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झालावाड़ः CORONA से निपटने के लिए जिला प्रशासन तैयार, कलेक्टर ने दी जानकारी

झालावाड़ में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने प्रेसवार्ता का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन की और से की गई तैयारियों के बारे में जानकारी दी.

झालावाड़ में लॉक डाउन, covid 19
CORONA से निपटने के लिए प्रशासन तैयार
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Published : Mar 26, 2020, 9:03 PM IST

झालावाड़. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लगाए गए लॉक डाउन में आमजन को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जा रही है. इस व्यवस्था के संबंध में गुरूवार को जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग और जिला पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने जानकारी दी.

CORONA से निपटने के लिए प्रशासन तैयार

जिला कलेक्टर ने बताया, कि वायरस जनित इस आपदा से निपटने के लिए संपूर्ण जिले में धारा 144 लगाई गई है. लॉक डाउन के कारण आमजन को आवश्यक सेवाओं की पूर्ति में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो, इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से पुख्ता व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बीपीएल और स्टेट बीपीएल परिवारों को मार्च महीना का राशन वितरण किया जा चुका है.

पढ़ें- सुनो सरकार! मुझे खाना नहीं, मेरे घर जाना है...

सिहाग ने बताया कि अप्रैल महीने के राशन का वितरण अप्रैल के प्रथम सप्ताह में निःशुल्क किया जाएगा. कोरोना वायरस के कारण पेंशनधारियों को आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों को पेंशन का वितरण अप्रैल महीने के प्रथम सप्ताह में कर दिया जाएगा.

राज्य सरकार की ओर से महामारी के कारण पूर्ण लॉक डाउन की स्थिति को देखते हुए तात्कालिक सहायता के रूप में एक हजार रूपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई है. इसमें प्रथम श्रेणी में बीपीएल, स्टेट बीपीएल और अन्त्योदय योजना के अंतर्गत आने वाले ऐसे परिवार जिनके किसी भी सदस्य के सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है.

पढ़ें- लॉक डाउन में 'बेबस हुए बेघर', परकोटे के बरामदों में रहने की मजबूरी

जिला कलेक्टर ने बताया कि पंजीकृत निर्माण श्रमिक जो प्रथम श्रेणी में नहीं आ रहे हैं. तृतीय श्रेणी में वे स्ट्रीट वेण्डर्स सम्मिलित हैं, जो उपरोक्त दोनों श्रेणियों में नहीं आते हैं. चतुर्थ श्रेणी में वे श्रमिक सम्मिलित हैं, जो अपंजीकृत है, रिक्शा चालक, निराश्रित और असहाय हैं. उनके खाते में सीधे एक हजार रूपए की राशि हस्तांतरित की जा रही है.

सिहाग ने बताया कि दिहाड़ी मजदूरों और अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए जिला प्रशासन की ओर से नगरपालिकाओं के माध्यम से खाद्य सामग्री वितरण की व्यवस्था की है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में हर गांव में 50-50 खाद्य सामग्री कीट बटवाने के लिए स्थानीय ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी और शिक्षक के माध्यम से व्यवस्था की जा रही है. जिला कलेक्टर ने बताया कि एसआरजी अस्पताल लैब में कोरोना वायरस से संबंधित 18 संदिग्ध मरीजों के टेस्ट हुए है. जांच में एक भी पॉजिटिव केस नहीं पाया गया है.

झालावाड़. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लगाए गए लॉक डाउन में आमजन को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जा रही है. इस व्यवस्था के संबंध में गुरूवार को जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग और जिला पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने जानकारी दी.

CORONA से निपटने के लिए प्रशासन तैयार

जिला कलेक्टर ने बताया, कि वायरस जनित इस आपदा से निपटने के लिए संपूर्ण जिले में धारा 144 लगाई गई है. लॉक डाउन के कारण आमजन को आवश्यक सेवाओं की पूर्ति में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो, इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से पुख्ता व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बीपीएल और स्टेट बीपीएल परिवारों को मार्च महीना का राशन वितरण किया जा चुका है.

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सिहाग ने बताया कि अप्रैल महीने के राशन का वितरण अप्रैल के प्रथम सप्ताह में निःशुल्क किया जाएगा. कोरोना वायरस के कारण पेंशनधारियों को आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों को पेंशन का वितरण अप्रैल महीने के प्रथम सप्ताह में कर दिया जाएगा.

राज्य सरकार की ओर से महामारी के कारण पूर्ण लॉक डाउन की स्थिति को देखते हुए तात्कालिक सहायता के रूप में एक हजार रूपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई है. इसमें प्रथम श्रेणी में बीपीएल, स्टेट बीपीएल और अन्त्योदय योजना के अंतर्गत आने वाले ऐसे परिवार जिनके किसी भी सदस्य के सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है.

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जिला कलेक्टर ने बताया कि पंजीकृत निर्माण श्रमिक जो प्रथम श्रेणी में नहीं आ रहे हैं. तृतीय श्रेणी में वे स्ट्रीट वेण्डर्स सम्मिलित हैं, जो उपरोक्त दोनों श्रेणियों में नहीं आते हैं. चतुर्थ श्रेणी में वे श्रमिक सम्मिलित हैं, जो अपंजीकृत है, रिक्शा चालक, निराश्रित और असहाय हैं. उनके खाते में सीधे एक हजार रूपए की राशि हस्तांतरित की जा रही है.

सिहाग ने बताया कि दिहाड़ी मजदूरों और अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए जिला प्रशासन की ओर से नगरपालिकाओं के माध्यम से खाद्य सामग्री वितरण की व्यवस्था की है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में हर गांव में 50-50 खाद्य सामग्री कीट बटवाने के लिए स्थानीय ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी और शिक्षक के माध्यम से व्यवस्था की जा रही है. जिला कलेक्टर ने बताया कि एसआरजी अस्पताल लैब में कोरोना वायरस से संबंधित 18 संदिग्ध मरीजों के टेस्ट हुए है. जांच में एक भी पॉजिटिव केस नहीं पाया गया है.

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