ETV Bharat / state

जगह-जगह शीतलहर का प्रकोप जारी, घने कोहरे के कारण लोगों का घर से निकलना हो रहा मुश्किल

झालवाड़ जिले में अब सर्दी का असर दिखने लगा है. सुबह-सुबह गुलाबी सर्दी का अहसास भी होने लगा है. बीते सप्ताह से मौसम ने करवट बदली और सुबह शाम गुलाबी सर्दी के साथ इस साल सर्दी ने दस्तक दे दी है. ऐसे में लोग ठंड से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते नजर आ रहे हैं.

झालावाड़ की खबर, winter seasons, शीतलहर का प्रकोप जारी
ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेते लोग
author img

By

Published : Dec 7, 2019, 1:28 PM IST

झालावाड़. शीत लहर का प्रकोप जारी है. ऐसे में सुबह कोहरे का चादर छाया रहता है. आलम ये है कि सुबह 8 बजे तक भी सड़कों पर बमुश्किल आवागमन हो पा रहा है. बढ़ते ठंड के चलते दफ्तर जाने वाले लोगों को वाहन चालने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लो विजिविलिटी होने से लोग धीमी गति से वाहन चला रहे हैं.

शीतलहर के चलते अलाव का सहारा लेते लोग

बता दें कि कोहरे के कारण सुबह में लोग जरूरी काम होने पर ही घरों से निकलते हैं. जिसकी वजह से सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है. शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी तापमान गिरने से जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है. यही वजह है कि अब ठंड से बचने के लिये लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं.

पढ़ें: झालावाड़: 4 साल की मासूम के साथ ज्यादती के आरोपी को पॅाक्सो कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

बढ़ते ठंड के कारण इन दिनों तिल-गुड़ की बनी चीजों की खपत ज्यादा हो रही है. ठंड के मौसम में तिल पट्टी, गुड़ पट्टी, लड्डू की मांग बढ़ जाती है. चिकित्सकों के मुताबिक ठंड का महीना हेल्थी सीजन होता है.

झालावाड़. शीत लहर का प्रकोप जारी है. ऐसे में सुबह कोहरे का चादर छाया रहता है. आलम ये है कि सुबह 8 बजे तक भी सड़कों पर बमुश्किल आवागमन हो पा रहा है. बढ़ते ठंड के चलते दफ्तर जाने वाले लोगों को वाहन चालने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लो विजिविलिटी होने से लोग धीमी गति से वाहन चला रहे हैं.

शीतलहर के चलते अलाव का सहारा लेते लोग

बता दें कि कोहरे के कारण सुबह में लोग जरूरी काम होने पर ही घरों से निकलते हैं. जिसकी वजह से सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है. शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी तापमान गिरने से जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है. यही वजह है कि अब ठंड से बचने के लिये लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं.

पढ़ें: झालावाड़: 4 साल की मासूम के साथ ज्यादती के आरोपी को पॅाक्सो कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

बढ़ते ठंड के कारण इन दिनों तिल-गुड़ की बनी चीजों की खपत ज्यादा हो रही है. ठंड के मौसम में तिल पट्टी, गुड़ पट्टी, लड्डू की मांग बढ़ जाती है. चिकित्सकों के मुताबिक ठंड का महीना हेल्थी सीजन होता है.

Intro:जिलेभर में इन दिनों शीत लहर के बढ़ते प्रकोप के चलते सुबह कोहरे का आलम बना रहता है। हालात यह है कि सुबह 8 बजे तक सड़कों पर बमुश्किल आवागमन हो पाता है। बढ़ते ठंड के कारण टू व्हीलर चालक तो सुबह के समय निकलने की हिम्मत ही नही कर पाते वहीं चार चक्का वाहन चालक घने कोहरे के कारण काफी धीमें धीमें वाहन लेकर निकलते हैं।

