मनोहरथाना (झालावाड़). ऐतिहासिक धार्मिक स्थल कामखेड़ा तीर्थ नगरी में होली का पर्व धूमधाम से मनाया गया. ढोल और थाप की धुन के बीच कस्बे वासियों के साथ-साथ अन्य मेहमानों ने एक-दूसरे पर रंग और गुलाल लगाकर होली खेली. कामखेड़ा तीर्थ स्थल की मुख्य बाजारों में सोमवार सुबह कपड़ा फाड़ होली शुरू हुई, जो दोपहर तक चलती रही. पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था के माकूल बंदोबस्त किए.
कामखेड़ा बालाजी तीर्थ स्थल पर दूर-दराज सहित अन्य इलाकों के साथ-साथ अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी होली खेलने यहां आते हैं. वहीं स्थानीय कामखेड़ा धार्मिक स्थल पर परंपरागत तरीके से खेले जाने वाले होली की बात की जाए तो कम नहीं है. मस्ती और धमाल मचाने वाले होली, जिसमें सादगी और सौहार्द की झलक देखने को मिलती है. कामखेड़ा धार्मिक स्थल पर क्या नन्हे-मुन्ने बच्चे-क्या युवक, सभी एक दूसरे को रंगों से सराबोर कर होली खेलते-खेलते मिट्टी, गोबर, गौमूत्र और कीचड़ लगाते हैं. होली गीतों पर नारेबाजी करते हुए कपड़ा फाड़ होली खेलते हुए देखे जा सकते हैं. साथ-साथ अर्ध नग्न होकर एक दूसरे को रंगों में सराबोर करते हुए जमकर गीतों की मस्ती धमाल मचाने लग जाते हैं.
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रगों का त्योहर होली पूरे हंसी खुशी के साथ मनाई गई. होली को लेकर गांव-गांव में बेहतर तैयारी की गई थी. होली से एक दिन पहले रात में शुभ-मुहूर्त के दौरान होलिका दहन किया गया. लोग एक दूसरे को अबीर लगाकर होली की शुभकामनाएं दिए. बच्चे और युवा जहां घर-घर जाकर महिलाओं और बुजुर्गों के पैर पर अबीर चढ़ाकर आशीर्वाद लिए. वहीं महिलाएं और युवतियां भी अपने-अपने सगे संबंधियों के यहां जाकर अबीर लगाकर गले मिली.