भीनमाल (जालोर). इलाके के दर्जनों गांवों में युवाओं में स्मैक और एमडी के बढ़ते चलन से चिंतित ग्रामीणों ने एक अभिनव मुहिम शुरू की है. ग्रामीणों ने युवाओं को नशे के दलदल से बचाने के लिए अपने स्तर पर नशामुक्ति अभियान चलाया है. अभियान के तहत पूनासा गांव में ग्रामीणों ने यह तय किया है कि गांव में स्मैक और एमडी की बिक्री या सेवन करने वालों से जुर्माना वसूला जाएगा. साथ ही आरोपी की सूचना पुलिस को देने का भी निर्णय किया है.
बैठक में तय किया कि स्मैक और एमडी के बेचने वाले व्यक्ति पर 11 हजार और सेवन करने वाले से 5 हजार का जुर्माना वसूला जाएगा. इसके लिए उन्हें सात दिन का समय दिया गया है. उसके बाद यह कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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बैठक में सेवानिवृत्त प्रिंसिपल रावलाराम विश्नोई ने युवाओं से आह्वान किया कि वे नशे के इस दलदल बाहर निकलें. उन्होंने कहा कि दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति से नशे का त्याग कर जीवन में नया सवेरा लाएं. रघुनाथराम खिलेरी ने कहा कि नशे से मनुष्य का जीवन नरक बन जाता है.
विश्नोई महासभा मुकाम के सदस्य जयकरण खिलेरी ने बताया कि गांव के युवाओं को स्मैक और एमडी बेचने वालों को चिन्हित कर उनका डाटा तैयार किया जाएगा. साथ ही नशे में फंसे युवाओं की पहचान भी की जाएगी. एक बार समझाने के बाद भी अगर नशे से जुड़े लोग नहीं मानेंगे तो उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा. अभियान के समर्थन में ग्रामीणों ने वाहन रैली भी निकाली.
बैठक में पूनासा चौकी प्रभारी दीप सिंह राजपुरोहित, रामकिशन विश्नोई, वीरमाराम जाट, रामलाल जांगू, जोधाराम जांगू, पूर्व पंचायत समित सदस्य कोजाराम पंवार, शिक्षक आसुराम जानी, किसनाराम जांगू, शिक्षक गणपत ढाका, रतन खिलेरी, हरिराम पंवार, राजूराम खिलेरी, हरिराम डारा, बाबू खिलेरी मौजूद थे. इन्हीं लोगों के कंधे पर मुहिम को सफल बनाने की जिम्मेदारी भी है.
क्षेत्र के करड़ा, वाड़ाभाड़वी, भालनी, सेवड़ी, दांतीवास, पूनासा, वियो का गोलिया, नयावाड़ा, हापू की ढाणी, डुंगरवा और थोबाऊ गांव में कई युवा स्मैक की नशे की दलदल में धंसे हुए हैं. ऐसे में ग्रामीणों ने यह मुहिम शुरू की है. पुलिस ने शुरू की थी संजीवनी योजना वर्ष 2017 में तत्कालीन एसपी विकास शर्मा के निर्देशन में युवाओं में स्मैक की लत से छुटकारा दिलवाने और युवाओं का नशे की दुष्परिणाम से अवगत करवाने के लिए पुलिस ने संजीवनी योजना शुरू की थी.
इसके लिए गांव-गांव में नुक्कड़ नाटक और सभा के माध्यम से पुलिस और जनप्रतिनिधियों ने लोगों को नशे के दुष्परिणाम बताए. हालांकि पुलिस की इस मुहिम के परिणाम भी सार्थक रहे थे. इसके बाद अब पूनासा के ग्रामीणों ने यह कदम उठाया है. ग्रामीण क्षेत्र के खासकर युवावर्ग स्मैक और एमडी जैसे नशें के दलदल में धंस रहा है. इस नशे से नशेड़ी के साथ पूरा परिवार हो जाता है.