जालोर. जिले में कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों का सर्वे 10 अगस्त से लेकर 24 अगस्त तक किया जाएगा, जिससे इन बच्चों की पहचान करके उनका उपचार करवाया जा सके. इस सर्वे में 6 साल तक के 98 हजार बच्चों से संबंध में जानकारी जुटाई जाएगी.
जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि जिले में समेकित बाल विकास योजना के अंतर्गत संचालित स्वच्छता मिशन के तहत 6 साल तक के लगभग 98 हजार कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों के संबंध में सर्वे करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक अशोक बिश्नोई को निर्देश दिए गए हैं.
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जिला कलेक्टर ने कहा कि उप निदेशक को दिए निर्देश में बताया गया है कि सर्वे में योजनाबद्ध कार्यक्रम के अनुसार जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा सहयोगिनियों द्वारा शिविर लगाकर 0 से 3 और 3 से 6 साल तक के बच्चों का सर्वे करवाया जाए. कोई भी बच्चा किसी भी हालत में छूटना नहीं चाहिए. इस कार्य को पूरी ईमानदारी से किया जाए, अगर लापरवाही सामने आई तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा.
उप निदेशक अशोक बिश्नोई ने बताया कि जिले में 0 से 3 वर्ष साल के लगभग 53 हजार और 3 से 6 वर्ष के लगभग 45 हजार बच्चे हैं, जिनके संबंध में विभाग की टीम द्वारा सर्वे करवाया जाएगा. इस दौरान कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की पहचान की जाएगी, जिसके बाद उनको कुपोषण से मुक्त करने के लिए विभाग स्तर पर अभियान चलाया जाएगा.
जालोर की 275 ग्राम पंचायतों में होगा सर्वे
जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के अनुसार जिले के आहोर, जालोर, सायला, बागोड़ा, भीनमाल, रानीवाड़ा, जसवंतपुरा, सांचोर और चितलवाना उपखंड क्षेत्र के 275 ग्राम पंचायतों में करीब 800 से ज्यादा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा सहयोगियों द्वारा सर्वे किया जाएगा. इस दौरान कुपोषित और अतिकुपोषित की पहचान की जाएगी.