झालावाड़. राजस्थान के चेरापूंजी कहे जाने वाले झालावाड़ में इस साल मानसून बेहद कमजोर रहा है. औसत बारिश से भी कम बारिश इस बार जिले में दर्ज की गई है. बावजूद इसके जिले से होकर बहने वाली नदियां पानी से लबालब हैं. इसके पीछे वजह है मध्यप्रदेश में हुई जोरदार बारिश. एमपी में इस बार जोरदार बारिश हुई है. जिसके चलते नदियों में पानी की आवक बढ़ गई है. झालावाड़ मध्यप्रदेश से सटा हुआ है. इसलिए जिले से होकर गुजरने वाली प्रमुख नदियों में पानी की जमकर आवक हो रही है.
औसत से कम बारिश फिर भी लबालब नदियां
मध्यप्रदेश में औसत से अधिक बारिश का असर झालावाड़ की कालीसिंध, आहू, परवन व उजाड़ नदियों के जलस्तर में देखने को मिल रहा है. ये नदियां मध्यप्रदेश से झालावाड़ जिले में आती हैं. जो इस समय उफान पर हैं. जिसके चलते कई रास्तों को बंद कर दिया गया है. जिसकी वजह से जिला मुख्यालय का ग्रामीण क्षेत्रों से संपर्क भी कट गया है. पिछले साल 3 सितंबर तक झालावाड़ में 1129.75 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई थी, जबकि इस वर्ष 3 सितंबर तक महज 684.04 मिलीमीटर बारिश ही दर्ज की गई है.
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2020 में मानसून की बेरुखी
झालावाड़ में वर्ष 2019-20 में 1772.92 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी. वहीं, वर्ष 2018-19 में 1280.15 मिलीमीटर बारिश हुई. 2017-18 में जिले में 1034 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी. लेकिन इस बार मानसून अपने आखिरी महीने में है और जिले में केवल 684 एमएम बारिश ही हुई है. जो औसत बारिश से से भी कम है. जिले में औसत 950 एमएम बारिश होती है.
प्रमुख बांधों से की जा रही है पानी की निकासी
जिले के प्रमुख बांध कालीसिंध, राजगढ़, भीमसागर, चंवली और छापी से पानी की लगातार निकासी की जा रही है. सभी बांधों में भराव क्षमता जितने पानी की आवक हो चुकी है. कालीसिंध बांध की भराव क्षमता 316 मीटर है जबकि इसमें 315.84 मीटर पानी की आवक हो चुकी है. राजगढ़ बांध में 374.20 मीटर पानी की आवक हो चुकी है. जबकि इसकी भराव क्षमता 379.20 है. इसी तरह से छापी बांध अपनी भराव क्षमता 342.40 के मुकाबले 342.30 मीटर भर चुका है. भीम सागर बांध 308.54 के मुकाबले 308.34 के स्तर पर पहुंच गया है तथा चंवली 356.5 के मुकाबले 349.98 मीटर तक भर गया है.
झालावाड़ प्रशासन ने निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, राहत एवं बचाव कार्यों की टीमों को भी एक्टिव कर दिया है. अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में स्थिति पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं.