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Intrnational Nurse Day : झालावाड़ में 10 महीने से नर्सेज को नहीं मिल पाया वेतन, ऐसे कैसे होगी कोरोना से जंग

12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस है. इस मौके पर ईटीवी भारत ने झालावाड़ के नर्सिंग कर्मियों से बात करने का प्रयास किया. जहां उन्होंने वेतन संबंधी समस्याओं से हमे अवगत कराया. साथ ही कहा कि 10 महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. पढ़ें पूरी खबर...

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, Intrnational Nurse Day
10 महीने से वेतन नहीं मिलने पर नर्सिंग कर्मियों पर छाया आर्थिक संकट
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Published : May 12, 2021, 12:18 PM IST

झालावाड़. वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में स्वास्थ्य कर्मी पूरे विश्व में कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे हैं. आम जनता से लेकर शासन-प्रशासन ने स्वास्थ्यकर्मीयों को उनकी सेवाओं के लिए जमकर सराहा है. साथ ही आज नर्सिंग डे भी मनाया जा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर इन कोरोना वॉरियर्स को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा है. जहां पहले स्वास्थ्यकर्मियों को उनकी कोरोना से सुरक्षा के लिए जरूरी चीजों जैसे पीपीई किट और मास्क की कमी देखने को मिली.

10 महीने से वेतन नहीं मिलने पर नर्सिंग कर्मियों पर छाया आर्थिक संकट

पढ़ेंः SPECIAL: फ्री ऑक्सीजन सेवा के जरिए दे रहे 'संजीवनी', वाहनों को बनाया एंबुलेंस

वहीं, अब सरकार झालावाड़ में नर्सिंग कर्मियों की आर्थिक सेहत को लेकर लापरवाह बनी हुई है. झालावाड़ में नर्सिंग भर्ती 2018 के तहत चयनित किए गए 125 नर्सिंग कर्मियों को नौकरी लगने के बाद से वेतन नहीं मिल पाया है. ऐसे में यह नर्सिंगकर्मी बेहद खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहे हैं.

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, Intrnational Nurse Day
नर्सेज लगातार दे रही अपनी सेवा

नर्सिंग कर्मियों ने बताया कि राजस्थान नर्सेज सीधी भर्ती 2018 के तहत स्वास्थ्य विभाग ने 28 अप्रैल 2020 को उनकी नियुक्ति व पदस्थापन के आदेश जारी किए थे, लेकिन जो चयनित नर्सिंग कर्मी पहले से ही संविदा या अन्य सेवाओं के माध्यम से काम कर रहे थे उनको सरकार ने कार्यमुक्त नही करने के आदेश जारी करते हुए उसी जिले में कार्य करने के आदेश दिए थे.

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, Intrnational Nurse Day
झालावाड़ हॉस्पिटल

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में 125 नर्सिंग कर्मी अपनी सेवाएं दे रहे थे. जिसके बाद 5 अगस्त को चयनित नर्सिंग कर्मियों को यथास्थान कार्यग्रहण करवाने के आदेश जारी हुए. उसके बाद चिकित्सा विभाग की ओर से11 सितंबर को आदेश जारी करते हुए चयनित नर्सिंग कर्मियों को वेतन देने के आदेश जारी किए गए क्योंकि नर्सिंग कर्मियों को संविदा की सैलरी मिलना बन्द हो गई थी. उसके बावजूद झालावाड़ मेडिकल कॉलेज ने नर्सिंग कर्मियों के वेतन भुगतान की व्यवस्था नहीं की है. जिसके कारण नर्सिंग कर्मियों को 10 महीनों से सैलरी मिल पाई है. ऐसे में बिना वेतन के ये काम करने को मजबूर है.

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, Intrnational Nurse Day
वेतन नहीं मिलने से हो रही आर्थिक परेशानी

पढ़ेंः Special: मददगार बनी युवाओं की 'हेल्प भीलवाड़ा', ऑक्सीजन सिलेंडर, दवा सहित भोजन जरुरतमंदों तक पहुंचा रहे

नर्सिंग कर्मियों ने बताया कि झालावाड़ में कार्यरत नर्सिंग कर्मियों में 90 फीसदी नर्सिंगकर्मी बाहरी जिलों के हैं.नर्सिंग कर्मी यहां पर कमरा किराया लेकर रहते हैं. ऐसे में वेतन नहीं मिलने से अब उनको कमरे का किराया चुकाना भी मुश्किल होता जा रहा है. इसके अलावा अनेक प्रकार की आर्थिक परेशानियां उनको झेलने पड़ रही है. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण कई नर्सिंग कर्मियों को मानसिक अवसाद से भी गुजरना पड़ रहा है. नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौर में वो लगातार बिना कोई अवकाश और वेतन लिए कार्य कर रहे है. ऐसे में सरकार के आदेश होने के बावजूद भी झालावाड़ मेडिकल कॉलेज की ओर से उनके वेतन की व्यवस्था नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है.

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, Intrnational Nurse Day
कोरोना काल में भी कोरोना वॉरियर्स के रूप में कार्य किया

वहीं, झालावाड़ चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. संजय पोरवाल का कहना है कि मेडीकल कॉलेज झालावाड़ एवं एसआरजी अस्पताल में लगे 125 में नर्सिंग कर्मियों को वेतन नहीं मिलने का मामला उनके संज्ञान में है. ऐसे में 44 नर्सिंग कर्मियों का वेतन भुगतान तो झालावाड़ मेडीकल कॉलेज करेगा इसके लिए उन्होंने बिल पास करके ट्रेजरी में भिजवा दिए हैं. जल्दी ही नर्सिंग कर्मियों को वेतन मिल जायेगा. वहीं बाकी अन्य नर्सिंग कर्मियों का भुगतान कोटा व बारां सीएमएचओ कार्यालय से होगा.

