झालावाड़. परवन सिंचाई परियोजना के तहत बनाई जा रही भारत की सबसे बड़ी वाटर टनल (8.700 KM) का निरीक्षण करने राजस्थान के जल संसाधन विकास मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने लोगों के अभियोग सुने. साथ ही अधिकारियों को कई अहम दिशा-निर्देश दिए (Mahendrajeet Singh Malviya in Jhalawar).
इस दौरान महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने ईटीवी भारत से बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि बांध पर ही उन्होंने जनसुनवाई की है. जिसमें उन्हें बांध के डूब क्षेत्र में आए लोगों के मुआवजे और विस्थापन की काफी समस्याएं देखने को मिली है. ऐसे में झालावाड़ और बारां जिले के कलेक्टर को अलग से कमेटी बनाकर स्थानीय लोगों की समस्याओं का निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं.
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कई साल पहले किए गए सर्वे को लेकर उन्होंने कहा कि इसका फैसला उच्च स्तर से किया जाएगा. ऐसे में मुख्यमंत्री से चर्चा करते हुए दोबारा से सर्वे करवाकर उचित मुआवजा राशि दिलवाने का प्रयास किया जाएगा. परवन सिंचाई को लेकर 700 करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोपों पर उन्होंने कहा कि जो भी गलती हुई है, उसको लेकर जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है. साथ ही अलग से कमेटी बनाकर इसकी जांच भी की जा रही है. भविष्य में भी अगर इस मामले में किसी भी तरीके की लापरवाही बरती गई तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इसके अलावा मंत्री ने कहा कि परवन बांध के निर्माण कार्य में तेजी लाई जा रही है. ऐसे में 2023 तक निर्माण कार्य पूरा करवाने का प्रयास किया जाएगा. जिससे इस बहुउद्देशीय परियोजना का लाभ लोगों को जल्दी मिलना शुरू हो सके.