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संसद में टिड्डी मामला उठने के बाद दिल्ली से आई टीम ने किया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा - jalore news

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की ओर से संसद में टिड्डी के हमले का मामला उठाने के बाद केन्द्रीय दल के अधिकारियों की टीम ने जालोर पहुंच कर करीब एक दर्जन प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया. बता दें कि जिले में करीब 371 गांव टिड्डी हमले से प्रभावित हैं.

जालोर न्यूज, jalore news
टिड्डी दल के आक्रमण से प्रभावित दूरदराज गांवों का जायजा लिया
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Published : Feb 20, 2020, 12:07 AM IST

जालोर. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की ओर से संसद में टिड्डी के हमले में फसल बर्बाद होने का मामला उठाने के बाद बुधवार को जालोर जिले में अन्तर मंत्रालयिक केन्द्रीय दल के अधिकारियों की टीम टिड्डी दल के आक्रमण से प्रभावित दूरदराज ग्रामीण क्षेत्र के गांवों का जायजा लेने पहुंची.

टीम ने प्रभावित काश्तकारों से रूबरू होकर उनकी समस्यायें सुनी और सक्षम स्तर तक उनकी परेशानियों और क्षति के बारे में जानकारी पहुंचाने और सरकार से हर संभव सहायता राहत दिलाने का आश्वास दिया.

1 दर्जन गावों का निरीक्षण

भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त निदेशक डाॅ. जे.पी.सिंह के नेतृत्व में निरीक्षण पर आई इस टीम में ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहायक आयुक्त मोतीराम और भारतीय खाद्य निगम के उप महाप्रबन्धक अनिल ढिल्लन साथ थे. उक्त टीम के सभी अधिकारियों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिलकर लगभग एक दर्जन ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर गांवों में काश्तकारों के खेतों पर जानकर टिड्डी दल के आक्रमण से उनकी फसलों को हुई क्षति के बारे में विस्तार से जाना.

पढ़ें-राजस्थान बजट 2020: गहलोत सरकार के बजट से अल्पसंख्यक समुदाय को बड़ी उम्मीदें

दल ने सांचोर और चितलवाना उपखंड क्षेत्र के ग्राम घमाणा, गोलिया, डेडवा, जाखल, गेनों का गोलिया में काश्तकार ईसराराम, मंगलाराम, उदाराम विश्नोई, पालड़ी, बरसल की बेरी, सेसावा में केसाराम, गुल मोहम्मद, गोमाराम के खेतों पर जाकर उनकी समस्याओं के बारे में जाना.

ग्रामीणों ने सुनाई व्यथा

ग्राम डूंगरी के ग्राम पंचायत भवन में कृषकों से बातचीत की, जिसमें ग्रामीणों ने बताया कि इस क्षेत्र के काश्तकारों का जीवन जीरे की फसल पर निर्भर है और इस फसल को सर्वाधिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा गेहूं, ईसबगोल और अन्य फसलों की भी क्षति हुई है. उन्होंने सरकार से राहत देने, मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की.

पढ़ें- बजट स्यूं आस : राजस्थान बजट 2020 से करौली की महिलाओं को ये हैं उम्मीदें...

जिस पर टीम के सदस्य जेपी सिंह ने आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार प्रभावित काश्तकारों को राहत देने की मंशा रखती है, इसीलिए यह दल लोगों से मिलने आया है. उन्होंने कहा कि उच्च स्तर पर इस संबंध में अधिकारियों की बैठक होने वाली है, उसमें यहां की स्थिति के बारे में जानकारी देकर उन्हें राहत देने के लिए अच्छे से अच्छे प्रयास किए जाएंगे.

सांचोर में ली बैठक

टिड्डी प्रभावित क्षेत्र में जायजा लेने से पूर्व जिला कलक्टर और केन्द्रीय दल के अधिकारियों की बैठक सांचोर के एक निजी होटल में आयोजित हुई. जिसमें पाॅवर पोइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से टीम के सदस्यों को जानकारी दी गई.

371 गांव प्रभावित हैं टिड्डी से

कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि जिले में टिड्डी दल के आक्रमण से 371 गांव और 31 हजार 179 काश्तकार प्रभावित हुए हैं. साथ ही 57 हजार 287 हैक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की क्षति हुई है, जिनमें जीरा, ऑयल सीड, गेहूं, ईसबगोल मुख्य है.

कलेक्टर गुप्ता ने बताया कि टिड्डी दल के आक्रमण को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन स्तर पर सीमित संसाधनों के रहते हुए भी भरपूर प्रयास किए गए. उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में टिड्डी दल को भगाने और उन्हें मारने के लिए कैमिकल स्प्रे का छिड़काव, ड्राॅन और विभिन्न अन्य कृषि तकनीकी संसाधनों से नियंत्रित करने के प्रयास किए गए.

