झालावाड़. वैश्विक महामारी कोरोना के दौर में स्वास्थ्य कर्मी पूरे विश्व में कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे हैं. आम जनता से लेकर शासन-प्रशासन ने स्वास्थ्यकर्मीयों को उनकी सेवाओं के लिए जमकर सराहा है. साथ ही आज नर्सिंग डे भी मनाया जा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर इन कोरोना वॉरियर्स को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा है. जहां पहले स्वास्थ्यकर्मियों को उनकी कोरोना से सुरक्षा के लिए जरूरी चीजों जैसे पीपीई किट और मास्क की कमी देखने को मिली.
पढ़ेंः SPECIAL: फ्री ऑक्सीजन सेवा के जरिए दे रहे 'संजीवनी', वाहनों को बनाया एंबुलेंस
वहीं, अब सरकार झालावाड़ में नर्सिंग कर्मियों की आर्थिक सेहत को लेकर लापरवाह बनी हुई है. झालावाड़ में नर्सिंग भर्ती 2018 के तहत चयनित किए गए 125 नर्सिंग कर्मियों को नौकरी लगने के बाद से वेतन नहीं मिल पाया है. ऐसे में यह नर्सिंगकर्मी बेहद खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहे हैं.
नर्सिंग कर्मियों ने बताया कि राजस्थान नर्सेज सीधी भर्ती 2018 के तहत स्वास्थ्य विभाग ने 28 अप्रैल 2020 को उनकी नियुक्ति व पदस्थापन के आदेश जारी किए थे, लेकिन जो चयनित नर्सिंग कर्मी पहले से ही संविदा या अन्य सेवाओं के माध्यम से काम कर रहे थे उनको सरकार ने कार्यमुक्त नही करने के आदेश जारी करते हुए उसी जिले में कार्य करने के आदेश दिए थे.
झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में 125 नर्सिंग कर्मी अपनी सेवाएं दे रहे थे. जिसके बाद 5 अगस्त को चयनित नर्सिंग कर्मियों को यथास्थान कार्यग्रहण करवाने के आदेश जारी हुए. उसके बाद चिकित्सा विभाग की ओर से11 सितंबर को आदेश जारी करते हुए चयनित नर्सिंग कर्मियों को वेतन देने के आदेश जारी किए गए क्योंकि नर्सिंग कर्मियों को संविदा की सैलरी मिलना बन्द हो गई थी. उसके बावजूद झालावाड़ मेडिकल कॉलेज ने नर्सिंग कर्मियों के वेतन भुगतान की व्यवस्था नहीं की है. जिसके कारण नर्सिंग कर्मियों को 10 महीनों से सैलरी मिल पाई है. ऐसे में बिना वेतन के ये काम करने को मजबूर है.
नर्सिंग कर्मियों ने बताया कि झालावाड़ में कार्यरत नर्सिंग कर्मियों में 90 फीसदी नर्सिंगकर्मी बाहरी जिलों के हैं.नर्सिंग कर्मी यहां पर कमरा किराया लेकर रहते हैं. ऐसे में वेतन नहीं मिलने से अब उनको कमरे का किराया चुकाना भी मुश्किल होता जा रहा है. इसके अलावा अनेक प्रकार की आर्थिक परेशानियां उनको झेलने पड़ रही है. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण कई नर्सिंग कर्मियों को मानसिक अवसाद से भी गुजरना पड़ रहा है. नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौर में वो लगातार बिना कोई अवकाश और वेतन लिए कार्य कर रहे है. ऐसे में सरकार के आदेश होने के बावजूद भी झालावाड़ मेडिकल कॉलेज की ओर से उनके वेतन की व्यवस्था नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है.
वहीं, झालावाड़ चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. संजय पोरवाल का कहना है कि मेडीकल कॉलेज झालावाड़ एवं एसआरजी अस्पताल में लगे 125 में नर्सिंग कर्मियों को वेतन नहीं मिलने का मामला उनके संज्ञान में है. ऐसे में 44 नर्सिंग कर्मियों का वेतन भुगतान तो झालावाड़ मेडीकल कॉलेज करेगा इसके लिए उन्होंने बिल पास करके ट्रेजरी में भिजवा दिए हैं. जल्दी ही नर्सिंग कर्मियों को वेतन मिल जायेगा. वहीं बाकी अन्य नर्सिंग कर्मियों का भुगतान कोटा व बारां सीएमएचओ कार्यालय से होगा.