झालावाड़. जिले के डग विधानसभा क्षेत्र के क्यासरा गांव में प्रदेश विख्यात कायावर्णेश्वर महादेव मंदिर होने की वजह से यहां सावन में हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. कायावर्णेश्वर महादेव मंदिर चमत्कारिकता को लेकर प्रसिद्ध मंदिर है, जहां मंदाकिनी कुंड बना हुआ है. ऐसी मान्यता है कि चर्म रोग के लिए इस कुंड का पानी लाभदायक साबित होता है.
वहीं, कहा जाता है कि कायावर्णेश्वर महादेव मंदिर क्यासरा में जो शिवलिंग है वह तिल के बराबर बढ़ता रहता है. शास्त्रों और बुजुर्गों के अनुसार यहां पर अंकुश प्रमाण का शिवलिंग स्थापित किया गया था, जो आज बढ़कर विशालकाय हो चुका है. ऐसे में राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लोग यहां पर अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए पहुंचते हैं. सावन माह के प्रथम सोमवार व द्वितीय सोमवार को यहां भारी संख्या में लोग पहुंचे थे.
मगर प्रशासन व मंदिर समिति के की ओर से यहां के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा दिया गया था और दर्शनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. बता दें कि लॉक डाउन के चलते यहां लोग पहुंचते हैं मगर सोशल डिस्टेंस व मास्क का उपयोग नहीं करने के कारण यहां पर यह निर्णय लिया गया है. जिसको लेकर पूरे सावन माह में यहां हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. वहीं आने वाली सोमवती अमावस्या को यहां करीब हजारों की संख्या में लोग एकत्रित होंगे.
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जिसको लेकर प्रशासन इसको लेकर क्या इंतजाम करता है, यह देखने का विषय है. हालांकि लॉक डाउन के चलते इस बार इतनी संख्या में लोगों का पहुंचना मुश्किल लग रहा है. फिलहाल मंदिर परिसर पर दर्शन के लिए प्रतिबंध लगाया गया है. जानकारी के मुताबिक कायावर्णेश्वर महादेव मंदिर क्यासरा में पूरे सावन में कलश यात्रा, पैदल यात्रा, कावड़ यात्रा और परिक्रमा यात्रा चलती रहती हैं.
जिसके चलते यहां हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहते हैं. भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए यहां पर कतारों में लोग खड़े नजर आते हैं. मगर कोरोना संक्रमण के चलते यहां पर इस बार सन्नाटा पसरा हुआ है. मंदिर के मेन गेट पर ताला लगाने की वजह से बाहर से आने वाले यात्रियों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. श्रद्धालुओं को दर्शन किए बगैर ही निराश होकर लौटना पड़ रहा है.