झालावाड़. जिले के झालरापाटन में हुए कोरोना विस्फोट को लेकर पुलिस प्रशासन ने एक झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, जिसको झालरापाटन में बड़ी संख्या में आए कोरोना वायरस के मामलों का सुपर स्प्रेडर भी माना जा रहा है. साथ ही चिकित्सक खुद भी कोरोना की रिपोर्ट में पॉजिटिव पाया गया है. दरअसल, चिकित्सक ने खुद पॉजिटिव रहते हुए कई लोगों का इलाज किया, जिसके चलते उन लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है.
झालावाड़ डिप्टी एसपी विजय शंकर शर्मा ने बताया कि झालरापाटन में बड़ी संख्या में कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं. बीते 3 दिनों में यहां पर कोरोना के 172 नए केस सामने आए हैं. ऐसे में संक्रमित पाए गए लोगों की जब कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और हिस्ट्री निकाली गई तो इसमें झालरापाटन शहर में क्लीनिक चलाने वाले एक झोलाछाप चिकित्सक का नाम सामने आया, जिन्होंने कोरोना पॉजिटिव होते हुए भी अपने क्लीनिक की सेवाएं चालू रखी और मरीजों को दवाई देते रहे. इस दौरान उनके 50 से 60 लोग संपर्क में आए, जिनमें से करीब 12 से अधिक लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. वहीं, शेष लोगों की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है.
पुलिस ने बताया कि बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से चिकित्सक को क्लीनिक बंद करने और कोरोना का टेस्ट करवाने के लिए कहा गया था. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कई बार जांच करवाने से मना कर दिया, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम को पुलिस का सहयोग लेकर चिकित्सक की जांच करवानी पड़ी, जिसमें वो खुद पॉजिटिव पाया गया. ऐसे में चिकित्सक पर कोरोना वायरस फैलाने के आरोप में झालरापाटन थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है.