झालावाड़. वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में स्वास्थ्य कर्मी पूरे विश्व में कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे हैं. आम जनता से लेकर शासन-प्रशासन ने स्वास्थ्यकर्मीयों को उनकी सेवाओं के लिए जमकर सराहा है. साथ ही आज नर्सिंग डे भी मनाया जा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर इन कोरोना वॉरियर्स को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा है. जहां पहले स्वास्थ्यकर्मियों को उनकी कोरोना से सुरक्षा के लिए जरूरी चीजों जैसे पीपीई किट और मास्क की कमी देखने को मिली.

10 महीने से वेतन नहीं मिलने पर नर्सिंग कर्मियों पर छाया आर्थिक संकट

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वहीं, अब सरकार झालावाड़ में नर्सिंग कर्मियों की आर्थिक सेहत को लेकर लापरवाह बनी हुई है. झालावाड़ में नर्सिंग भर्ती 2018 के तहत चयनित किए गए 125 नर्सिंग कर्मियों को नौकरी लगने के बाद से वेतन नहीं मिल पाया है. ऐसे में यह नर्सिंगकर्मी बेहद खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहे हैं.

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, Intrnational Nurse Day
नर्सेज लगातार दे रही अपनी सेवा

नर्सिंग कर्मियों ने बताया कि राजस्थान नर्सेज सीधी भर्ती 2018 के तहत स्वास्थ्य विभाग ने 28 अप्रैल 2020 को उनकी नियुक्ति व पदस्थापन के आदेश जारी किए थे, लेकिन जो चयनित नर्सिंग कर्मी पहले से ही संविदा या अन्य सेवाओं के माध्यम से काम कर रहे थे उनको सरकार ने कार्यमुक्त नही करने के आदेश जारी करते हुए उसी जिले में कार्य करने के आदेश दिए थे.

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, Intrnational Nurse Day
झालावाड़ हॉस्पिटल

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में 125 नर्सिंग कर्मी अपनी सेवाएं दे रहे थे. जिसके बाद 5 अगस्त को चयनित नर्सिंग कर्मियों को यथास्थान कार्यग्रहण करवाने के आदेश जारी हुए. उसके बाद चिकित्सा विभाग की ओर से11 सितंबर को आदेश जारी करते हुए चयनित नर्सिंग कर्मियों को वेतन देने के आदेश जारी किए गए क्योंकि नर्सिंग कर्मियों को संविदा की सैलरी मिलना बन्द हो गई थी. उसके बावजूद झालावाड़ मेडिकल कॉलेज ने नर्सिंग कर्मियों के वेतन भुगतान की व्यवस्था नहीं की है. जिसके कारण नर्सिंग कर्मियों को 10 महीनों से सैलरी मिल पाई है. ऐसे में बिना वेतन के ये काम करने को मजबूर है.

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, Intrnational Nurse Day
वेतन नहीं मिलने से हो रही आर्थिक परेशानी

पढ़ेंः Special: मददगार बनी युवाओं की 'हेल्प भीलवाड़ा', ऑक्सीजन सिलेंडर, दवा सहित भोजन जरुरतमंदों तक पहुंचा रहे

नर्सिंग कर्मियों ने बताया कि झालावाड़ में कार्यरत नर्सिंग कर्मियों में 90 फीसदी नर्सिंगकर्मी बाहरी जिलों के हैं.नर्सिंग कर्मी यहां पर कमरा किराया लेकर रहते हैं. ऐसे में वेतन नहीं मिलने से अब उनको कमरे का किराया चुकाना भी मुश्किल होता जा रहा है. इसके अलावा अनेक प्रकार की आर्थिक परेशानियां उनको झेलने पड़ रही है. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण कई नर्सिंग कर्मियों को मानसिक अवसाद से भी गुजरना पड़ रहा है. नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौर में वो लगातार बिना कोई अवकाश और वेतन लिए कार्य कर रहे है. ऐसे में सरकार के आदेश होने के बावजूद भी झालावाड़ मेडिकल कॉलेज की ओर से उनके वेतन की व्यवस्था नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है.

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, Intrnational Nurse Day
कोरोना काल में भी कोरोना वॉरियर्स के रूप में कार्य किया

वहीं, झालावाड़ चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. संजय पोरवाल का कहना है कि मेडीकल कॉलेज झालावाड़ एवं एसआरजी अस्पताल में लगे 125 में नर्सिंग कर्मियों को वेतन नहीं मिलने का मामला उनके संज्ञान में है. ऐसे में 44 नर्सिंग कर्मियों का वेतन भुगतान तो झालावाड़ मेडीकल कॉलेज करेगा इसके लिए उन्होंने बिल पास करके ट्रेजरी में भिजवा दिए हैं. जल्दी ही नर्सिंग कर्मियों को वेतन मिल जायेगा. वहीं बाकी अन्य नर्सिंग कर्मियों का भुगतान कोटा व बारां सीएमएचओ कार्यालय से होगा.

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