जालोर. कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर देशभर में मात्र चार घंटों का समय देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन लागू कर दिया था. जिससे राजस्थान के लाखों लोग प्रवास में फंस गए थे. अब प्रवास से अपने प्रदेश में आने के लिए सैकड़ों लोग करीबन 40 दिनों से सरकारी अधिकारियों के सामने मिन्नते कर रहे हैं, लेकिन सरकारी के अधिकारियों के तानाशाही रवैये के चलते प्रवासी राजस्थान नहीं आ पा रहे हैं.
ऐसा ही एक ताजा मामला सामने आया है पश्चिम बंगाल से. वहां पर राजस्थान के करीबन 500 लोग फंसे हुए हैं, जो लगातार राजस्थान लाने की राज्य सरकार से मांग कर रहे थे. ऐसे में राजस्थान के कोटा से छात्रों को लेकर 11 बसें कोलकाता और हावड़ा गई थी. जिसके चलते प्रवासियों की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने ममता बनर्जी सरकार से कहा था कि प्रवासी राजस्थान आना चाहते हैं. उनको इन बसों के माध्यम से वापस भेजा जाए. इसके बाद प्रवासियों को राजस्थान भेजने के प्रयास शुरू हो गए. दो बसों में प्रवासी राजस्थान के लिए रवाना हो गए थे. अन्य 9 बसे कोलकता व हावड़ा में खड़ी थी.
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इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव आईएएस अजय भल्ला ने एक आदेश जारी कर दिया. आदेश में साफ लिखा था कि सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले प्रवासियों को राज्य सरकार अपने प्रदेश में भेजने की अनुमति दें, जबकि किराए के घरों रह रहें या काम करने वाले स्थान पर रह रहे प्रवासी मजदूरों को अपने प्रदेश जाने की अनुमति जारी नहीं करें. जिसके बाद प्रवासियों ने वेस्ट बंगाल सरकार के अधिकारियों के सामने हाथ जोड़ने के बावजूद भी वेस्ट बंगाल की सरकार ने केंद्र सरकार के आदेश का हवाला देते हुए प्रवासियों को राजस्थान भेजने से मना कर दिया. जिसके बाद कोलकाता व हावड़ा से 9 बसें सोमवार रात को राजस्थान के लिए रवाना हो गई.
9 बसें जालोर, 1 सांचोर व 1 बीकानेर आनी थी बसें
कोटा से 11 बसें छात्रों को लेकर वेस्ट बंगाल के कोलकता व हावड़ा गई थी. ऐसे में वहां से खाली आते समय राजस्थानी प्रवासियों को लाने का प्रस्ताव वेस्ट बंगाल के सामने रखा तो ममता बनर्जी की सरकार ने स्वीकार भी कर दिया. दो बसों में लोगों को राजस्थान के जालोर के लिए रवाना कर दिया था. पीछे 9 बसों में से 7 बसें जालोर, 1 बस सांचोर और एक बस बीकानेर प्रवासियों को लेकर जानी थी, लेकिन केंद्र सरकार के आदेश पर प्रवासियों को राजस्थान भेजने से मना कर दिया. ऐसे में 9 बसें पूरी तरह खाली राजस्थान के लिये 4 दिन रुकने के बाद रवाना हुई.
केंद्र सरकार के आदेश से रुकी प्रवासियों की वापसी
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के कारण अब प्रवासियों की घर वापसी एक बार रुक गई है. प्रवासी राजस्थानी फ्रेंड्स फाउंडेशन के अध्यक्ष श्रवण सिंह राठौड़ ने बताया कि केंद्रीय सचिव अजय भल्ला ने आदेश जारी किया है. उसमें बताया कि जो प्रवासी काम कर रहे हैं. उस जगह रह रहे हैं या किराए के घरों में रह रहे हैं. उनको प्रवास से घर आने की अनुमति राज्य सरकार जारी नहीं करे. जिसके बाद पश्चिम बंगाल की सरकार ने उसी आदेश का हवाला देते हुए प्रवासियों को राजस्थान भेजने की अनुमति नहीं देते हुए बसों को खाली रवाना किया है.