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भारतमाला सड़क परियोजना के अंतर्गत किसानों की अधिग्रहित कृषि भूमि का बाजार मूल्य से राशि दी जाएंः सांसद पटेल

सांसद देवजी पटेल ने मंगलवार को संसद में भारतमाला सड़क परियोजना के अंतर्गत किसानों की अधिग्रहित कृषि भूमि का बाजार मूल्य से राशि देने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर करीब 20 दिन से बड़ी संख्या में किसानों का महापड़ाव और आंदोलन जारी है, जबकि राज्य सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं की जा रही है.

जालोर सिरोही लोकसभा सांसद,Jalore news
संसद में किसानों का मुद्दा गूंजा
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Published : Mar 17, 2020, 8:45 PM IST

रानीवाड़ा (जालोर). जालोर-सिरोही लोकसभा सांसद देवजी पटेल ने मंगलवार को संसद में भारतमाला सड़क परियोजना के अंतर्गत किसानों की अधिग्रहित कृषि भूमि का बाजार मूल्य से राशि देने का मुद्दा उठाया. सांसद पटेल ने कहा, कि केन्द्र सरकार की ओर से भारतमाला सड़क परियोजना के अंतर्गत सांगरिया से जामनगर तक सड़क का निर्माण किया जाना है, जिसमें जालोर जिले के सैकड़ों किसानों की उपजाऊ कृषि भूमि है.

संसद में किसानों का मुद्दा गूंजा

सांसद देवजी पटेल ने कहा कि उक्त भूमि नर्मदा नहर परियोजना और जवाई नदी से सिंचाई की जाती है. सिंचित भूमि पर किसानों की ओर से बागवानी (आम, अनार, खजूर, चीकू, पपीता आदि) सहित सब्जियों (मिर्च, टमाटर, प्याज, आलू, गोभी, लौकी) सहित व्यापारिक फसलें (जीरा, ईसबगोल, सरसों, मूंगफली, गेहूं, बाजरा, मेथी, अरंडी आदि) का उत्पादन किया जाता है. जिससे किसानों की आमदनी होती है और अपने परिवार सहित देश की जीडीपी में योगदान है.

पढ़ें- NCP, BTP से बात हुई है, बीजेपी के नाराज नेता भी हमारे संपर्क में: अमित चावड़ा

पटेल ने कहा, कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के हित में भूमि अधिग्रहण बिल, जो भारतीय संसद में पारित किया उक्त बिल में किसानों की जमीन बाजार मूल्य से अधिग्रहण करने का प्रावधान है. लेकिन भूमाफियों की मिलीभगत से डीएलसी दर राज्य सरकार की ओर से कम दर्शाई गई है. साथ ही मुख्यमंत्री की ओर से बजट में किसानों की भूमि की दर में और कटौती की गई है, जिसका नुकसान किसानों को भुगतना पड़ रहा है.

राज्य सरकार नहीं कर रही सुनवाई

उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर करीब 20 दिन से बड़ी संख्या में किसानों का महापड़ाव और आंदोलन जारी है, जबकि राज्य सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं की जा रही है. पटेल ने बताया कि जालोर-सिरोही जिले में कहीं भी कृषि भूमि का बाजार मूल्य कम से कम प्रति हैक्टर 40-50 लाख हैं, जबकि राज्य सरकार की ओर से दर्शाई गई डीएलसी दर प्रति हैक्टर लगभग 4-6 लाख है.

सांसद पटेल में संसद के माध्यम से केंद्र से अनुरोध करते हुए कहा, कि भारतमाला सड़क परियोजना में अधिग्रहित किसानों की भूमि का वास्तविक बाजार मूल्य का केंद्र सरकार के निर्देशन में राज्य स्तरीय सर्वे करवाकर किसानों को कृषि भूमि का बाजार मूल्य से राशि दी जाए.

रानीवाड़ा (जालोर). जालोर-सिरोही लोकसभा सांसद देवजी पटेल ने मंगलवार को संसद में भारतमाला सड़क परियोजना के अंतर्गत किसानों की अधिग्रहित कृषि भूमि का बाजार मूल्य से राशि देने का मुद्दा उठाया. सांसद पटेल ने कहा, कि केन्द्र सरकार की ओर से भारतमाला सड़क परियोजना के अंतर्गत सांगरिया से जामनगर तक सड़क का निर्माण किया जाना है, जिसमें जालोर जिले के सैकड़ों किसानों की उपजाऊ कृषि भूमि है.

संसद में किसानों का मुद्दा गूंजा

सांसद देवजी पटेल ने कहा कि उक्त भूमि नर्मदा नहर परियोजना और जवाई नदी से सिंचाई की जाती है. सिंचित भूमि पर किसानों की ओर से बागवानी (आम, अनार, खजूर, चीकू, पपीता आदि) सहित सब्जियों (मिर्च, टमाटर, प्याज, आलू, गोभी, लौकी) सहित व्यापारिक फसलें (जीरा, ईसबगोल, सरसों, मूंगफली, गेहूं, बाजरा, मेथी, अरंडी आदि) का उत्पादन किया जाता है. जिससे किसानों की आमदनी होती है और अपने परिवार सहित देश की जीडीपी में योगदान है.

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पटेल ने कहा, कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के हित में भूमि अधिग्रहण बिल, जो भारतीय संसद में पारित किया उक्त बिल में किसानों की जमीन बाजार मूल्य से अधिग्रहण करने का प्रावधान है. लेकिन भूमाफियों की मिलीभगत से डीएलसी दर राज्य सरकार की ओर से कम दर्शाई गई है. साथ ही मुख्यमंत्री की ओर से बजट में किसानों की भूमि की दर में और कटौती की गई है, जिसका नुकसान किसानों को भुगतना पड़ रहा है.

राज्य सरकार नहीं कर रही सुनवाई

उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर करीब 20 दिन से बड़ी संख्या में किसानों का महापड़ाव और आंदोलन जारी है, जबकि राज्य सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं की जा रही है. पटेल ने बताया कि जालोर-सिरोही जिले में कहीं भी कृषि भूमि का बाजार मूल्य कम से कम प्रति हैक्टर 40-50 लाख हैं, जबकि राज्य सरकार की ओर से दर्शाई गई डीएलसी दर प्रति हैक्टर लगभग 4-6 लाख है.

सांसद पटेल में संसद के माध्यम से केंद्र से अनुरोध करते हुए कहा, कि भारतमाला सड़क परियोजना में अधिग्रहित किसानों की भूमि का वास्तविक बाजार मूल्य का केंद्र सरकार के निर्देशन में राज्य स्तरीय सर्वे करवाकर किसानों को कृषि भूमि का बाजार मूल्य से राशि दी जाए.

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