी करते हैं, जिनकी तलाश जारी है. आरोपी गण पहले भी चोरी की वारदातों में गिरफ्तार हो चुके हैं. ये लोग झुग्गियों में रहते हैं. गिरफ्तार व्यक्तियों ने मकान भी किराए भी ले रखें हैं, लेकिन मकान मालिकों की ओर से पूछताछ में बताया गया कि उनकी ओर से सत्यापन नहीं करवाया गया ना ही नाम पते तस्दीक करवाए गए हैं.