झालावाड़. पूर्व सीएम व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे झालावाड़ के दौरे पर हैं. इस दौरान मंगलवार को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सीएम अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि लोक लुभावनी कहानी लिखना और उसे जमीन पर लाना अलग बात है. गहलोत सरकार ने लोगों को आकर्षित करने के लिए बजट की स्क्रिप्ट तो लिख दी, लेकिन उसे हकीकत में बदलने की दूर-दूर तक कोई सम्भावना नहीं है.
राजे ने कहा कि हमारे समय के स्वीकृत विकास कार्यों को ही यह सरकार पूरे नहीं कर पा रही तो बजट घोषणाओं में दिखाए गए सपनों को साकार करना कहां मुमकिन है. उन्होंने कहा कि झूठे सपने दिखाने वाली ऐसी ही स्क्रिप्ट कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में लिखी थी, लेकिन किसानों का 10 दिन में कर्जा माफ करने का वादा आज तक पूरा नहीं हुआ. राजे ने कहा कि कांग्रेस की यह सरकार झालावाड़ जिले की उपेक्षा कर रही है. इससे उलट हमने ऐसा कभी नहीं किया. कांग्रेस और हम में यही फर्क है. वो विकास में राजनीति करती हैं, जबकि हम राजनीति में विकास की बात करते हैं.
पूर्व सीएम ने कहा कि राजस्थान टूरिज्म के लिए अच्छा प्रदेश है, खासकर हाड़ौती. जहां मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व है, लेकिन इस सरकार ने ध्यान नहीं दिया. जबकि यह आज की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमारे समय में जो काम स्वीकृत हुए (Ex CM Targeted Congress and Ashok Gehlot) वो या तो इस सरकार में बंद कर दिए गए या उनकी स्पीड धीमी कर दी.
झालावाड़ जिले की राजगढ़ परियोजना में गोलाना से राजगढ़ सड़क डूब में आ गई है, लेकिन यह सरकार कुछ नहीं कर रही. एयर स्ट्रीप, रोशन बाड़ी सिंचाई परियोजना, जलजीवन मिशन योजना पर काम नहीं हो रहा. सीवरेज लाइन के नाम पर पूरा शहर खोद कर (Raje Alleged Congress) हमारे समय की सड़कों को बड़े-बड़े खड्डों में तब्दील कर दिया. कैंसर केयर सेंटर का काम बंद है.
झलावाड़, बूंदी और कोटा की प्यास बुझाने वाली हमारी 800 करोड़ की परवन सिंचाई योजना का काम भी धीमा है. आहू-क्यासरी हाई लेवल ब्रिज, चौमहला रेलवे आरओबी और सरवर हाई लेवल ब्रिज भी अधूरा है. बूंदी, कोटा, झालावाड़ और बारां सहित 13 जिलों की प्यास बुझाने के लिए हमारी सरकार ने ERCP परियोजना की DPR बना कर उस पर काम शुरू किया. इसी कड़ी में कोटा जिले के नवनेरा बैराज के निर्माण के लिए हमारी सरकार ने 1600 Cr. स्वीकृत किए. नवनेरा बैराज का काम भी धीमी गति से चल रहा है.
उन्होंने कहा कि झालावाड़ जिले में हमारी सरकार के समय 4 MDR सड़कें स्वीकृत हुईं थीं, यह सरकार उनका काम नहीं करवा रही. काली सिंध डैम के डूब क्षेत्र का करीब 10 करोड़ रुपए का मुआवजा किसानों को अभी तक नहीं मिला.