झालावाड़. इस साल किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. जहां फरवरी माह में ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलें चौपट हो गई थी, वहीं उसके बाद अगस्त में बाढ़ की वजह से किसानों की पूरी तरह से फसलें खराब हो गई थी. ऐसे में किसान इस उम्मीद में रबी की फसल की तैयारीयों में जुट गए थे कि ओलावृष्टि से हुए खराब हुए फसल का मुआवजा मिलेगा.
इसके लिए सरकार ने डग और गंगधार क्षेत्र के किसानों के लिए घोषणा भी की. लेकिन पटवारी की लापरवाही के चलते किसानों को अभी तक राशि नहीं मिल पाई है. किसानों का कहना है कि इस वर्ष फरवरी में ओलावृष्टि के चलते उनकी फसलें खराब हो गई थी. इसके लिए सरकार ने मुआवजा देने की घोषणा की थी. ऐसे में पटवारियों ने फसल खराबे का आंकलन करते हुए किसानों से जानकारी एकत्रित की थी.
लेकिन जब सरकार ने मुआवजे की घोषणा की, उसके बाद भी किसानों के खातों में पैसे नहीं आए है. किसानों ने बताया कि पटवारी ने क्षेत्र के 25 प्रतिशत किसानों के खाता नम्बर, खसरा नम्बर गलत डाल दिए थे. जिसके चलते उनके खातों में अभी तक भी पैसे नही आ पाए है. जिसकी वजह से किसानों के सामने रबी फसल की बुआई को लेकर संकट खड़ा हो गया है.
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किसानों ने बताया कि इसे लेकर जब उन्होंने पटवारी से बात की तो उन्हें यह कह कर वापस भेज दिया कि जानकारी सही करके भेजने और पैसे आने में 1 साल से डेढ़ साल तक लग जाएंगे. इसके लिए जिसको भी शिकायत करनी है, उसे कर दो. ऐसे में किसानों के सामने नई फसल की बुआई को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया. बता दें कि राज्य सरकार ने हाल ही में फरवरी 2019 में ओलावृष्टि के कारण डग और गंगधार क्षेत्र में 33 से 50% फसल खराबे से प्रभावित किसानों को 45 करोड़ 11 लाख रुपए की मुआवजा राशि जारी की थी.