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झालावाड़: कोटा स्टोन के उद्यमियों ने की बिजली बिलों में लगाई गई पेनल्टियां हटाने की मांग

झालावाड़ में कोटा स्टोन का काम करने वाले उद्यमियों ने लॉकडाउन के दौरान विद्युत बिलों में लगाई गई पेनल्टियों को हटाने की मांग की है. इसको लेकर कोटा स्टोन स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से ऊर्जा मंत्री के नाम विद्युत विभाग के एसई को ज्ञापन दिया है. जिससे कोटा स्टोन की स्माल इंडस्ट्रीज को वापस शुरू किया जा सके.

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विद्युत बिलों में लगाई गई पेनल्टियां हटाने की मांग
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Published : Jun 9, 2020, 3:40 PM IST

झालावाड़. शहर में कोटा स्टोन स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से ऊर्जा मंत्री के नाम जयपुर डिस्कॉम के एसई को ज्ञापन दिया गया. इसमें लॉकडाउन के दौरान लघु उद्योगों पर बिजली बिलों में लगाई गई विभिन्न पेनल्टियों को हटाने की मांग की गई है. ज्ञापन में बताया गया है कि, राज्य में लॉकडाउन के दौरान सभी उद्योग बंद हो गए. जिससे उद्यमी अत्यधिक परेशान हैं और उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. कई उद्यमी तो अपने उद्योग को फिर से शुरू करने की स्थिति में भी नहीं है. ऐसी स्थिति में बिजली के बिलों में जो पेनल्टी लगाई गई है वो गलत है, उनको हटाया जाए.

विद्युत बिलों में लगाई गई पेनल्टियां हटाने की मांग

जिलाध्यक्ष विशाल मित्तल ने बताया कि. 22 मार्च से लॉकडाउन शुरू हो गया था. जिसके बाद बिजली के बिल जमा नहीं किए जा सके. इसके बाद अप्रैल माह की रीडिंग नहीं लेने से एवरेज बिल जारी किए गए. जिन पर नियत तिथि तक राशि जमा नहीं करने पर पेनल्टी लगा दी गई. मई माह में उद्यमियों ने अपनी-अपनी रीडिंग देखकर बिजली बिल जारी करवाया गया तो उसमें मार्च और अप्रैल माह की नियत तिथि तक राशि जमा नहीं होने पर लगने वाली पेनल्टी भी लगा दी गई.

ये पढ़ें: झालावाड़ : अवैध बजरी खनन करते ढहा मिट्टी का टीला, दो की मौत

मित्तल ने कहा कि, पावर फैक्टर के नाम पर उद्यमियों पर हजारों रुपए थोप दिए गए हैं, जो अन्याय है. ऐसे में उद्यमियों की मांग है कि 22 मार्च से 31 मई तक का स्थाई शुल्क माफ करके उद्यमियों को राहत पहुंचाई जाए. साथ ही कोटा स्टोन के उद्यमियों का कहना है कि, विद्युत विभाग इन पेनल्टियों को जल्द से जल्द हटाए. जिससे वापस काम शुरू किया जा सके.

झालावाड़. शहर में कोटा स्टोन स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से ऊर्जा मंत्री के नाम जयपुर डिस्कॉम के एसई को ज्ञापन दिया गया. इसमें लॉकडाउन के दौरान लघु उद्योगों पर बिजली बिलों में लगाई गई विभिन्न पेनल्टियों को हटाने की मांग की गई है. ज्ञापन में बताया गया है कि, राज्य में लॉकडाउन के दौरान सभी उद्योग बंद हो गए. जिससे उद्यमी अत्यधिक परेशान हैं और उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. कई उद्यमी तो अपने उद्योग को फिर से शुरू करने की स्थिति में भी नहीं है. ऐसी स्थिति में बिजली के बिलों में जो पेनल्टी लगाई गई है वो गलत है, उनको हटाया जाए.

विद्युत बिलों में लगाई गई पेनल्टियां हटाने की मांग

जिलाध्यक्ष विशाल मित्तल ने बताया कि. 22 मार्च से लॉकडाउन शुरू हो गया था. जिसके बाद बिजली के बिल जमा नहीं किए जा सके. इसके बाद अप्रैल माह की रीडिंग नहीं लेने से एवरेज बिल जारी किए गए. जिन पर नियत तिथि तक राशि जमा नहीं करने पर पेनल्टी लगा दी गई. मई माह में उद्यमियों ने अपनी-अपनी रीडिंग देखकर बिजली बिल जारी करवाया गया तो उसमें मार्च और अप्रैल माह की नियत तिथि तक राशि जमा नहीं होने पर लगने वाली पेनल्टी भी लगा दी गई.

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मित्तल ने कहा कि, पावर फैक्टर के नाम पर उद्यमियों पर हजारों रुपए थोप दिए गए हैं, जो अन्याय है. ऐसे में उद्यमियों की मांग है कि 22 मार्च से 31 मई तक का स्थाई शुल्क माफ करके उद्यमियों को राहत पहुंचाई जाए. साथ ही कोटा स्टोन के उद्यमियों का कहना है कि, विद्युत विभाग इन पेनल्टियों को जल्द से जल्द हटाए. जिससे वापस काम शुरू किया जा सके.

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