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पटवारी की लापरवाही के चलते किसानों को नहीं मिल पा रहा है मुआवजा, नई फसल की बुवाई को लेकर किसान चिंतित - झालावाड़ मुआवजे की खबर

झालावाड़ के डग व गंगधार क्षेत्र के किसानों के लिए सरकार ओलावृष्टि से हुए फसल खराबे के लिए 45 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि घोषित की थी लेकिन किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिल पा रही है. किसानों का आरोप है कि पटवारी की गलती के चलते उन्हें नुकसान हो रहा है.

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Published : Oct 31, 2019, 2:27 PM IST

झालावाड़. इस साल किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. जहां फरवरी माह में ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलें चौपट हो गई थी, वहीं उसके बाद अगस्त में बाढ़ की वजह से किसानों की पूरी तरह से फसलें खराब हो गई थी. ऐसे में किसान इस उम्मीद में रबी की फसल की तैयारीयों में जुट गए थे कि ओलावृष्टि से हुए खराब हुए फसल का मुआवजा मिलेगा.

पटवारी की लापरवाही के चलते किसानों को नहीं मिल पा रहा है मुआवजा

इसके लिए सरकार ने डग और गंगधार क्षेत्र के किसानों के लिए घोषणा भी की. लेकिन पटवारी की लापरवाही के चलते किसानों को अभी तक राशि नहीं मिल पाई है. किसानों का कहना है कि इस वर्ष फरवरी में ओलावृष्टि के चलते उनकी फसलें खराब हो गई थी. इसके लिए सरकार ने मुआवजा देने की घोषणा की थी. ऐसे में पटवारियों ने फसल खराबे का आंकलन करते हुए किसानों से जानकारी एकत्रित की थी.

पढ़ेंः वाह मंत्री जी, कलेक्टर साहब ; रन फॉर यूनिटी के लिए 50 मीटर दौड़े, फोटो खिंचवाते ही गाड़ियों में बैठ हो गए रवाना

लेकिन जब सरकार ने मुआवजे की घोषणा की, उसके बाद भी किसानों के खातों में पैसे नहीं आए है. किसानों ने बताया कि पटवारी ने क्षेत्र के 25 प्रतिशत किसानों के खाता नम्बर, खसरा नम्बर गलत डाल दिए थे. जिसके चलते उनके खातों में अभी तक भी पैसे नही आ पाए है. जिसकी वजह से किसानों के सामने रबी फसल की बुआई को लेकर संकट खड़ा हो गया है.

पढ़ेंः झालावाड़ः अकलेरा में अनोखे अंदाज में निकलती है मतवाले घांस भैरु महाराज की भव्य सवारी

किसानों ने बताया कि इसे लेकर जब उन्होंने पटवारी से बात की तो उन्हें यह कह कर वापस भेज दिया कि जानकारी सही करके भेजने और पैसे आने में 1 साल से डेढ़ साल तक लग जाएंगे. इसके लिए जिसको भी शिकायत करनी है, उसे कर दो. ऐसे में किसानों के सामने नई फसल की बुआई को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया. बता दें कि राज्य सरकार ने हाल ही में फरवरी 2019 में ओलावृष्टि के कारण डग और गंगधार क्षेत्र में 33 से 50% फसल खराबे से प्रभावित किसानों को 45 करोड़ 11 लाख रुपए की मुआवजा राशि जारी की थी.

झालावाड़. इस साल किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. जहां फरवरी माह में ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलें चौपट हो गई थी, वहीं उसके बाद अगस्त में बाढ़ की वजह से किसानों की पूरी तरह से फसलें खराब हो गई थी. ऐसे में किसान इस उम्मीद में रबी की फसल की तैयारीयों में जुट गए थे कि ओलावृष्टि से हुए खराब हुए फसल का मुआवजा मिलेगा.

पटवारी की लापरवाही के चलते किसानों को नहीं मिल पा रहा है मुआवजा

इसके लिए सरकार ने डग और गंगधार क्षेत्र के किसानों के लिए घोषणा भी की. लेकिन पटवारी की लापरवाही के चलते किसानों को अभी तक राशि नहीं मिल पाई है. किसानों का कहना है कि इस वर्ष फरवरी में ओलावृष्टि के चलते उनकी फसलें खराब हो गई थी. इसके लिए सरकार ने मुआवजा देने की घोषणा की थी. ऐसे में पटवारियों ने फसल खराबे का आंकलन करते हुए किसानों से जानकारी एकत्रित की थी.

