झालावाड़. कोरोना काल में ऐसे भी मंजर देखने को मिल रहे हैं, जिनकी कभी कल्पना भी नहीं की गई थी. चारों तरफ मौत का मातम पसरा हुआ है. कोरोना से हो रही मौत के मामलों में अक्सर देखा जा रहा है कि मृतकों के रिश्तेदार व परिजन भी अंतिम संस्कार करने से अपने हाथ पीछे खींच रहे हैं.
ऐसा ही कुछ झालावाड़ में भी देखने को मिला, जब परिजनों व रिश्तेदारों ने मृतक का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. इसके बाद एक मुस्लिम व्यक्ति ने अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी निभाई और सभी रश्मों को अदा करते हुए मृतक का ससम्मान अंतिम संस्कार किया.
यह मामला झालावाड़ के खानपुर उपखंड क्षेत्र के कंवरपुरा गांव का है. भेरू लाल नायक नाम के व्यक्ति की कोरोना के चलते जिला अस्पताल में मौत हो गई. भेरूलाल की मौत के बाद मृतक के शव को एंबुलेंस से उसके गांव कंवरपुरा भिजवाया गया. जहां पर उनकी पत्नी का कोरोना के कारण ही बारां जिले के अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं पुत्र भी कोरोना पॉजिटिव है. ऐसे में वह अंतिम संस्कार के लिए नहीं आ पाए.
इसके बाद जब प्रशासन ने अन्य रिश्तेदारों व संबंधियों से बात की तो उन्होंने भी मना कर दिया. ऐसे में एक मुस्लिम कर्मचारी शाहिद खान ने ग्राम पंचायत के अन्य लोगों के साथ मिलकर अंतिम संस्कार किया. कंवरपुरा ग्राम पंचायत के कनिष्ठ सहायक शाहिद खान ने बताया कि उनकी ग्राम पंचायत के रहने वाले भेरू लाल नायक की मौत जिला अस्पताल में हो गई थी.
ऐसे में उपखंड कार्यालय से उनको सूचना मिली, जिस पर उन्होंने कोरोना गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार किया. इस दौरान उन्होंने मृतक के रिश्तेदारों से अंतिम संस्कार करने की बात कही लेकिन सभी ने मना कर दिया. ऐसे में उन्होंने ही यह बीड़ा उठाते हुए मृतक का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया.