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कोरोना के खिलाफ जंग में खड़ा हुआ 10 वर्षीय रुद्राक्ष, गुल्लक तोड़कर सीएम राहत कोष में किए दान 5160 रुपए

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Published : Apr 1, 2020, 1:00 PM IST

झालावाड़ के अकलेरा में एक बच्चे रुद्राक्ष जांगिड़ ने अपने गुल्लक के पैसे गरीबों की मदद के लिए दे दिए. इस नन्हे बालक ने ऐसा कर के लोगों से अपील की है कि संकट की घड़ी में लोगों को मदद के लिए आगे आना चाहिए. साथ ही सभी भामाशाह को राज्य सरकार और केंद्र सरकार के राहत कोष में असहाय लोगों की मदद के लिए अपनी इच्छा के अनुसार सहायता राशि देनी चाहिए.

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कोरोना के खिलाफ जंग

अकलेरा (झालावाड़). जिले के अकलेरा में अमृतखेड़ी का रहने वाला 10 वर्षीय बालक रुद्राक्ष ने एक अनोखी मिसाल पेश कर लोगों को मानवता का उचित मतलब बताया है. कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए रुद्राक्ष ने अपने माता-पिता के द्वारा दिए गए जेब खर्च में से बचत कर उसे कोरोना वायरस को लेकर बने रहात कोष में जमा करवाया है.

बता दें कि कोरोना वायरस की महामारी से चल रहे लाॅकडाउन में गरीब असहाय लोगों की सहायता के लिए रुद्राक्ष ने अपने गुल्लक को कांग्रेस जिला अध्यक्ष कैलाश मीणा को सौंप दिया. जब जिलाध्यक्ष ने गुल्लक को तोड़ा, तो इसमें से 5160 रुपए निकले. वहीं यह रुपए जिलाध्यक्ष ने गरीबों की सहायता के लिए सीएम सहायता कोष में जमा करा दिए.

बालक रुद्राक्ष जांगिड़ ने बताया कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष कैलाश मीणा ने मंगलवार को दो लाख इक्कावन हजार का चेक मुख्यमंत्री सहायता कोष में दिया था. साथ ही वो क्षेत्र में लगातार गरीब और असहाय लोगों की मदद करने हेतु राशन किट वितरित कर रहे है. जिसमें उनके पिता कैलाश जांगिड़ भी उनके साथ रहते हैं.

पढ़ेंः लॉकडाउन के दौरान सामाजित दायित्व निभा रहे शहर के भामाशाह, जरूरतमंदों को बांट रहे हैं भोजन

इन्हीं लोगों को देख कर के मैंने प्रेरणा ली और अपना जन्मदिन नहीं मनाकर कुछ गरीबों की मदद कर सकूं इसके लिए अपना गुल्लक गरीबों की सहायता के लिए दे दिया. रुद्राक्ष के पिता कैलाश जांगिड़ अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा के कोटा संभाग प्रभारी हैं. वहीं इस दौरान इस बच्चे ने इस मुहिम में लोगों की हिस्सेदारी ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने की भी अपील की.

नन्ने रुद्राक्ष बने इस मुहिम का हिस्सा और लोगों को दी प्रेरणा-

रुद्राक्ष ने बताया कि दान से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता है, मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है. साथ ही बताया कि अष्टमी नवमीं को कन्याओं को भोजन कराने की अपेक्षा गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करें और उन्हें ही भोजन करवाएं.

अकलेरा (झालावाड़). जिले के अकलेरा में अमृतखेड़ी का रहने वाला 10 वर्षीय बालक रुद्राक्ष ने एक अनोखी मिसाल पेश कर लोगों को मानवता का उचित मतलब बताया है. कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए रुद्राक्ष ने अपने माता-पिता के द्वारा दिए गए जेब खर्च में से बचत कर उसे कोरोना वायरस को लेकर बने रहात कोष में जमा करवाया है.

बता दें कि कोरोना वायरस की महामारी से चल रहे लाॅकडाउन में गरीब असहाय लोगों की सहायता के लिए रुद्राक्ष ने अपने गुल्लक को कांग्रेस जिला अध्यक्ष कैलाश मीणा को सौंप दिया. जब जिलाध्यक्ष ने गुल्लक को तोड़ा, तो इसमें से 5160 रुपए निकले. वहीं यह रुपए जिलाध्यक्ष ने गरीबों की सहायता के लिए सीएम सहायता कोष में जमा करा दिए.

बालक रुद्राक्ष जांगिड़ ने बताया कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष कैलाश मीणा ने मंगलवार को दो लाख इक्कावन हजार का चेक मुख्यमंत्री सहायता कोष में दिया था. साथ ही वो क्षेत्र में लगातार गरीब और असहाय लोगों की मदद करने हेतु राशन किट वितरित कर रहे है. जिसमें उनके पिता कैलाश जांगिड़ भी उनके साथ रहते हैं.

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इन्हीं लोगों को देख कर के मैंने प्रेरणा ली और अपना जन्मदिन नहीं मनाकर कुछ गरीबों की मदद कर सकूं इसके लिए अपना गुल्लक गरीबों की सहायता के लिए दे दिया. रुद्राक्ष के पिता कैलाश जांगिड़ अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा के कोटा संभाग प्रभारी हैं. वहीं इस दौरान इस बच्चे ने इस मुहिम में लोगों की हिस्सेदारी ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने की भी अपील की.

नन्ने रुद्राक्ष बने इस मुहिम का हिस्सा और लोगों को दी प्रेरणा-

रुद्राक्ष ने बताया कि दान से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता है, मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है. साथ ही बताया कि अष्टमी नवमीं को कन्याओं को भोजन कराने की अपेक्षा गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करें और उन्हें ही भोजन करवाएं.

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