आहोर (जालोर). जिले के आहोर उपखंड के ग्राम पंचायत नोरवा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थियों को अत्याधुनिक तकनीकी से अध्ययन करवाया जाता है. राज्य सरकार की 1172 चरण के अन्तर्गत इस विद्यालय में 20 कम्प्यूटर उपलब्ध करवाएं गए हैं. इसी दौरान विद्यालय में फरवरी 2018 में रमसा कार्यालय सिरोही से स्थानांन्तरण होकर राजीव पूनिया वरिष्ठ अध्यापक विज्ञान के पद पर कार्यग्रहण किया. पूनिया की इच्छाशक्ति और ग्रामवासियों के जनसहयोग से लैब के साज-सज्जा का कार्य छात्र-छात्राओं के सहयोग से करवाया गया है.
विद्यालय की कम्प्यूटर लैब देखकर लगता है कि किसी बड़े विश्वविद्यालय का कम्प्यूटर लैब हो. ग्रामवासियों को कम्प्यूटर शिक्षा के प्रति जागरूक कर भामाशाहों के सहयोग से इन्वेटर और प्राजेक्टर के माध्यम से विज्ञान विषय का शिक्षण कार्य करवाया जाता हैं. वहीं इस लैब के लिए स्थानीय भामाशाह जगदीश सिंह, बाबु सिंह और डूंगाराम ने विद्यालय में सहयोग किया.
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प्रत्येक कम्प्यूटर, कि-बोर्ड और माउस को धूल-मिट्टी से बचाने के लिए छात्राओं के सहयोग से उनके कवर सिलवाए गए है. कम्प्यूटर लैब हरे रंग की कार्पेट से ढ़का हुआ है. जो इस लैब को अन्य विद्यालयों की कम्प्यूटर लैब से अलग करता हैं. यह लैब विशेष रूप से सरकार द्वारा कक्षा 9वीं से 10वीं के छात्र-छात्राओं के लिए सुचना प्रौद्योगिकी विषय के अध्यापन हेतु बनया गया हैं.
कभी-कभी अन्य कक्षा के विद्यार्थियों को भी प्रोजेक्टर के माध्यम से बड़े पर्दे पर इंटरनेट से प्रेरक कहानियां, प्रेरक फिल्मों और विषय सम्बंधित अन्य जानकरियां दिखाई जाती हैं. कम्प्यूटर लैब की सुरक्षा के लिए दो मुख्य गेट इन्टरलॉक की सुविधायुक्त और खिड़कियों को भी ग्रील सिस्टम से पुख्ता किया हुआ हैं. प्रत्येक खिड़की को छात्राओं द्वारा सिलाई किए हुए पर्दो से सुशोभित किया गया हैं.
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कक्षा 10वीं में विज्ञान विषय से सम्बंधित विषय वस्तु को समझाया जाता है, जिससे बच्चों को आसानी से समझ में आ सके. विद्यालय मे आने वाले प्रत्येक ग्रामवासी और जिला और ब्लॉक कार्यालय से आने वाले उच्च अधिकारी सभी कम्प्यूटर लैब की प्रशंसा करते हैं.
वृक्षारोपण और इकोक्लब के अन्तर्गत विद्यालय में साफ-सफाई का कार्य विद्यार्थियों की मदद से होता है. विद्यालय परिसर के पिछे खाली स्थान में दो अलग-अलग खड्डे करके कचरों का निस्तारण किया जाता है. जिसमें एक खड्डा प्लास्टिक के कचरे को निस्तारण करने और दूसरा जैविक कचरे कॉपी, किताब, कागज, पत्ते आदि के लिए बनाए गए हैं. जिससे विद्यालय का परिसर स्वच्छ रहता हैं. वहीं बोर्ड परीक्षा के मध्य नजर विद्यालय की छुट्टी होने बाद रहवासी शिक्षकों द्वारा बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों को अध्ययन करवाया जाता है.