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झालावाड़: दहेज हत्या के मामले में कोर्ट ने सुनाई पति को 10 साल की सजा

झालावाड़ शहर में चार साल पहले दहेज की मांग कर पत्नी की हत्या करने के मामले में पति को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. मामले में अपर लोक अभियोजक की तरफ से 21 गवाह पेश किए गए.

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Published : Jan 28, 2021, 12:54 PM IST

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10 साल की कठोर कारावास...

झालावाड़. चार साल पहले दहेज के चलते हत्या के मामले में झालावाड़ कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाई है. मामले में लोक अभियोजक प्रदीप शर्मा ने बताया कि झालावाड़ शहर के ईदगाह चौक निवासी मृतका के पिता मांगीलाल ने 17 मई 2017 को कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी थी, जिसमें उसने बताया था कि उसकी पुत्री दीपिका की शादी 8 साल पहले धनवाड़ा निवासी शंकरलाल कश्यप से हुई थी. शादी के बाद से ही दीपिका और दामाद शंकर परिवार से अलग रहते थे. शादी के बाद से ही दामाद, बेटी को परेशान करता था और कोई कार्यक्रम होने पर भी वह बेटी को मायके में नहीं भेजता था.

वहीं 6 महीने पहले भी दामाद ने पुत्री का हाथ तोड़ दिया था और दामाद बार-बार बेटी से दहेज की मांग कर मारपीट करता था. ऐसे में 16 मई की रात को दामाद ने मोबाइल पर सूचना दी कि उसकी बेटी की तबीयत खराब है. ऐसे में एसआरजी अस्पताल में भर्ती किया गया है. इस पर वो अस्पताल में पहुंचे, जहां वो आईसीयू में भर्ती थी. वहां पर इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.

यह भी पढ़ें: राजस्थान हाईकोर्ट ने जेलर भारत भूषण हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी को खुला बंदी शिविर भेजने के दिए निर्देश

ऐसे में पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर दामाद के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज किया. पुलिस जांच के बाद आरोपी दामाद को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया गया, जिसमें अपर लोक अभियोजक की तरफ से 21 गवाह पेश किए गए. उसके बाद अपर सेशन न्यायाधीश प्रीति नायक ने आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

झालावाड़. चार साल पहले दहेज के चलते हत्या के मामले में झालावाड़ कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाई है. मामले में लोक अभियोजक प्रदीप शर्मा ने बताया कि झालावाड़ शहर के ईदगाह चौक निवासी मृतका के पिता मांगीलाल ने 17 मई 2017 को कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी थी, जिसमें उसने बताया था कि उसकी पुत्री दीपिका की शादी 8 साल पहले धनवाड़ा निवासी शंकरलाल कश्यप से हुई थी. शादी के बाद से ही दीपिका और दामाद शंकर परिवार से अलग रहते थे. शादी के बाद से ही दामाद, बेटी को परेशान करता था और कोई कार्यक्रम होने पर भी वह बेटी को मायके में नहीं भेजता था.

वहीं 6 महीने पहले भी दामाद ने पुत्री का हाथ तोड़ दिया था और दामाद बार-बार बेटी से दहेज की मांग कर मारपीट करता था. ऐसे में 16 मई की रात को दामाद ने मोबाइल पर सूचना दी कि उसकी बेटी की तबीयत खराब है. ऐसे में एसआरजी अस्पताल में भर्ती किया गया है. इस पर वो अस्पताल में पहुंचे, जहां वो आईसीयू में भर्ती थी. वहां पर इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.

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ऐसे में पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर दामाद के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज किया. पुलिस जांच के बाद आरोपी दामाद को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया गया, जिसमें अपर लोक अभियोजक की तरफ से 21 गवाह पेश किए गए. उसके बाद अपर सेशन न्यायाधीश प्रीति नायक ने आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

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