झालावाड़. जिले के मनोहर थाना कस्बे की 3 महिलाएं सर्वोच्च पदों पर आसीन हैं, जिनमें उपखंड अधिकारी अंजना शेरावत, न्यायाधीश सुनीता नसवारिया और मनोहरन थाना ग्राम पंचायत की सरपंच अलका सिकरवार हैं. खंड अधिकारी अंजना शेरावत ने बताया कि, उनके पिता अध्यापक थे प्रारंभिक शिक्षा कामा भरतपुर में हुई उच्च शिक्षा अलवर में प्राप्त की और प्रथम बार 2005 में पुलिस उप निरीक्षक में चयन हुआ था उसके बाद 2006 में प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ तभी से अपने कर्तव्य को निभाती आ रही है.
वहीं मनोहरथाना उपखंड क्षेत्र में पिछले 1 वर्ष से लगातार ग्रामीण जनों के समस्याओं का निदान करने में तत्पर रहती हैं. इसी तरह मनोहरथाना कस्बे की सरपंच अलका सिकरवार कस्बे की दूसरी बार महिला सरपंच निर्वाचित हुई है. इससे पहले 2000 से 2005 तक सरपंच पद पर आशीन रह चुकी हैं. इसी तरह मनोहरथाना न्यायालय के न्यायाधीश पद पर वर्तमान में सुनीता नसवारीया कार्यरत है.
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उपखंड अधिकारी अंजना शेरावत ने बताया कि उन्होंने अपनी सर्विस को सेवा समझ कर कार्य किया है, कोशिश की है कि अधिक से अधिक ग्रामीणों के लिए कार्य किया जा सके. यहां अनेकों समस्याओं से रुबरु होना पड़ता है. यहां पर मैंने वर्षों से लंबित चल रहे मुकदमों का समाधान किया है. इसी तरह सरपंच अलका सिकरवार ने बताया कि, महिलाओं को सशक्त करने के लिए शिक्षा की अत्यंत आवश्यकता है. क्षेत्र की बेटियां सरकार के बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की योजना से लाभान्वित हो रही है और मनोहरथाना क्षेत्र का नाम रोशन कर रही है.
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चाहे वह पढ़ाई का क्षेत्र को या खेल कूद का क्षेत्र मनोहरथाना क्षेत्र की बेटियों ने हर तरफ अपना डंका बजाया है. महिलाओं के लिए शिक्षा की अत्यंत आवश्यकता है महिलाओं को सिर्फ शिक्षा नौकरी करने के लिए ही नहीं वरन् पारिवारिक जिम्मेदारियां भी एक शिक्षित महिला काफी अच्छी तरह से निभा सकती है.
इसी तरह धर्म के क्षेत्र में ग्राम बलदेव पुरा निवासी आराधना गोपाल सरस्वती, 2 वर्ष पूर्व क्षेत्र में हुई गोपाल सरस्वती के प्रवचन से अभिभूत होकर धर्म के क्षेत्र में अग्रसर हुई और कल्पना लववंशी से साध्वी आराधना गोपाल सरस्वती बन गई. इसी तरह धर्म के क्षेत्र में मनोहरथाना क्षेत्र की बेटी गो कथा कर गौ माता को बचाने के लिए कृत संकल्प लेती है. उन्होंने राजस्थान ही नहीं अपितु दूसरे प्रांतों में भी गौ कथा कर गौ माता की सेवा के महत्व को इंगित कर रही है.