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झालावाड़: अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले पिता को आजीवन कारावास, पॉक्सो कोर्ट ने सुनाया फैसला

झालावाड़ की पॉक्सो कोर्ट ने अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और ₹20 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

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पिता ने किया अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म
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Published : Feb 12, 2020, 6:30 PM IST

झालावाड़. जिले की पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ कई बार दुष्कर्म करने के आरोपी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी पर ₹20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

पिता ने किया अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म

पॉक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक लाल चंद मीणा ने बताया, कि बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और सदस्यों ने 1 दिसम्बर 2017 को तहरीर रिपोर्ट दी थी. जिसमें उन्होंने बताया था, कि बाल कल्याण समिति के सदस्यों और महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यकर्ताओं ने एक नाबालिग का रेस्क्यू किया है. जिसके साथ उसके पिता की ही ओर से दुष्कर्म किया जाता था.

इसके बाद पुलिस ने नाबालिग के बयान दर्ज किए. जिसमें उसने बताया, कि वो अपने पिता और दादी के साथ एक किराए के मकान में रहती है. उसकी दादी अंधी है और उसकी मां की मौत उसको पैदा करने के बाद ही हो गयी थी. ऐसे में उसका पिता रात के समय उसे उठाकर अपने बेड पर ले जाता था और उसके साथ दुष्कर्म किया करता था. यह बात उसने आंगनबाड़ी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बताई. जिस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बाल कल्याण समिति को सूचना दी.

पढ़ें- झालावाड़: ब्लाइंड मर्डर केस का पुलिस ने किया खुलासा, आरोपी को 1 दिन के रिमांड पर भेजा

सूचना मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और कोर्ट में चालान पेश किया गया. मामले में 26 गवाह और 51 दस्तावेज पेश किए गए. जिसके आधार पर कोर्ट ने आरोपी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और आरोपी पर ₹20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

झालावाड़. जिले की पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश ने अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ कई बार दुष्कर्म करने के आरोपी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी पर ₹20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

पिता ने किया अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म

पॉक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक लाल चंद मीणा ने बताया, कि बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और सदस्यों ने 1 दिसम्बर 2017 को तहरीर रिपोर्ट दी थी. जिसमें उन्होंने बताया था, कि बाल कल्याण समिति के सदस्यों और महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यकर्ताओं ने एक नाबालिग का रेस्क्यू किया है. जिसके साथ उसके पिता की ही ओर से दुष्कर्म किया जाता था.

इसके बाद पुलिस ने नाबालिग के बयान दर्ज किए. जिसमें उसने बताया, कि वो अपने पिता और दादी के साथ एक किराए के मकान में रहती है. उसकी दादी अंधी है और उसकी मां की मौत उसको पैदा करने के बाद ही हो गयी थी. ऐसे में उसका पिता रात के समय उसे उठाकर अपने बेड पर ले जाता था और उसके साथ दुष्कर्म किया करता था. यह बात उसने आंगनबाड़ी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बताई. जिस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बाल कल्याण समिति को सूचना दी.

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सूचना मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और कोर्ट में चालान पेश किया गया. मामले में 26 गवाह और 51 दस्तावेज पेश किए गए. जिसके आधार पर कोर्ट ने आरोपी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और आरोपी पर ₹20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

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