खेतड़ी (झुंझुनू). पत्रकारिता के भीष्म पितामह पं. झाबरमल शर्मा की 132 वीं जयन्ति गुरुवार को स्वामी विवेकानंद राजकीय महाविद्यालय खेतड़ी में मनाई गई. इस समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व प्रधान बजरंगसिंह चारावास उपस्थित रहे. समारोह की अध्यक्षता स्वामी दयासरानंद ने की.
पूर्व विधायक हजारीलाल गुर्जर,कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष गोकुलचन्द सैनी,विश्व मानव अधिकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष फतेहसिंह बड़ाऊ, राधेश्याम शर्मा, श्रीनारायण हॉस्पिटल के प्रबन्ध निदेशक एसपी यादव, ईश्वर पाण्डे,विजयपाल भाटीवाड, चिरंजीलाल चौधरी, अशोक सिंह शेखावत भी मौजूद रहे.
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा, कि पंडित झाबरमल शर्मा त्याग की प्रतिमूर्ति थे. उन्होंने उस जमाने में पत्रकारिता की, जब अंग्रेजों के खिलाफ लिखना तो दूर बोलना भी जुर्म होता था. पंडित जी ने स्वामी विवेकानंद और राजा अजीत सिंह और खेतड़ी के रिश्तों को जगजाहिर किया. यही वजह है, कि आज सम्पूर्ण विश्व में जब भी स्वामी विवेकानंद का नाम आता है, वहां खेतड़ी का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. उनके प्रयासों से राजस्थान का प्रथम रामकृष्ण मिशन खेतड़ी में ही खुला था. जिसके वह जीवनपर्यंत अध्यक्ष रहे. वे जसरापुर से खेतड़ी पैदल प्रतिदिन रामकृष्ण मिशन में शोध कार्य के लिए आते थे, लेकिन अपने भोजन की पोटली और पानी की केतली साथ रखते थे.
उन्होंने कहा, कि हमें इस बात का गर्व है कि पत्रकारिता के भीष्म पितामह पंडित झाबरमल शर्मा की जन्म स्थली और कर्मस्थली खेतड़ी रहा है. उन्होंने खेतड़ी का इतिहास, सीकर का इतिहास, आदर्श नरेश, खेतड़ी नरेश और विवेकानंद सहित दर्जनों पुस्तको के माध्यम से खेतड़ी और स्वामी विवेकानंद के रिश्तों की जानकारी दी है. वहीं पंडित झाबरमल शर्मा जयंती समारोह में आये हुए अतिथियों का डॉ. राघवेन्द्र पाल, कुंजबिहारी शर्मा, अनिल शर्मा, लक्ष्मीकांत शर्मा, संजय सैनी, गिरवर सिंह निर्वाण, नरेन्द्र स्वामी, निकेश पारीक, सुभाष मान, गोपालराम सैनी, प्रदीप तंवर, जयन्त खाखरा, यश शर्मा, रघुनंदन शाह, राजेन्द्र नवीन, राहुल शर्मा, राकेश वर्मा, अनिल अग्रवाल, बलबीर मीणा, रोताश मीणा ने साफा पहनाकर और माला पहना कर सम्मान किया.
समारोह के संयोजक गोपाल शर्मा ने कार्यक्रम की रुपरेखा पर प्रकाश डाला. मोहित सक्सेना ने स्वागत भाषण दिया और अन्त में डॉ. संतोष सैनी ने लोगों का आभार व्यक्त किया.