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लेकिन जब सरकार ने मुआवजे की घोषणा की, उसके बाद भी किसानों के खातों में पैसे नहीं आए है. किसानों ने बताया कि पटवारी ने क्षेत्र के 25 प्रतिशत किसानों के खाता नम्बर, खसरा नम्बर गलत डाल दिए थे. जिसके चलते उनके खातों में अभी तक भी पैसे नही आ पाए है. जिसकी वजह से किसानों के सामने रबी फसल की बुआई को लेकर संकट खड़ा हो गया है.

पढ़ेंः झालावाड़ः अकलेरा में अनोखे अंदाज में निकलती है मतवाले घांस भैरु महाराज की भव्य सवारी

किसानों ने बताया कि इसे लेकर जब उन्होंने पटवारी से बात की तो उन्हें यह कह कर वापस भेज दिया कि जानकारी सही करके भेजने और पैसे आने में 1 साल से डेढ़ साल तक लग जाएंगे. इसके लिए जिसको भी शिकायत करनी है, उसे कर दो. ऐसे में किसानों के सामने नई फसल की बुआई को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया. बता दें कि राज्य सरकार ने हाल ही में फरवरी 2019 में ओलावृष्टि के कारण डग और गंगधार क्षेत्र में 33 से 50% फसल खराबे से प्रभावित किसानों को 45 करोड़ 11 लाख रुपए की मुआवजा राशि जारी की थी.

Intro:झालावाड़ के डग व गंगधारधार क्षेत्र के किसानों के लिए सरकार ओलावृष्टि से हुए फसल खराबे के लिए 45 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि घोषित की थी लेकिन पटवारी के द्वारा गलत जानकारी भेज देने के कारण किसानों को मुआवजा नहीं मिल पा रहा है.


Body:इस वर्ष झालावाड़ के किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. जहां फरवरी माह में ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलें चौपट हो गई थी वहीं उसके बाद अगस्त में बाढ़ की वजह से किसानों की पूरी तरह से फसलें खराब हो गयी थी. ऐसे में किसान इस उम्मीद में लेकिन रबी की फसल की तैयारीयों में जुट गए थे कि ओलावृष्टि से हुए फसल खराबे का मुआवजा मिलेगा. इसके लिए सरकार ने डग व गंगधार क्षेत्र के किसानों के लिए घोषणा भी की लेकिन पटवारी की लापरवाही के चलते किसानों को अभी भी पैसे आने का इंतजार है. किसानों का कहना है कि इस वर्ष फरवरी में ओलावृष्टि के चलते उनकी फसलें खराब हो गई थी. इसके लिए सरकार ने मुआवजा देने की घोषणा की थी. ऐसे में पटवारियों ने फसल खराबे का आकलन करते हुए किसानों से जानकारी एकत्रित की थी. लेकिन जब सरकार ने मुआवजे की घोषणा की उसके बाद भी किसानों के खातों में पैसे नही आये. किसानों ने बताया कि पटवारी ने क्षेत्र के 25 प्रतिशत किसानों के अकॉउंट नम्बर, खसरा नम्बर गलत डाल दिये जिसके चलते उनके खातों में अभी तक भी पैसे नही आये है. जिसकी वजह से किसानो के सामने रबी की फसल बुआई को लेकर संकट खड़ा हो गया है. किसानों ने बताया कि इसको लेकर जब उन्होंने पटवारी से बात की तो उसने कहा कि जानकारी सही करके भेजने व पैसे आने में 1 साल से डेढ़ साल तक लग जाएंगे. इसके लिए जो तुम्हें करना है कर लो, जिसको भी शिकायत करनी है उसको कर दो. ऐसे में किसानों के सामने नई फसल की बुआई को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया.

आपको बता दें कि राज्य सरकार ने हाल ही में फरवरी 2019 में ओलावृष्टि के कारण डग व गंगधार क्षेत्र में 33 से 50% फसल खराबे से प्रभावित किसानों को 45 करोड़ 11 लाख रुपए की मुआवजा राशि जारी की थी.


Conclusion:बाइट - चैनसिंह (किसान)
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