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झालावाड़: मनरेगा में अब जीआईएस पर आधारित प्लान होंगे तैयार - मनरेगा

झालावाड़ के जिला परिषद के सभागार में जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग की अध्यक्षता में तीन दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत की हुई. जिसमें सभी सहायकअभियंता और कनिष्ठ तकनीकी सहायकों को नरेगा योजना में जीआईएस आधारित प्लान तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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मनरेगा में जीआईएस पर आधारित प्लान होंगे तैयार...
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Published : Feb 1, 2020, 9:56 AM IST

झालावाड़. जिले में जिला परिषद के सभागार में तीन दिवसीय कार्यशाला की शुरूआत जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग की अध्यक्षता में की गई है. जिसमें सभी सहायक अभियंता और कनिष्ठ तकनीकी सहायकों को नरेगा योजना में जीआईएस आधारित प्लान तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वहीं महात्मा गांधी नरेगा योजना में कार्यों की स्वीकृति हेतु अब जीआईएस "भौगोलिक सूचना तंत्र प्रणाली" आधारित प्लान तैयार होंगे.

मनरेगा में जीआईएस पर आधारित प्लान होंगे तैयार...

इसके लिए जिला परिषद् के सभागार में तीन दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत, जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग की अध्यक्षता में की गई. और कार्यशाला में प्रशिक्षण हेतु राज्य स्तर से जीआईएस एक्सपर्ट टीम और एफईएस संस्था भीलवाड़ा की टीम बुलाई गई है.

पढ़ें: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा

इस दौरान जिले के सभी सहायक अभियंता और कनिष्ठ तकनीकी सहायक सम्मिलित हुए है. इस तकनीक के माध्यम से गूगल अर्थ और सैटेलाइट आधारित डिजिटल नक्शे को कम्प्यूटर पर लेकर उनके माध्यम से गांव के समग्र विकास हेतु ग्राम पंचायतवार कार्य योजना नवनिर्वाचित सरपंच और ग्राम विकास समिति से चर्चा करते हुए तैयार की जाएगी.

जिसमें जल संसाधन विभाग,वन विभाग,कृषि और वानिकी विभाग के कार्य सम्मिलित करते हुए प्रत्येक ग्राम पंचायत की समग्र कार्य योजना तैयार की जाएगी. इस कार्य योजना के कार्यों को आगामी 3 साल में करवाया जाना तय किया गया है. भारत सरकार और राज्य सरकार के निर्देशानुसार नवीनतम तकनीक भुवन पोर्टल और भूनक्शा पोर्टल का उपयोग कर अधिक से अधिक जनउपयोगी कार्यों को करवाया जाना इसका लक्ष्य है.

पढ़ें: जयपुर एयरपोर्ट पर इस बार विंटर शेड्यूल यात्रियों के लिए बना आफत

राज्य स्तर से आए जीआईएस एक्सपर्ट जगदीश मेनन ने बताया कि इस तकनीक के माध्यम से कम्प्यूटर के द्वारा कार्यों को चिन्हित कर सकते हैं और किस एरिया में किस प्रकार का कार्य करवाया जाना सर्वाधिक उचित रहेगा यह भी देखा जा सकता है. साथ ही यह भी ज्ञात किया जा सकता है कि किसी नाले और तालाब पर किस प्रकार का स्ट्रक्चर किस जगह पर बनाया जाए. ताकि वह अधिक से अधिक भराव क्षमता के साथ तैयार किया जा सके.

जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. वीसी गर्ग ने बताया कि जिले में आगामी एक माह में समस्त 254 ग्राम पंचायतों की समग्र कार्य योजना तैयार की जाएगी. इसमें बिजली विभागों की भी सहभागिता बढ़ाते हुए कार्य चिन्हित किए जाएंगे.

झालावाड़. जिले में जिला परिषद के सभागार में तीन दिवसीय कार्यशाला की शुरूआत जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग की अध्यक्षता में की गई है. जिसमें सभी सहायक अभियंता और कनिष्ठ तकनीकी सहायकों को नरेगा योजना में जीआईएस आधारित प्लान तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वहीं महात्मा गांधी नरेगा योजना में कार्यों की स्वीकृति हेतु अब जीआईएस "भौगोलिक सूचना तंत्र प्रणाली" आधारित प्लान तैयार होंगे.

मनरेगा में जीआईएस पर आधारित प्लान होंगे तैयार...

इसके लिए जिला परिषद् के सभागार में तीन दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत, जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग की अध्यक्षता में की गई. और कार्यशाला में प्रशिक्षण हेतु राज्य स्तर से जीआईएस एक्सपर्ट टीम और एफईएस संस्था भीलवाड़ा की टीम बुलाई गई है.

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इस दौरान जिले के सभी सहायक अभियंता और कनिष्ठ तकनीकी सहायक सम्मिलित हुए है. इस तकनीक के माध्यम से गूगल अर्थ और सैटेलाइट आधारित डिजिटल नक्शे को कम्प्यूटर पर लेकर उनके माध्यम से गांव के समग्र विकास हेतु ग्राम पंचायतवार कार्य योजना नवनिर्वाचित सरपंच और ग्राम विकास समिति से चर्चा करते हुए तैयार की जाएगी.

जिसमें जल संसाधन विभाग,वन विभाग,कृषि और वानिकी विभाग के कार्य सम्मिलित करते हुए प्रत्येक ग्राम पंचायत की समग्र कार्य योजना तैयार की जाएगी. इस कार्य योजना के कार्यों को आगामी 3 साल में करवाया जाना तय किया गया है. भारत सरकार और राज्य सरकार के निर्देशानुसार नवीनतम तकनीक भुवन पोर्टल और भूनक्शा पोर्टल का उपयोग कर अधिक से अधिक जनउपयोगी कार्यों को करवाया जाना इसका लक्ष्य है.

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राज्य स्तर से आए जीआईएस एक्सपर्ट जगदीश मेनन ने बताया कि इस तकनीक के माध्यम से कम्प्यूटर के द्वारा कार्यों को चिन्हित कर सकते हैं और किस एरिया में किस प्रकार का कार्य करवाया जाना सर्वाधिक उचित रहेगा यह भी देखा जा सकता है. साथ ही यह भी ज्ञात किया जा सकता है कि किसी नाले और तालाब पर किस प्रकार का स्ट्रक्चर किस जगह पर बनाया जाए. ताकि वह अधिक से अधिक भराव क्षमता के साथ तैयार किया जा सके.

जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. वीसी गर्ग ने बताया कि जिले में आगामी एक माह में समस्त 254 ग्राम पंचायतों की समग्र कार्य योजना तैयार की जाएगी. इसमें बिजली विभागों की भी सहभागिता बढ़ाते हुए कार्य चिन्हित किए जाएंगे.

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