मनोहरथाना (झालावाड़). क्षेत्र में सावन के पहले सोमवार के मौके पर शिव भक्तों ने विद्वान आचार्यों के साथ महा रुद्राभिषेक किया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने क्षेत्र में कष्ट बाधा निवारण और वैश्विक महामारी खत्म होने की कामना की. वहीं भक्तों ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क लगाकर पूजा आराधना की.
झालावाड़ जिले के विभिन्न शिवालयों में सुबह से ही शिव बम भोले की गूंज सुनाई दी. वहीं कुछ शिवालय ऐसे भी थे, जहां हर साल लोगों की भारी भीड़ उमरती थी, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के वजह सब वीरान था.
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ज्योतिषाचार्य मोहन शर्मा ने विधिवत वेदोक्त मंत्र के साथ सहस्त्र महा शिवलिंग का महा रुद्राभिषेक किया. इस मौके पर आचार्य राज शर्मा, मुख्य मंदिर महंत प्रह्लाद स्वामी, आर एस दाधीच ने बताया कि सावन का पहला सोमवार को पंचगव्य मिट्टी द्वारा 1008 शिवलिंग बनाए गए है. जिनका पार्थिव पूजन कर महा रुद्राभिषेक किया गया है.
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कहा जाता है कि शिव को सावन के सोमवार के दिन जलाभिषेक करने से शिव भक्तों से जल्द ही प्रसन्न हो जाते है. समुद्र मंथन के बाद जब चन्द्रमा राहु से बचकर भाग रहे थे, तो उन्हें शिव ने ही अभयदान दिया था. तभी शिव ने चन्द्रमा को अपने मस्तक पर धारण किया था. कहते हैं कि जो भी सोमवार के दिन शिव का जलाभिषेक करेगा, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी. इसके अलावा कहा जाता है कि सावन के महीने में ही गंगा शिव की जटाओं में आई थीं. इस लिए सावन में ही शिव के जलाभिषेक का काफी महत्व बताया जाता है.