यह भी पढ़ेंः जयपुर: ऑपरेशन हाईवे के तहत 8 शातिर बदमाश गिरफ्तार

इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर छगनलाल गोयल, सांचोर उपखण्ड अधिकारी भूपेन्द्र कुमार यादव, आर.ए.एस. प्रशिक्षु सीमा तिवाड़ी, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डाॅ. वी.आर.सोलंकी, टिड्डी मण्डल कार्यालय के सहायक निदेशक बी.आर.मीणा, आर.के.जैन और कृषि विभाग के उपनिदेशक डाॅ. आर.बी.सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

जालोर. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की ओर से संसद में टिड्डी के हमले में फसल बर्बाद होने का मामला उठाने के बाद बुधवार को जालोर जिले में अन्तर मंत्रालयिक केन्द्रीय दल के अधिकारियों की टीम टिड्डी दल के आक्रमण से प्रभावित दूरदराज ग्रामीण क्षेत्र के गांवों का जायजा लेने पहुंची.

टीम ने प्रभावित काश्तकारों से रूबरू होकर उनकी समस्यायें सुनी और सक्षम स्तर तक उनकी परेशानियों और क्षति के बारे में जानकारी पहुंचाने और सरकार से हर संभव सहायता राहत दिलाने का आश्वास दिया.

1 दर्जन गावों का निरीक्षण

भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त निदेशक डाॅ. जे.पी.सिंह के नेतृत्व में निरीक्षण पर आई इस टीम में ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहायक आयुक्त मोतीराम और भारतीय खाद्य निगम के उप महाप्रबन्धक अनिल ढिल्लन साथ थे. उक्त टीम के सभी अधिकारियों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिलकर लगभग एक दर्जन ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर गांवों में काश्तकारों के खेतों पर जानकर टिड्डी दल के आक्रमण से उनकी फसलों को हुई क्षति के बारे में विस्तार से जाना.

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दल ने सांचोर और चितलवाना उपखंड क्षेत्र के ग्राम घमाणा, गोलिया, डेडवा, जाखल, गेनों का गोलिया में काश्तकार ईसराराम, मंगलाराम, उदाराम विश्नोई, पालड़ी, बरसल की बेरी, सेसावा में केसाराम, गुल मोहम्मद, गोमाराम के खेतों पर जाकर उनकी समस्याओं के बारे में जाना.

ग्रामीणों ने सुनाई व्यथा

ग्राम डूंगरी के ग्राम पंचायत भवन में कृषकों से बातचीत की, जिसमें ग्रामीणों ने बताया कि इस क्षेत्र के काश्तकारों का जीवन जीरे की फसल पर निर्भर है और इस फसल को सर्वाधिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा गेहूं, ईसबगोल और अन्य फसलों की भी क्षति हुई है. उन्होंने सरकार से राहत देने, मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की.

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जिस पर टीम के सदस्य जेपी सिंह ने आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार प्रभावित काश्तकारों को राहत देने की मंशा रखती है, इसीलिए यह दल लोगों से मिलने आया है. उन्होंने कहा कि उच्च स्तर पर इस संबंध में अधिकारियों की बैठक होने वाली है, उसमें यहां की स्थिति के बारे में जानकारी देकर उन्हें राहत देने के लिए अच्छे से अच्छे प्रयास किए जाएंगे.

सांचोर में ली बैठक

टिड्डी प्रभावित क्षेत्र में जायजा लेने से पूर्व जिला कलक्टर और केन्द्रीय दल के अधिकारियों की बैठक सांचोर के एक निजी होटल में आयोजित हुई. जिसमें पाॅवर पोइन्ट प्रजेन्टेशन के माध्यम से टीम के सदस्यों को जानकारी दी गई.

371 गांव प्रभावित हैं टिड्डी से

कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि जिले में टिड्डी दल के आक्रमण से 371 गांव और 31 हजार 179 काश्तकार प्रभावित हुए हैं. साथ ही 57 हजार 287 हैक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की क्षति हुई है, जिनमें जीरा, ऑयल सीड, गेहूं, ईसबगोल मुख्य है.

कलेक्टर गुप्ता ने बताया कि टिड्डी दल के आक्रमण को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन स्तर पर सीमित संसाधनों के रहते हुए भी भरपूर प्रयास किए गए. उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में टिड्डी दल को भगाने और उन्हें मारने के लिए कैमिकल स्प्रे का छिड़काव, ड्राॅन और विभिन्न अन्य कृषि तकनीकी संसाधनों से नियंत्रित करने के प्रयास किए गए.

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इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर छगनलाल गोयल, सांचोर उपखण्ड अधिकारी भूपेन्द्र कुमार यादव, आर.ए.एस. प्रशिक्षु सीमा तिवाड़ी, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डाॅ. वी.आर.सोलंकी, टिड्डी मण्डल कार्यालय के सहायक निदेशक बी.आर.मीणा, आर.के.जैन और कृषि विभाग के उपनिदेशक डाॅ. आर.बी.सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

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