रानीवाड़ा ( जालोर). दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा भी नहीं थम रहा है. डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी 24 घंटे मरीजों की देखभाल में लगे हुए हैं. इसके साथ परोपकारी लोग भी अपने अपने हिसाब से मदद के लिए आगे आने लगे हैं. कोई निशुल्क मास्क उपलब्ध करा रहा है तो कोई सैनेटाइजर. कुछ लोग जरूरत मंदों को राहत सामग्री भी वितरित कर रहे हैं.
जालोर के रानीवाड़ा में भी लॉक डाउन और धारा 144 लागू होने के साथ ही उन लोगों के सामने दिक्कतें खड़ी हो गई हैं, जो दिहाड़ी मजदूरी करते हैं. रानीवाड़ा क्षेत्र भर में काफी संख्या में दिहाड़ी मजदूर निवास करते हैं. कोरोना वायरस को लेकर रानीवाड़ा सहित पूरा प्रदेश पिछले चार दिनों से बंद है. इसलिए दिहाड़ी मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है.
वहीं, रानीवाड़ा बाजार तीन-चार दिनों से बंद होने से दिहाड़ी मजदूर को घरेलू सामन नहीं मिल रहा है. रानीवाड़ा में दिहाड़ी मजदूर अन्य जिलों और अन्य राज्यों से आए हुए हैं. ट्रेन और बसों के ट्रांसपोर्टेशन बंद होने के बाद ये मजदूर अपने घर भी नहीं जा सकते. इसके साथ ही उनके सामने खाने के लाले भी पड़ने लगे हैं. लेकिन, इसी बीच इन लोगों को राहत देने के लिए कुछ सामाजिक कार्यकर्ता भी सामने आए हैं.
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इसी कड़ी में किराना व्यापार संघ रानीवाड़ा के अध्यक्ष रमेश कुमार माली ने घरेलू सामान के पैकेट बनाकर राहत सामग्री वितरित कर रहे हैं. कोरोना संकट से प्रभावित 150 परिवारों को प्रतिदिन आटा, दाल, शक्कर, मिर्ची, हल्दी पाउडर, प्याज, आलू, दाल, नमक आदि सामग्री वितरित कर रहे हैं.
व्यापारी रमेश कुमार और समाजसेवी जगदीश कुमार जोशी ने बताया कि कोरोना संकट के बीच जो लोग इस लॉकडाउन और धारा 144 के बीच फंस गए हैं, उनकी मदद के लिए भी हमें आगे आना होगा. साथ ही व्यापारी रमेश कुमार और समाजसेवी जगदीश कुमार ने क्षेत्रवासियों और भामाशाहों से अपील करते हुए कहा कि इस संकट के बीच रानीवाड़ा क्षेत्र के दिहाड़ी मजदूरों के सामने भोजन की बड़ी समस्या हो गई हैं. ऐसे में मजदूरों के खाने-पीने की व्यवस्था करवाना, सबसे बड़ा पुण्य का काम है.