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राजस्थान में झालावाड़ से प्रवेश करेगा मानसून, जिला प्रशासन का पुख्ता तैयारियों का दावा - जिला प्रशासन

मौसम विभाग ने बताया है कि मानसून झालावाड़ से होते हुए पूरे राजस्थान में प्रवेश करेगा. साथ ही विभाग ने 25 और 26 जून को झालावाड़ सहित 11 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. ऐसे में झालावाड़ जिला प्रशासन ने मानसून में होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए पुख्ता तैयरियों का दावा किया है.

Jhalawar news, monsoon enter, District administration
मानसून को लेकर जिला प्रशासन की पूरी तैयारियां
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Published : Jun 25, 2020, 9:35 AM IST

झालावाड़. राजस्थान वासियों को जल्द ही गर्मी से राहत मिलने वाली है. मानसून प्रदेश के द्वार तक पहुंच गया है. मौसम विभाग के अनुसार यह झालावाड़ के रास्ते राजस्थान में प्रवेश करेगा. मौसम विभाग ने झालावाड़ में 25 और 26 जून को भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की है. ऐसे में अगर मानसून इस दौरान प्रवेश करता है, तो 6 साल बाद पहला मौका होगा जब तय समय पर मानसून आएगा. इसको लेकर झालावाड़ जिला प्रशासन के द्वारा तैयारियां भी शुरू कर दी गई है. प्रशासन द्वारा सभी उपखंड और तहसील स्तर पर सतर्क रहने के आदेश जारी किए गए हैं.

मानसून को लेकर जिला प्रशासन की पूरी तैयारियां

अतिरिक्त जिला कलेक्टर दाताराम ने बताया कि मानसून की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा 8 जून को बैठक कर ली गई थी और उसके बाद 15 जून को जिला मुख्यालय और उपखंड स्तरों पर कंट्रोल रूम भी स्थापित किए जा चुके हैं. इसके अलावा सभी नगर पालिका और ग्राम पंचायतों को जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं.

एडीएम ने बताया कि आपदा प्रबंधन की बात की जाए तो बांधों को जलस्तर बढ़ने पर आपसी समन्वय के साथ गेट खोलने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके अलावा जलभराव के चलते बंद होने वाले रास्तों पर चेन के निर्माण के लिए स्थानीय ग्राम पंचायतों, विकास अधिकारियों को तहसील के साथ समन्वय स्थापित करते हुए काम करने के निर्देश जारी किए गए हैं. वहीं सभी उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, एसडीआरएफ टीम, सिविल डिफेंस टीम, कृषि पर्यवेक्षक, पटवारी और ग्राम सेवक को निर्देशित किया गया है कि मुख्यालय पर मौजूद रहे और सतर्क रहें.

यह भी पढ़ें- भारत-नेपाल नक्शा विवाद : राजनीतिक विशेषज्ञ बोले- बातचीत ही विकल्प है

बता दें कि पिछले वर्ष झालावाड़ में भारी बारिश के चलते बाढ़ आ गई थी. पिछले वर्ष जिले में 1542 एमएम बारिश हुई थी, जो औसत वर्षा से 640 एमएम ज्यादा थी. इस वर्ष जिले में और भी ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि जहां पिछले वर्ष 24 जून तक 93 एमएम बारिश हुई थी. वहीं इस बार अब तक 124 एमएम बारिश हो चुकी है. वहीं जिला प्रशासन का दावा है कि तमाम प्रकार की व्यवस्थाओं के इंतेजामात कर दिए गए हैं.

बता दें कि मौसम विभाग ने 11 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है. विभाग के मुताबिक प्रदेश के चित्तौडगढ़, राजसमंद, बांसवाड़ा, झालावाड़, बारां, उदयपुर और प्रतापगढ़ में अत्यधिक बारिश हो सकती है. इनके अलावा डूंगरपुर, सिरोही, पाली और बाड़मेर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.

झालावाड़. राजस्थान वासियों को जल्द ही गर्मी से राहत मिलने वाली है. मानसून प्रदेश के द्वार तक पहुंच गया है. मौसम विभाग के अनुसार यह झालावाड़ के रास्ते राजस्थान में प्रवेश करेगा. मौसम विभाग ने झालावाड़ में 25 और 26 जून को भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की है. ऐसे में अगर मानसून इस दौरान प्रवेश करता है, तो 6 साल बाद पहला मौका होगा जब तय समय पर मानसून आएगा. इसको लेकर झालावाड़ जिला प्रशासन के द्वारा तैयारियां भी शुरू कर दी गई है. प्रशासन द्वारा सभी उपखंड और तहसील स्तर पर सतर्क रहने के आदेश जारी किए गए हैं.

मानसून को लेकर जिला प्रशासन की पूरी तैयारियां

अतिरिक्त जिला कलेक्टर दाताराम ने बताया कि मानसून की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा 8 जून को बैठक कर ली गई थी और उसके बाद 15 जून को जिला मुख्यालय और उपखंड स्तरों पर कंट्रोल रूम भी स्थापित किए जा चुके हैं. इसके अलावा सभी नगर पालिका और ग्राम पंचायतों को जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं.

एडीएम ने बताया कि आपदा प्रबंधन की बात की जाए तो बांधों को जलस्तर बढ़ने पर आपसी समन्वय के साथ गेट खोलने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसके अलावा जलभराव के चलते बंद होने वाले रास्तों पर चेन के निर्माण के लिए स्थानीय ग्राम पंचायतों, विकास अधिकारियों को तहसील के साथ समन्वय स्थापित करते हुए काम करने के निर्देश जारी किए गए हैं. वहीं सभी उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, एसडीआरएफ टीम, सिविल डिफेंस टीम, कृषि पर्यवेक्षक, पटवारी और ग्राम सेवक को निर्देशित किया गया है कि मुख्यालय पर मौजूद रहे और सतर्क रहें.

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बता दें कि पिछले वर्ष झालावाड़ में भारी बारिश के चलते बाढ़ आ गई थी. पिछले वर्ष जिले में 1542 एमएम बारिश हुई थी, जो औसत वर्षा से 640 एमएम ज्यादा थी. इस वर्ष जिले में और भी ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि जहां पिछले वर्ष 24 जून तक 93 एमएम बारिश हुई थी. वहीं इस बार अब तक 124 एमएम बारिश हो चुकी है. वहीं जिला प्रशासन का दावा है कि तमाम प्रकार की व्यवस्थाओं के इंतेजामात कर दिए गए हैं.

बता दें कि मौसम विभाग ने 11 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है. विभाग के मुताबिक प्रदेश के चित्तौडगढ़, राजसमंद, बांसवाड़ा, झालावाड़, बारां, उदयपुर और प्रतापगढ़ में अत्यधिक बारिश हो सकती है. इनके अलावा डूंगरपुर, सिरोही, पाली और बाड़मेर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.

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