इन दिनों सुबह के समय गांव ढाणीया कस्बे शहर कोहरे की आगोश में होता है। कोहरे के कारण अब जहां सुबह लोग जरूरी काम होने पर ही घरों से निकलते हैं वहीं पाला पडऩे के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है । झालावाड़ जिले के मनोहरथाना के प्रमुख मार्ग में परवन नदी नेवज नदी कालीघाट नदी घने जंगल हैं जिसके चलते ठंड और कोहरे का असर कुछ ज्यादा ही रहता है। यही वजह है कि सुबह के समय छूटने वाली बसों में आने जाने वालों की संख्या काफी कम होती है। वहीं दूर दराज से आने वाले वाहन चालक भी काफी धीमी गति से वाहन चलाते हुये निकलते हैं क्योंकि घने कोहरे के कारण यह पता ही नही चल पाता कि सामने से कौन सा वाहन रहा है। शहरी क्षेत्र के साथ ही साथ ग्रामीण क्षेत्रों में तापमान गिरने से जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है। यही वजह है कि अब ठंड से बचने के लिये लोग आसपास जलाये जाने वाले अलाव का सहारा ले रहे हैं। ठंड के मद्देनजर पर्यटक स्थल बस स्टैंड ग्राम पंचायत
समेत प्रमुख स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है। अधिक ठंड होने के कारण अब लोग घरों से ही गर्म कपड़े पहनकर निकल रहे हैं।

बढ़ते ठंड के कारण इन दिनों तिल गुड़ की बनी चीजों की खपत ज्यादा हो रही है। ठंड के मौसम में तिल पट्टी, गुड़ पट्टी, लड्डू की मांग बढ़ जाती है। चिकित्सकों के मुताबिक ठंड का महीना हेल्थी सीजन होता है। वहीं ठंड से बचने के लिये सुबह के समय लोगों को चाय की चुस्की लेते हुये देखा जा सकता है। बहरहाल ज्यों ज्यों ठंड बढ़ रही है त्यों त्यों लोग उससे बचने का उपाय बढ़ाते जा रहे हैं।

सुबह-सुबह कोहरे की चादर में डूबा गांव ढाणी कस्बे।Body:कई प्रकार के मिलते हैं गजक...वैसे तो पर्यटन स्थल में मुख्य रूप से गुड़ और तिल के गजक ही प्रचलित है. ज्यादातर लोग तिल की गजक ही पसंद करते हैं. लेकिन यहां इसके अलावा गजक की और भी कई वैराइटियां बनाई जाती हैं. जो कि बाजारों में आसानी से उपलब्ध हैं. इनमें खासतौर पर शक्कर और तिल की गजक, गुड़ और मूंगफली की गजक, तिल के लड्डू, तिल और मावे की बर्फी सहित लगभग 15 प्रकार की गजक यहां बनाए जाते हैं.ये


सर्दी के मौसम में खूब होती है डिमांड...सर्दी के मौसम में तिल और मूंगफली और गुड़ का खास महत्व है. सेहत के लिए यह फायदेमंद होते हैं. वहीं सर्दी के मौसम में इन पदार्थों को खाने से गर्माहट मिलती है. इसलिए इसे मौसमी मिठाई और सर्दियों की मेवा भी कहा जाता है. अकलेरा कामखेड़ा असनावर बकानी भालता रटलाई, सरदी बॉर्डर की गजक आसपास क्षेत्र में अपना विशेष स्थान रखती है. इसलिए लोग दूर-दराज के क्षेत्रों से भी पहले खरीदने के लिए पर्यटक स्थल आते हैं. कुछ लोग इस कारोबार को कई पीढ़ियों से कर रहे हैं.

किसान आम नागरिक दुकानदार सभी के विजुअल वाइट भेजे हैं ।

Conclusion:हेमराज शर्मा अकलेरा /झालावाड़/



अकलेरा /झालावाड़ /जिले के अकलेरा कस्बे सहित
जिले में अब सर्दी का असर दिखने लगा है। सुबह-सुबह गुलाबी सर्दी का अहसास भी होने लगा है। बीते सप्ताह से मौसम ने करवट बदली और सुबह शाम गुलाबी सर्दी के साथ इस साल सर्दी ने दस्तक दे दी है। बढ़ी सर्दी ने लोगों को गर्म कपड़े पहनने पर मजबूर कर दिया है। वहीं मौसम बदलने के साथ ही गर्म कपड़ों की मांग को देखते हुए दुकानदारों ने भी स्वेटर, जैकेट, मफलर, टोपियां सहित गर्म कपड़ों की दुकानें सज गई हैं।

शहर के फुटपाथ पर लगीं गर्म कपड़ों की दुकानें हों या सेल लगाकर गर्म कपड़ों की बिक्री की जा रही हो सभी जगहों पर दुकानों में गर्म कपड़ों की बिक्री शुरू हो गई है। शहर में कई जगहों पर कपड़ों का बाजार लगा हुआ है। जहां नए-नए फैशन के गरम कपड़े मिल रहे हैं। जो शहरवासियों को आकर्षित कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना है की पिछली कुछ दिनों से खरीददारी बढ़ी है। अब लगातार तेजी आ रही है। सुबह और शाम में ज्यादा खरीददारी के लिए गांव ढाणियों कस्बेवासी पहुंच रहे हैं।

दुकानों में नए-नए फैशन के गरम कपड़ों की बढ़ी बिक्री

अकलेरा झालावाड़-
बिक्री के लिए नई फैशन के स्वेटर।

पैराशूट जैकेट : बाजार बाजार में युवाओं के लिए पैराशूट जैकेट सबसे ज्यादा आकर्षित कर रही है। दुकानदार का कहना है की यो टू इन वन है। साथ ही पहनने में बहुत हल्की है। इसको बारिश के समय भी पहन सकते हैं। जो कितनी भी सर्दी हो ये एक दम गरम रहती है। इसमें इसमें कई तरह के रंगों में ये मिल रही है। इसकी कीमत 700 रुपये से लेकर 2300 तक मिल रही है। शहरवासी इसकी सबसे ज्यादा खरीददारी करते हैं।

लेदर जैकेट : लेदर जैकेट भी इस बार खास है। ज्यादातर इसको पार्टीज में भी उपयोग करते हैं। देखने में भी बहुत शानदार लगता है। ये फैंसी जैकेट है। जो लोग काफी उसको पसंद कर रहे हैं। जिसमें सभी तरह के रंग में ये जैकेट मिल रही है। दुकानदार का कहना है की जो लेदर का जैकेट पहनने के इच्छुक हैं वो अब इसी तरह का जैकेट खरीद रहे हैं। जिसकी कीमत दो हजार रूपए से शुरु हो रही है।

महिलाओं के लिए खास तरह के कपड़े: बाजार में महिलाओं के लिए इस बार खास फैंसी स्वेटर, लेडीज स्वेटर, शॉल की कई प्रकार के डिजाइन मिल रहे हैं। फैंसी स्वेटर की बात करें तो वह बिल्कुल हल्की लाइट में हैं। जो पहने पर लगता नहीं की स्वेटर पहन रखी है। और खास ये की ये अंदर से पूरी तरह ऊन लगी हुई है। जिसकी कीमत 500 से 1 हजार रूपए तक मिल रही है। और लोगों को पसंद भी आ रही है।

बच्चों के लिए कपड़े: बाजार में छोटे बच्चों के लिए भी अलग अलग डिजाइन के गरम कपड़े मिल रहे हैं। जिसमें बेबी जैकेट की सबसे ज्यादा ब्रिक्री हो रही है। जो वाटरप्रूफ है। हवा तो बिलकुल नहीं लगती है। जो अंदर से फूल ऊन लगी हुई है। जो गरम रहती है। जिसमें कई प्रकार के रंग इसमें मिल रहे हैं। अलग अलग डिजाइन में बनी जैकेट लोगों को काफी आकर्षित कर रही है। जिसकी कीमत 700 से 1400 रूपए तक मिल रही है।

टॉपी, सर्दी के मौजे: बाजार में सर्दी से बचने के लिए तरह तरह की टोपी की भी खरीददारी हो रही है। जिसमें महिलाओं के साथ बच्चों की टोपी खास आकर्षित कर रही है। जिसमें बच्चों की टोपी अलग अलग डिजाइन में मिल रही है। साथ ही सर्दी के मौजे भी मिल रहे हैं। जो ऊन से बने मौजे की खास ब्रिक्री देखने को मिल रही है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.